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शेयरों में निवेश करना चाहते हैं? जानिए लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप में से किसमें मिलेगा ज्यादा रिटर्न

पिछले एक महीने में सेंसेक्स और निफ्टी में 1 फीसदी गिरावट आई है। इस दौरान निफ्टी मिडकैप 150 सूचकांक 3 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 250 सूचकांक 6 फीसदी चढ़ा है

अपडेटेड Sep 17, 2022 पर 12:47 PM
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अमेरिका में फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के आक्रामक रुख को देखकर लगता है कि मार्केट में गिरावट आएगी।

कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयरों की कीमतें सस्ती नहीं रह गई हैं। यही वजह है कि कई इनवेस्टर्स (Investors) अभी इनवेस्ट नहीं कर रहे हैं। वे मार्केट (Share Market) में गिरावट का इंतजार कर रहे हैं। कुछ का मानना है कि यह प्रॉफिट बुक (Profit Booking) करने का मौका है। इससे बाजार में गिरावट आने पर वे प्रॉफिट का पैसा फिर से इनवेस्ट करेंगे।

अमेरिका में फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के आक्रामक रुख को देखकर लगता है कि मार्केट में गिरावट आएगी। अमेरिका में हाई इनफ्लेशन (Inflation) को देखते हुए अमेरिकी केंद्रीय बैंक इंटरेस्ट रेट में उम्मीद से ज्यादा वृद्धि कर सकता है। वह इसका संकेत दे चुका है।

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इधर, इंडियन मार्केट में निफ्टी 50 (NIFTY50) और सेंसेक्स (Sensex) के मुकाबले स्मॉलकैप (Smallcap) और मिडकैप (Midcap) सूचकांकों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। पिछले एक महीने में सेंसेक्स और निफ्टी में 1 फीसदी गिरावट आई है। इस दौरान निफ्टी मिडकैप 150 सूचकांक 3 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 250 सूचकांक 6 फीसदी चढ़ा है।

6 जुलाई से 13 सितंबर के दौरान बाजार की तेजी के पहले चरण में निफ्टी 50 16,000 से 18,000 रुपये पर पहुंच गया। इसमें लार्जकैप शेयरों का योगदान ज्यादा रहा।

एक वेल्थ मैनेजर ने बताया कि एक महीने पहले जब निफ्टी करीब 17,800 अंक पर था तब इस सूचकांक के सिर्फ 4 फीसदी शेयर अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज (DMA) से नीचे चल रहे थे। निफ्टी मिडकैप 150 के 50 फीसदी सेयर 200 डीएमए से नीचे चल रहे थे। निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स के 82 फीसदी स्टॉक्स अपने 200 डीएमए से नीचे चल रहे थे।

उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि तब मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स निफ्टी 50 में तेजी के बावजूद संघर्ष कर रहे थे। इसका मतलब है कि मार्केट की यह तेजी व्यापक (Broad-based) नहीं थी। अब लार्जकैप शेयर महंगे दिख रहे हैं। इसलिए इनवेस्टर्स मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में पैसे लगा रहे है। इनमें उन्हें तेजी की अच्छी संभावना दिख रही है।

छोटी से मध्यम अवधि में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का प्रदर्शन बेहतर बने रहने की उम्मीद है। अभी निफ्टी स्मॉलकैप में 17 गुना पीई पर कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप का पीई 23 गुना है। उधर, लार्जकैप का पीई 19.6 गुना है।

मिडकैप शेयरों की वैल्यूएशन थोड़ी ज्यादा दिख रही है, क्योंकि आम तौर पर मिडकैप और स्मॉलकैप की वैल्यूएशन लार्जकैप के मुकाबले काफी कम रहती है।

कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडिया में कैपिटल एक्सपेंडिचर साइकिल फिर से शुरू हो रही है। इससे इंडियन मार्केट का अट्रैक्शन बढ़ेगा। इससे मार्केट में फॉरेन और डोमेस्टिक इनवेस्टमेंट आएगा। कैपिटल एक्सपेंडिचर साइकल शुरू होने से इंडियन कंपनियों की कमाई भी बढ़ेगी। मोतीलाल ओसवाल ने अनुमान लगाया है कि फाइनेंशियल ईयर 2022-2024 के दौरान कपनियों की नेट प्रॉफिट ग्रोथ 17 फीसदी रहेगी।

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