Why Metal Stocks: अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ का रेट जारी कर दिया है। इसके चलते आज लगातार दूसरे कारोबारी दिन मार्केट में बिकवाली का भारी दबाव है। मेटल शेयरों की बात करें तो अमेरिकी टैरिफ के चलते इंडस्ट्रियल कमोडिटीज की मांग पर गंभीर असर पड़ने की आशंका को देखते हुए बिकवाली के दबाव से जूझने लगे। हिंडाल्को (Hindalco), नाल्को (Nalco), वेदांता (Vedanta), जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) के शेयर धड़ाम से गिर गए। मेटल्स का बीएसई इंडेक्स BSE Metal शुरुआती कारोबार में आज 4 अप्रैल को 3 फीसदी से अधिक टूट गया। आज लगातार दूसरे कारोबारी दिन इसमें गिरावट आई है। वेदांता के शेयर 5 फीसदी टूटे हैं तो नाल्को, हिंडाल्को और टाटा स्टील के शेयर 4-4 फीसदी टूट गए जबकि जिंदल स्टील एंड पावर के शेयर 3.3 फीसदी फिसल गए।
मेटल्स प्रतिबंधों से बाहर, फिर भी शेयर धड़ाम क्यों?
अमेरिका ने मेटल्स को बड़े पैमाने पर व्यापक व्यापार प्रतिबंधों से बाहर रखा गया है। हालांकि इस बात की आशंका बनी हुई है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों के व्यापक आर्थिक प्रभाव वैश्विक विकास को धीमा कर सकते हैं और खपत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। COMEX पर मई डिलीवरी के लिए तांबा $4,839 प्रति पाउंड ($10,645 प्रति टन) तक गिर गया, जो पिछले हफ्ते की रिकॉर्ड ऊंचाई से 10% नीचे है। लंदन मेटल एक्सचेंज पर भी तांबा 2% गिरकर 9,510.5 डॉलर प्रति टन पर आ गया। इसके साथ ही एल्युमीनियम भी लगभग सात महीनों में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया।
लगातार दिख सकता है गिरावट का दबाव
मार्केट एनालिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि तांबे की कीमतों में लगातार गिरावट का दबाव बना रह सकता है क्योंकि निवेशक नए टैरिफ के पूर्ण प्रभाव का आकलन कर रहे हैं। मैक्स लेटन (Max Layton)समेत सिटीग्रुप के एनालिस्ट्स का अनुमान है कि 2025 की दूसरी तिमाही में तांबे की कीमतें 8,500 डॉलर प्रति टन तक गिर सकती हैं क्योंकि टैरिफ से जुड़ी चिंताएं वैश्विक ग्रोथ पर असर डाल रही हैं। इकनॉमिस्ट्स का अनुमान है कि भारतीय जीडीपी को 0.3 फीसदी का झटका लग सकता है और निर्यात तो 9 फीसदी का। इसके अलावा अमेरिकी टैरिफ वैश्विक आर्थिक ग्रोथ को सुस्त कर सकता है जबकि वैश्विक मांग में कमी के कारण तेल की कीमतें कुछ वर्षों तक पूर्वानुमान से कम रह सकती हैं।
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