पिछले करीब डेढ़ महीने से बाजार में निचले स्तरों से अच्छी तेजी आती नजर आई है। इस अवधि में दिग्गजों के साथ ही छोटे-मझोले शेयरों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। तुलनात्मक रुप से देखें तो मिड और स्मॉलकैप ने ब्रॉडर इंडेक्स की तुलना में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है। जुलाई महीने में बीएसई के मिडकैप इंडेक्स में 10.77 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है जबकि इसी अवधि में सेंसेक्स में सिर्फ 8 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। अगस्त महीने में अब तक मिडकैप में करीब 2.10 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है जबकि इसी अवधि में सेंसेक्स में 2.23 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
इसी तरह स्मॉलकैप भी इसी नक्शे कदम पर हैं। जुलाई में बीएसई स्मॉलकैप में 9.16 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है जबकि अगस्त में अब तक इसमें 2.31 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है जो सेंसेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन है।
जानकारों का कहना है कि ग्लोबल कमोडिटी कीमतों में गिरावट , कच्चे तेल की नरमी, यूएस फेड और दूसरे केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी की आशंका कम होने जैसे कारणों की वजह से बाजार का सेंटीमेंट सुधरा है। जिसका फायदा अब तक काफी पिट चुके छोटे-मझोले शेयरों को मिलता नजर आया है।
Kotak Securities के श्रीकांत चौहान का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में देखते हुए हमारा मानना है कि निवेशकों का रुझान लॉर्ज कैप से बदलकर ज्यादा जोखिम वाले मिडकैप सेक्टर की ओर हो गया है । निवेशकों को छोटी कंपनियों में आगे ज्यादा ग्रोथ की संभावना नजर आ रही हैं। हाल के दिनों में में लॉजिस्टिक्स, बिल्डिंग मटेरियल, पाइप , इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल्टी शेयरों में निवेशकों की जोरदार रुचि देखने को मिली है। श्रीकांत चौहान का कहना है कि इस समय बड़ी कंपनियों की तुलना में छोटी कंपनियों में ग्रोथ की ज्यादा संभावना नजर आ रही है।
बाजार जानकारों का यह भी कहना है कि तमाम मिडकैप कंपनियां अपने क्षमता विस्तार का काम पूरा कर चुकी हैं। इनके कैश फ्लो में मजबूती देखने को मिल रही है और एक बड़े करेक्शन के बाद वैल्यूएशन के नजरिए से भी मिडकैप कंपनियां अच्छी लग रही हैं। ऐसे में निवेशकों को बुनियादी रूप से मजबूत अच्छी ग्रोथ संभावना वाली कंपनियों को चुनकर उनमें निवेश करना चाहिए।
Prabhudas Lilladher का भी मानना है कि इस समय मिडकैप कंपनियों के वैल्यूएशन लॉर्जकैप की तुलना में अच्छे नजर आ रहे हैं। घरेलू इन्वेस्टमेंट साइकिल में तेजी आने और इकोनॉमी में निवेश बढ़ने से फायदे में रहने वाले स्टॉक्स पर नजर रहनी चाहिए।
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