MC Investigation : फर्जी स्टॉक एडवाइजर्स का नाता जीरोधा, Angel One, Motilal जैसी ब्रोकिंग फर्मों से, जानिए पूरी कहानी

मनीकंट्रोल की जांच में चौंकाने वाला सच सामने आया है। पता चला है कि Zerodha, Angel One, Motilal Oswal Financial Services और Upstox जैसी दिग्गज ब्रोकरेज फर्मों का संबंध ऐसे गुरुओं से है, जो सेबी में रजिस्टर्ड नहीं हैं। इन्हें फिनफ्लूएंसर्स (Finfluencers) कहा जाता है। ये निवेशकों को बताते हैं कि उन्हें किन शेयरों में पैसे लगाने से मोटी कमाई हो सकती है। वे नए लोगों को मार्केट में इनवेस्ट करने के लिए तैयार करते हैं। इसका मकसद ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ाना होता है

अपडेटेड Aug 18, 2023 पर 1:07 PM
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ब्रोकरजे फर्मों के साथ फिनफ्लूएंसर्स का यह जुड़ाव/पार्टनरशिप कई रूप में है। लेकिन, सभी में रेफरल प्रोग्राम की मदद ली गई है। इसका मतलब यह है कि ये फिनफ्लूएंसर्स ब्रोकिंग फर्मों के क्लाइंट्स को अपने कंटेंट में दिए लिंक के जरिए सलाह देते हैं।

अब तक इंडिपेंडेंट स्टॉक मार्केट गुरु के निवेश की सलाह देने की खबरें मिलती रही हैं। अब एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। पता चला है कि Zerodha, Angel One, Motilal Oswal Financial Services और Upstox जैसी दिग्गज ब्रोकरेज फर्मों का संबंध ऐसे गुरुओं से है। इन्हें फिनफ्लूएंसर्स (Finfluencers) कहा जाता है। ये निवेशकों को बताते हैं कि उन्हें किन शेयरों में पैसे लगाने से मोटी कमाई हो सकती है। वे नए लोगों को मार्केट में इनवेस्ट करने के लिए तैयार करते हैं। इसका मकसद ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ाना होता है। फिनफ्लूएंसर्स मार्केट रेगुलेटर SEBI में रजिस्टर्ड नहीं होते हैं। निवेश की सलाह के लिए सेबी के नियमों का वे खुलेआम उल्लंघन करते हैं। मनीकंट्रोल के इनवेस्टिगेशन से यह पता चला है।

पर्दे के पीछ चल रहा पूरा खेल

Zerodha, Angel One, MOFSL और Upstox ने इस बारे में पूछने पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिए। लेकिन, इनमें से एक ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि फिनफ्लूएंसर्स से इस तरह की पार्टनरशिप को लेकर अभी मार्केट रेगुलेटर के नियम स्पष्ट नहीं हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी पार्टनरशिप के बारे में सेबी की तरफ से स्थिति स्पष्ट किए जाने का इंतजार है।


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एजुकेशनल पर्पस की आड़ में चल रहा धंधा

मनीकंट्रोल को अलग-अलग कम से कम चार पार्टनर फिनफ्लूएंसर्स के बारे में पता चला। उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। वे शेयरों के बारे में चर्चा करते हैं। बाद में यह डिसक्लेमर दे दिया जाता है कि वे सेबी-रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स या रिसर्च एनालिस्ट नहीं हैं। यह बातचीत सिर्फ एजुकेशनल पर्पस के लिए है। लेकिन, लीगल एक्सपर्ट्स ने मनीकंट्रोल को बताया कि सिर्फ सेबी में रजिस्टर्ड एडवाइजर्स को शेयरों के बारे में चर्चा करने की इजाजत है। डिसक्लेमर में एजुकेशनल पर्पस बताकर ऐसा करना ठीक नहीं है।

फायदे के लिए आंखें मूंद लेती हैं ब्रोकरेज फर्में

ब्रोकरजे फर्मों के साथ फिनफ्लूएंसर्स का यह जुड़ाव/पार्टनरशिप कई रूप में है। लेकिन, सभी में रेफरल प्रोग्राम की मदद ली गई है। इसका मतलब यह है कि ये फिनफ्लूएंसर्स ब्रोकिंग फर्मों के क्लाइंट्स को अपने कंटेंट में दिए लिंक के जरिए सलाह देते हैं। उन्हें ब्रोकिंग फीस का एक हिस्सा बतौर कमीशन मिलता है। वे स्टॉक्स के बारे में राय जानने के लिए कई तरह के आइडियाज की चर्चा करते हैं। इस प्रैक्टिस से जुड़े लोगों का कहना है कि ब्रोकरेज फर्में नियमों के इस उल्लंघन पर अपनी आंखें बंद कर लेती हैं, क्योंकि उन्हें इससे कई तरह से फायदा होता है। उनके क्लाइंट्स की संख्या बढ़ती है।

MoneyControl News

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First Published: Aug 18, 2023 12:58 PM

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