Metal Stocks: कमजोर डॉलर और भारतीय इकॉनमी की मजबूत ग्रोथ पर मेटल कंपनियों के शेयरों में आज लगातार तीसरे कारोबारी दिन जोरदार तेजी आई। 14 दिग्गज मेटल कंपनियों का निफ्टी इंडेक्स निफ्टी मेटल (Nifty Metal) करीब 3 फीसदी उछल गया। आज लगातार तीसरे कारोबारी दिन यह ऊपर चढ़ा है। सबसे तेज तो टाटा स्टील (Tata Steel) का शेयर चढ़ा जो करीब 5% उछल गया। वहीं सेल (SAIL) और जिंदल स्टील एंड पावर (Jindal Steel & Power) के शेयर 4%-4% उछल गए। वेलस्पन कॉर्प (Welspun Corp), नालको (NALCO), हिंदुस्तान कॉपर (Hindustan Copper) और जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) के शेयर 3% से अधिक उछल गए। इसके अलावा हिंडालको (Hindalco), एनएमडीसी (NMDC) और वेदांता (Vedanta) के शेयर भी 2%-2% उछल पड़े।
इन वजहों से मेटल शेयरों में जोरदार तेजी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में 3-4 सितंबर को जीएसटी परिषद की नई दिल्ली में बैठक हो रही है। इसमें जीएसटी स्लैब को आसान 5% और 18% में करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श होगा। स्टॉककार्ट (Stoxkart) के डायरेक्टर और सीईओ प्रणय अग्रवाल का कहना है कि जीएसटी सुधार और दरों में कटौती से कंप्लॉयंस कॉस्ट में कमी आएगी, एफिशिएंसी में सुधार होगा और अफोर्डेबिलिटी बढ़गी, जिससे ग्रोथ तेज हो सकती है। प्रणय के मुताबिक घर बनाने से जुड़े सामानों पर कम जीएसटी से रियल एस्टेट की मांग बढ़ेगी और मेटल जैसी अधिक पूंजी जरूरतों वाली इंडस्ट्रीज को भी फायदा मिलेगा।
अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने 22 अगस्त को कहा था कि लेबर मार्केट की सुस्ती के चलते ही जल्द ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों में कटौती करने के लिए मजबूर कर सकता है। अधिकतर निवेशकों को उम्मीद है कि 16-17 सितंबर को होने वाली अपनी बैठक में फेड ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कर सकता है। ये दरें हल्की होने पर विदेशी निवेशकों की उधारी लागत कम हो सकती है, जिससे वे भारत जैसे हाई ग्रोथ वाले मार्केट में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है और मेटल स्टॉक्स को भी इसका फायदा मिलेगा।
न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक डीबीएस की एक रिपोर्ट के बाद डॉलर में काफी कमजोरी आई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी फेड में ट्रंप की नियुक्तियों से डॉलर पर और दबाव पड़ने के आसार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक लेबर मार्केट में पहले ही सुस्ती छाई है और फेड के प्रमुख जेरोम पॉवेल ब्याज दरों में कटौती की संभावना का संकेत दे चुके हैं। डीबीएस के मुताबिक अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की संभावना पर ओवरवैल्यू हो चुके डॉलर में और नरमी आ सकती है। डॉलर की कमजोरी से मेटल्स की वैश्विक मांग में सुधार होता है, जिससे भारतीय मेटल कंपनियों को निर्यात के बेहतरीन मौकों और बेहतर प्राइसिंग के जरिए फायदा मिलता है।
स्टील का उत्पादन घटाने की चीन की योजना
न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की योजना वर्ष 2025 और 2026 के बीच स्टील का उत्पादन घटाने की है ताकि अतिरिक्त क्षमता से निपटा जा सके। चीन में उत्पादन कम होता है तो भारतीय मार्केट में सस्ते मेटल की डंपिंग कम हो सकती है और भारतीय मेटल कंपनियों को फायदा हो सकता है। ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने तो मेटल और माइनिंग कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 2026-28 के ऑपरेटिंग प्रॉफिट के अनुमान को (-) 4% से 8% कर दिया है। मेटल्स में भी बात करें तो डिमांड के मुकाबले टाइट सप्लाई के चलते सीएलएसए की पसंद एलुमिनियम बनी हुई है।
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