Market trend: भारत-अमेरिका ट्रेड वार्ता ने सेंटीमेंट को दिया बूस्ट, निफ्टी 25200 के पार, आज इन अहम स्तरों पर रहे नजर

India-US trade talks : भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता से सकारात्मक संकेतों तथा रियल्टी और पीएसयू बैंक शेयरों के नेतृत्व में आई खरीदारी के कारण बुधवार को भारतीय शेयर बाजार थोड़ा ऊपर खुले हैं

अपडेटेड Oct 15, 2025 पर 10:27 AM
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Market News : छोटे-मझोले शेयरों में भी बढ़त दिख रही है। जो व्यापक खरीदारी रुचि का संकेत है। निफ्टी मिडकैप 100 में 0.2 प्रतिशत की बढ़त नजर आ रही है

Stock market : बुधवार, 15 अक्टूबर को दलाल स्ट्रीट के बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स हल्की बढ़त के साथ खुले हैं। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर बनी उम्मीद बाजार पर अपना असर दिखा रही है। इस सप्ताह के अंत में भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड वार्ता होने वाली है सुबह 10 बजे के आसपास सेंसेक्स 236.29 अंक या 0.29 फीसदी बढ़कर 82,266.27 पर और निफ्टी 78.30 अंक या 0.31 प्रतिशत बढ़कर 25,223.80 पर दिख रहा थालगभग 1323 शेयरों में तेजी, 883 शेयरों में गिरावट और 148 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था

अधिकांश सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहे हैंनिफ्टी रियल्टी में तेज बढ़त देखने को मिल रही हैये इंडेक्स 0.68 प्रतिशत चढ़ा हैइसके बाद निफ्टी पीएसयू बैंक में 0.60 प्रतिशत की बढ़त दिख रही हैफाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, एफएमसीजी और ऑटो इंडेक्सों में भी मामूली बढ़त हैदूसरी ओर, निफ्टी मीडिया और निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.14 प्रतिशत और 0.13 प्रतिशत तक की गिरावट आई हैजबकि आईटी और फार्मा सहित दूसरे सेक्टरों में मामूली बढ़त दिख रही है

छोटे-मझोले शेयरों में भी बढ़त दिख रही हैजो व्यापक खरीदारी रुचि का संकेत हैनिफ्टी मिडकैप 100 में 0.2 प्रतिशत की बढ़त नजररही हैजबकि निफ्टी स्मॉलकैप में लगभग 0.4 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार हो रहा हैपिछले महीनों के दौरान, बेंचमार्क इंडेक्स सीमित दायरे में कारोबार करते रहे हैंसकारात्मक संकेतों का अभाव है तथा एफआईआई द्वारा फिर से हो रही बिकवाली से बाजार में दबाव हैकमजोर अर्निंग ग्रोथ के चलते एफआईआई का मूड खराब हुआ हैइससे बाजार के लिए शॉर्ट टर्म चुनौतियां नजररही हैं

बाजार पर एक्सपर्ट की राय

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के वीके विजयकुमार का कहना है कि दूसरी तिमाही के नतीजों से सेंटीमेंट में बदलाव की संभावना कम है, क्योंकि जीएसटी कटौती के बाद खरीदारी धीमी होने से सितंबर में कॉर्पोरेट बिक्री पर असर पड़ा थालेकिन सितंबर के बाद, कहानी अलग हैउन्होंने आगे कहा, "ऑटोमोबाइल और व्हाइट गुड्स की बिक्री में तेज़ीरही हैकम ब्याज दरों के दौर में, दरों में और कटौती की उम्मीद के साथ मांग में तेजी कायम रहने की उम्मीद हैइस सकारात्मक फैक्टर्स का असर दूसरी तिमाही के नतीजों के मौसम में नहीं, बल्कि तीसरी तिमाही के नतीजों में दिखाई देगाबाज़ार जल्द ही इस पर ध्यान देना शुरू कर देगा, और तभी बाजार में एक हेल्दी और टिकाऊ रैली देखने को मिलेगी।"


इन अहम स्तरों पर रहे नजर

चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग की तकनीकी और डेरिवेटिव विश्लेषक अमृता शिंदे का कहना है कि तकनीकी नजरिए से देखें तो 25,300-25,350 की ओर मजबूती हासिल करने के लिए 25,200-25,250 से ऊपर एक निर्णायक कदम की आवश्यकता है, जबकि सपोर्ट 25,050 और 25,000 पर हैंइस लेवल के आसपास की गिरावट में खरीदारी के अच्छे मौके हो सकते हैं

 

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