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ड्रोन, मिसाइल, जेट फाइटर्स देश में ही बनाने के सरकार के फैसले से इन कंपनियों के शेयरों को लगेंगे पंख

पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में इंडिया में बने डिफेंस इक्विपमेंट की जो क्षमता देखने को मिली है, उस पर पूरी दुनिया का ध्यान गया है। अब समुद्री जहाज से लेकर फाइटर प्लेन बनाने के मामले में भारतीय कंपनियों की क्षमता पूरी दुनिया जान गई है

अपडेटेड May 21, 2025 पर 6:00 PM
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सरकार ने हाल में 54,000 करोड़ रुपये के डिफेंस ऑर्डर्स को मंजूरी दी है।

डिफेंस कंपनियों के शेयरों को पंख लगने जा रहे हैं। इनमें मिसाइल से लेकर फाइटर प्लेन बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं। पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में इंडिया में बने डिफेंस इक्विपमेंट की जो क्षमता देखने को मिली है, उस पर पूरी दुनिया का ध्यान गया है। अब समुद्री जहाज से लेकर फाइटर प्लेन बनाने के मामले में भारतीय कंपनियों की क्षमता पूरी दुनिया जान गई है। आइए इन कंपनियों और उनके भविष्य का बारे में जानते हैं।

Mazagon Dock की ऑर्डरबुक 36000 करोड़ की

Cochin Shipyard और Mazagon Dock जैसी कंपनियों के पास एडवान्स एयरक्राफ्ट करियर और सबमरिंस बनाने की जबर्दस्त क्षमता है। Mazagon Dock की नजरें बड़े ऑर्डर पर हैं, जिनमें नेक्स्ट जेनरेशन Corvettes, Destroyes, पी-751 सबमरिंस और स्टील्थ फ्रिगेट्स शामिल हैं। ये ऑर्डर्स 2.46 लाख करोड़ रुपये के हो सकते हैं। कंपनी की ऑर्डरबुक पहले से 36,000 करोड़ रुपये की है। इससे आगे कंपनी के रेवेन्यू का अंदाजा लगाया जा सकता है।


Solar Industries को नागशस्त्र ड्रोन की 480 यूनिट्स का ऑर्डर

SIKA Interplant Systems जैसी कंपनियों का भविष्य भी उज्ज्वल दिखता है। यह कंपनी फॉर्ज्ड स्टील की सप्लाई करती है, जिसका इस्तेमाल समुद्री जहाज का प्लेटफॉर्म बनाने में होता है। Zen Technologies जैसी कंपनियां एडवान्स एंटी-ड्रोन सॉल्यूशंस बना रही है। इसे खासकर भारत की जरूरतों को ध्यान में रख डेवलप किया जा रहा है। Solar Industries इजरायल की Elbit Systems के साथ नागशस्त्र ड्रोन बना रही है। इसे इंडियन आर्मी से पहले 480 यूनिट्स का ऑर्डर मिल चुका है। Idea Forge एक लिस्टेड कंपनी है जो सर्विलांस ड्रोन टेक्नोलॉजी में भारी इनवेस्टमेंट कर रही है।

हाल में 54000 करोड़ के डिफेंस ऑर्डर को सरकार की मंजूरी

सरकार ने हाल में 54,000 करोड़ रुपये के डिफेंस ऑर्डर्स को मंजूरी दी है। इसमें एंटी सबमरीन Varunastra torpedoes शामिल हैं। इस सेगमेंट में Bharat Dynamics (BDL) और सोलर इंडस्ट्रीज की मजबूत पैठ है। बीडीएल की ऑर्डरबुक पहले से 22,000 करोड़ रुपये की है। यह इसके सालाना रेवेन्यू का 9 गुना है। कंपनी ने दुनिया की कई दिग्गज कंपनियों से समझौते किए हैं। बीडीएल की मिसाइल और एयर डिफेंस सिस्टम में लीडरशिप पोजीशन लगातार मजबूत हो रही है।

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सिमुलेटर्स बनाने वाली कंपनियों के आ रहे अच्छे दिन

BEL, Data Patterns, Astra Microwave, Paras Defence और Zen Technologies के लिए बड़े मौके दिख रहे हैं। जेन टेक्नोलॉजीज की नजरें सिमुलेटर्स की बढ़ती मांग पर है। इसे हाल में इंटिग्रेटेड एयर डिफेंस-कम्बैट सिमुलेटर्स के लिए 150 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है। इसके इसकी ऑर्डरबुक बढ़कर 690 करोड़ रुपये की हो गई है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स की पहले से डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में 60-70 फीसदी हिस्सेदारी है।

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