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चीन के प्रॉपर्टी मार्केट में संकट गहराया, Evergrande Group ने अमेरिकी बैंकरप्सी कोर्ट में याचिका दाखिल की

Evergrande Group ने अमेरिका के बैंकरप्सी कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें कंपनी ने बैंकों की कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की है। इससे चीन के प्रॉपर्टी मार्केट में बढ़ती क्राइसिस के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। चीन की इकोनॉमी पहसे से मुश्किल में है। उस पर डिफ्लेशन का खतरा बढ़ रहा है। एवरग्रांड एक समय चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी थी

अपडेटेड Aug 18, 2023 पर 12:08 PM
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पिछले दिनों में चीन की कई प्रॉपर्टी कंपनियों के विदेश से जुटाए गए कर्ज पर डिफॉल्ट की खबरें आई हैं। इसका सीधा असर चीन के रियल एस्टेट मार्केट पर पड़ा है। बड़ी संख्या में घरों का कंस्ट्रक्शन वर्क रुका हुथआ है। घरों की बिक्री में बड़ी गिरावट आई है।

चीन की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। रियल एस्टेट कंपनी Evergrande Group ने अमेरिका के बैंकरप्सी कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें कंपनी ने बैंकों की कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की है। इससे चीन के प्रॉपर्टी मार्केट में बढ़ती क्राइसिस के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। चीन की इकोनॉमी पहसे से मुश्किल में है। उस पर डिफ्लेशन का खतरा बढ़ रहा है। एवरग्रांड एक समय चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी थी। दो साल पहले इसकी मुश्किल तब शुरू हुई थी, जब चीन की सरकार ने रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ सख्ती शुरू की थी। इस पर 300 अरब डॉलर से ज्यादा कर्ज है।

बैंकरप्सी कानून के तहत मांगी सुरक्षा

Evergrande ने अमेरिकी बैंकरप्सी कानून के चैप्टर 15 के तहत सुरक्षा मांगी है। इस चैप्टर के तहत गैर-अमेरिकी कंपनियों को बैंकों की कार्रवाई से सुरक्षा मिलती है। आम तौर पर ऐसी कंपनियों की लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए बैंकों से बातचीत चल रही होती है। कंपनियों को यह डर होता है कि बैंक अपने पैसे की वसूली के लिए उनके एसेट्स को अपने कब्जे में ले सकते हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया कि यह फाइलिंग प्रोसिजर का हिस्सा है, लेकिन एवरग्रांड को अमेरिकी कानून के तहत लोन की रिस्ट्क्चरिंग के लिए ऐसा करने को मजबूर होना पड़ा है। कंपनी को डर है कि बैंक अमेरिका में उसके एसेट्स का कंट्रोल अपने हाथ में लेने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।


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कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग के लिए चल रही बातचीत

चीन की इस बड़ी रियल एस्टेट कंपनी के कुल 31.7 अरब डॉलर की रिस्ट्रक्चरिंग के लिए बातचीत चल रही है। यह पूरा कर्ज कंपनी ने विदेश से जुटाया है। इनमें बॉन्ड्स, कोलैटरल और रिपर्चेज ऑब्लिगेशंस शामिल हैं। इस बारे में Evergrande ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। एक समय एवरग्रांड की चीन के प्रॉपर्टी बाजार में धाक थी। अब यह चीन के रियल एस्टेट मार्केट में बढ़ती डेट क्राइसिस का प्रतीक बन गई है। चीन की इकोनॉमी में वहां के प्रॉपर्टी मार्केट की करीब एक चौथाई हिस्सेदारी है। चीन के प्रॉपर्टी मार्केट में डेट क्राइसिस की शुरुआत 2021 के मध्य में हुई थी।

दूसरी रियल एस्टेट कंपनियां भी कर चुकी हैं डिफॉल्ट

पिछले दिनों में चीन की कई प्रॉपर्टी कंपनियों के विदेश से जुटाए गए कर्ज पर डिफॉल्ट की खबरें आई हैं। इसका सीधा असर चीन के रियल एस्टेट मार्केट पर पड़ा है। बड़ी संख्या में घरों का कंस्ट्रक्शन वर्क रुका हुथआ है। घरों की बिक्री में बड़ी गिरावट आई है। इससे रियल एस्टेट मार्केट के निवेशकों के भरोसे को बड़ा झटका लगा है। प्रॉपर्टी सेक्टर की इस क्राइसिस के आगे दूसरे मार्केट्स को भी अपनी चपेट में लेने की आशंका जताई जा रही है। ऐसा होने पर मुश्किल का सामना कर रही चीन की इकोनॉमी खतरनाक स्थिति में पहुंच सकती है। इससे चीन में बड़ी संख्या में बेरोजगारी पैदा हो सकती है।

मार्च में कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग का किया था ऐलान

Evergrand ने मार्च में विदेश में अपने कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग का ऐलान किया था। उसे इस प्रोसेस के आसानी से पूरा हो जाने की उम्मीद थी। लेकिन, अब वह इस प्रोसेस को लेकर कोर्ट से सुरक्षा की मांग कर रही है। कंपनी को लोन देने वाले बैंक इस महीने रिस्ट्रक्चरिंग प्रपोजल पर वोटिंग करेंगे। इस प्रपोजल को हांगकांग और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स के कोर्ट्स के एप्रूवल सितंबर के पहले महीने में मिलने की उम्मीद है।

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