कोटक MUTUAL FUND ने अगले साल के लिए मार्केट आउटलुक 2025 नाम से एक खास रिपोर्ट निकाली है। इस रिपोर्ट में उन 5 बड़ी थीम्स का जिक्र किया गया है,जहां बड़ा पैसा बन सकता है। इस रिपोर्ट पर खास चर्चा के लिए KOTAK AMC के MD & CEO नीलेश शाह आज सीएनबीसी-आवाज़ के साथ जुड़े। नीलेश शाह की राय है कि अगले साल दिसंबर तक RBI अपनी ब्याज दरों में 50-75 बेसिस प्वांट तक की कटौती कर सकता है। मार्केट में करेक्शन खरीदारी का अच्छा मौका है। सीमित जोखिम के साथ फिक्स्ड इनकम में सामान्य रिटर्न मिलने की उम्मीद है। इस समय बैंक, ऑटो, टेलीकॉम, फार्मा और IT स्पेस में निवेश के अच्छे मौके हैं।
कोटक MF की रिपोर्ट, 2025 के लिए बड़ी थीम
कोटक MF की रिपोर्ट में कहा गया है कि कैपेक्स साइकल रिवाइवल,फाइनेंशियल सर्विस का विस्तार, टेक्नोलॉजी- न्यू एज सर्विस, कंजम्प्शन और रुरल रिवाइवल और हेल्थकेयर 2025 के लिए बड़ी थीम हैं।
कोटक MF की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कैपेक्स का शानदार दौर चल रहा है। केंद्र सरकार और कॉरपोरेट के खर्च में तेजी आएगी। कई कंपनियों के ऑर्डरबुक में बढ़ोतरी हो रही है। कैपिटल खर्च बढ़ेगा तो इंफ्रासेक्टर में मौका मिलेगा। पावर और रीन्यूएबल सेक्टर में तेजी से निवेश हो रहा है। मशीनरी, सीमेंट और बिल्डिंग मैटेरियल स्पेस निवेश के लिहाज से बेहतर हैं।
फाइनेंशियल सर्विस का विस्तार
इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बैंक क्रेडिट ग्रोथ और डिपॉजिट ग्रोथ का अंतर घटा है। बैंकों पर मार्जिन का दबाव घट सकता है। बाजार के मुकाबले बैंकिंग का वैल्युएशन तर्कसंगत है। बैंकों में 4 साल से वैल्यूएशन की री-रेटिंग जारी है। RBI से लिक्विडिटी सख्ती घटने बैंकों को फायदा होगा। आगे डिपॉजिट और क्रेडिट ग्रोथ में तेजी की उम्मीद है। आगे रिटेल निवेशक की बड़ी सुनामी आएगी।
टेक्नोलॉजी-न्यू एज सर्विस
कोटक MF का कहना है कि IT सर्विस खर्च में सुधार की उम्मीद है। न्यू ऐज सर्विस में भारत की भूमिका बढ़ी है। AI, ब्लॉकचेन, साइबर सिक्योरिटी में भारत अहम प्लेयर है। जनरेटिव AI से ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। 2022 के मुकाबले 2027 में 15 गुना AI डिमांड संभव है। टेक्नोलॉजी स्पेस मार्केट को आउटपरफॉर्म कर सकता है।
कंजम्प्शन और रुरल रिवाइवल
अच्छे मॉनसून के बाद रूरल इकोनॉमी में रिवाइवल के संकेत मिल रहे हैं। कोविड के बाद कंजम्प्शन सेक्टर में मिक्स रिकवरी देखने को मिली है। प्रीमियम प्रोडक्ट में ग्रोथ तो मास कंजम्प्शन में सुस्ती देखने को मिली है। कंजम्प्शन में शहरी इलाके गांवों से आगे निकल गए हैं। लेकिनअब रुरल खर्च में भी रिकवरी के संकेत हैं। असंगठित रिटेल से संगठित रिटेल की तरफ शिफ्ट से फायदा होगा। रूरल थीम में टू-व्हीलर और ट्रैक्टर स्पेस ज्यादा बेहतर है।
इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि प्रति व्यक्ति आय के साथ हेल्थकेयर पर खर्च बढ़ने की उम्मीद है। हेल्थकेयर की डिमांड पूरा करने की क्षमता मौजूद है। हेल्थकेयर में भारत आउटसोर्सिंग डेस्टिनेशन के तौर पर उभरा है। भारत से दुनियाभर में सस्ती दवा की सप्लाई जारी है।
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