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शेयर बाजार में मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 1 करोड़ से भी कम, जीरोधा के फाउंडर नितिन कामत ने दी ये चेतावनी

RBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल यानी जनवरी 2022 के बाद से शेयर बाजार में मंथली एक्विट यूजर्स की संख्या में तेजी से गिरावट आई है

अपडेटेड Jun 30, 2022 पर 9:13 PM
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Zerodha के फाउंडर और सीईओ नितिन कामत (Nithin Kamath)

भारतीय शेयर बाजार में मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 1 करोड़ से भी कम है। देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन ब्रोकिंग फर्म जीरोधा (Zerodha) के फाउंडर और सीईओ नितिन कामत (Nithin Kamath) ने गुरुवार को RBI की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी साझा की।

नितिन कामत ने गुरुवार 30 जनवरी को एक ट्वीट में कहा, "RBI की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट में शेयर बाजार में मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या को लेकर जानकारी दी गई है। मैं पहली इस डेटा को सार्वजनिक होते देख रहा हूं। इसके मुताबिक भारतीय शेयर बाजार में मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 1 करोड़ से भी कम है। यह संख्या लोगों की तरफ से अब तक लगाए जा रहे अनुमानों से काफी कम है।"

इसके साथ ही उन्होंने बीएसई और एनएसई में एक्टिव मंथली यूजर्स की संख्या को लेकर एक चार्ट भी शेयर किया है। इस चार्ट को देखने के बाद पता चलता है कि इस साल यानी जनवरी 2022 के बाद से मंथली एक्विट यूजर्स की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। माना जा रहा है कि ये वे एक्विट यूजर्स हैं, जिन्होंने बाजार में गिरावट और घाटा होने की स्थिति में शेयर बाजार से दूरी बना ली है। सेंसेक्स और निफ्टी में इस साल की शुरुआत से अब तक 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आ चुकी है।


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नितिन कामत ने यूजर्स की संख्या को लेकर चेतावनी देते हुए कहा, "मेरा अंदाजा है कि जून के अंत तक मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या में और गिरावट आने वाली है।" अगर ऐसा होता है यह विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली का सामना कर रहे भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ी चिंता का विषय हो सकता है और आने वाले महीनों में इसमें और गिरावट देखी जा सकती है।

RBI की स्टैबिलिटी रिपोर्ट

RBI) ने गुरुवार, 30 जून 2022 को जारी अपनी फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है, लेकिन ऊंची महंगाई के दबाव, बाहरी फैक्टर्स और जिओपॉलिटिक जोखिमों पर करीब से नजर रखने की जरूरत है।

RBI ने अपनी रिपोर्ट में कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक स्थितियों का असर दिख रहा है, लेकिन यह सुधार की राह पर अग्रसर है। वित्तीय प्रणाली लचीली बनी हुई है और आर्थिक पुनरुद्धार में सहयोगी है। अचानक लगने वाले झटकों का सामना करने के लिए बैंकों के साथ ही गैर बैंकिंग संस्थानों पर पर्याप्त कैपिटल बफर है।

MoneyControl News

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First Published: Jun 30, 2022 9:13 PM

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