Stock markets : भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स 29 सितंबर को तेजी के रुख के साथ खुले, जिससे छह दिनों की गिरावट का सिलसिला टूट गया। आईटी, ऑटो, फार्मा और मेटल शेयरों से सपोर्ट मिल रहा है। यह उछाल पिछले हफ्ते की लगभग 3 फीसदी की गिरावट के बाद आया है। पिछले हफ्ते टैरिफ और वीज़ा फीस की बढ़ोतरी की खबरों ने बाजार को कमजोर कर दिया था।
फिलहाल 9.50 के आसपास सेंसेक्स 240.87 अंक या 0.30 प्रतिशत बढ़कर 80,667.33 पर पहुंच गया था, जबकि निफ्टी 81.50 अंक या 0.33 प्रतिशत बढ़कर 24,736.20 पर दिख रहा था। मार्केट ब्रेड्थ सकारात्मक था। 2,011 शेयरों में तेजी, 1,099 में गिरावट और 168 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था।
छोटे-मझोले शेयरों में भी बढ़त
छोटे-मझोले शेयरों में भी बढ़त के साथ कारोबार हो रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में पांच दिनों से चली आ रही गिरावट थम गई है। हालांकि, इंडिया VIX में 2 प्रतिशत की और बढ़त हुई हो, जो बाजार में जारी घबराहट को दर्शाता है।
आईटी शेयरों ने छह दिनों की गिरावट का सिलसिला तोड़ा
सेक्टोरल इंडेक्सों पर नजर डालें तो आईटी शेयरों ने छह दिनों की गिरावट का सिलसिला तोड़ते हुए बाजार को कुछ सहारा दिया है। पिछले हफ़्ते एच1बी वीज़ा शुल्क बढ़त की ख़बर और एक्सेंचर के वित्त वर्ष 26 के कमज़ोर अनुमान से प्रभाव से उबरने के बाद आज टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो और टेक महिंद्रा के शेयरों में तेज़ी आई है।
फार्मा शेयरों में भी आई तेजी
फार्मा शेयरों में भी तेजी आई है और इनमें पांच दिनों से चली आ रही गिरावट का सिलसिला थम गया है। सन फार्मा, डिवीज़ लैब, सिप्ला और डॉ. रेड्डीज़ लैब्स ने इस बढ़त में लीडरशिप की है। चीन द्वारा भारतीय दवाओं पर आयात शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने के कदम से बाजार में उत्साह बढ़ा है। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्रांडेड और पेटेंट दवाओं पर लगाए गए 100 प्रतिशत टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकता है।
विश्लेषकों ने सावधानी बरतने की सलाह
हालांकि मौजूदा वोलैटिलिटी को देखते हुए, विश्लेषकों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग की तकनीकी और डेरिवेटिव विश्लेषक अमृता शिंदे ने कहा: "24,500 से नीचे जाने पर निफ्टी में 24,400 (200-डे ईएमए) और फिर 24,180 तक की गिरावट देखने को मिल सकती है। ऊपर की ओर, 24,750, 24,880 और 25,000 पर रेजिस्टेंस है। जब तक निफ्टी इन अहम स्तरों को फिर से हासिल नहीं कर लेता शॉर्ट टर्म रुझान निगेटिव बना रहेगा।"
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने भी यह राय है। उन्होंने कहा कि महंगे वैल्यूएशन के बीच ब्रॉडर मार्केट में कमजोरी जारी रहने की संभावना है। उन्होंने आगे कहा कि निवेशक ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, टेलीकॉम, कैपिटल गुड्स और सीमेंट जैसे सेक्टरों के चुनिंदा शेयरों में निवेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि फार्मा सेक्टर में आई गिरावट खरीदारी का अवसर दे रही है क्योंकि पेटेंट और ब्रांडेड दवाओं पर अमेरिकी टैरिफ का भारत के जेनेरिक निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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