इन 10 शेयरों ने निवेशकों को किया बर्बाद, 5 साल में डूब गए ₹66,000 करोड़, आपने भी लगाया था दांव?
Top Wealth Destroyers Shares: मोतीलाल ओसवाल ग्रुप ने शेयर मार्केट को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में पिछले 5 सालों, यानी साल 2020 से 2025 के दौरान शेयर बाजार के तमाम ट्रेंड का अध्ययन किया गया है। रिपोर्ट में कुछ ऐसे शेयरों की भी पहचान की गई है, जिन्होंने इस अवधि में अपने निवेशकों की सबसे अधिक पूंजी डुबोई है
Wealth Destroyers Shares: मोतीलाल ओसवाल की स्टडी के मुताबिक, पांच साल की अवधि में कुल ₹66,600 करोड़ की संपत्ति नष्ट हुई है
Top Wealth Destroyers Shares: मोतीलाल ओसवाल ग्रुप ने शेयर मार्केट को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में पिछले 5 सालों, यानी साल 2020 से 2025 के दौरान शेयर बाजार के तमाम ट्रेंड का अध्ययन किया गया है। रिपोर्ट में बताया कि शेयर बाजार के लिए पिछले 5 साल का दौर शानदार रहा। इस दौरान पिछले तीन दशकों में सबसे अधिक संपत्ति बनती हुई दिखी। हालांकि इसी दौरान कुछ ऐसे शेयरों की भी पहचान की गई है, जिन्होंने इस अवधि में अपने निवेशकों की सबसे अधिक पूंजी डुबोई है।
इस रिपोर्ट को मोतीलाल ओसवाल ग्रुप के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल की अगुआई में तैयार किया गया है। रिपोर्ट की थीम “इंडिया – द मल्टी-ट्रिलियन डॉलर ऑपर्च्युनिटी: कंपाउंडिंग इकोनॉमी, कंपाउंडिंग स्टॉक्स” रखी गई है। इसमें बताया गया है कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था किस तरह निवेशकों और कंपनियों के लिए बड़े अवसर पैदा कर रही है।
हालांकि, रिपोर्ट का दूसरा पहलू यह भी बताता है कि इसी अवधि में कुछ चुनिंदा शेयर ऐसे रहे हैं, जिन्होंने निवेशकों को नुकसान पहुंचाया। खास बात यह है कि इस लिस्ट में शामिल अधिकतर कंपनियां कंज्यूमर-फेसिंग यानी उपभोक्ता से जुड़े क्षेत्रों की हैं।
वेल्थ डिस्ट्रक्शन अब भी सीमित
मोतीलाल ओसवाल की स्टडी के मुताबिक, इस पांच साल की अवधि में कुल ₹66,600 करोड़ की संपत्ति नष्ट हुई है, जो पिछले 17 सालों में सबसे कम है। यह आंकड़ा टॉप-100 कंपनियों द्वारा बनाई गई कुल वेल्थ का सिर्फ 0.4 प्रतिशत है। मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट बताती है कि टॉप-500 कंपनियों में से केवल 24 कंपनियां ही ऐसी रहीं जिन्होंने इस दौरान निवेशकों की संपत्ति घटाई।
ये हैं टॉप 10 वेल्थ डिस्ट्रॉयर
इस सूची में बंधन बैंक (Bandhan Bank), वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea), जी एंटरटेनमेंट (ZEEL), पीवीआर आईनॉक्स (PVR Inox) और फ्यूचर कंज्यूमर (Future Consumer) जैसे जाने-पहचाने नाम शामिल हैं। सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले शेयरों में राजेश एक्सपोर्ट्स (Rajesh Exports) और व्हर्लपूल इंडिया (Whirlpool India) रहे। इन दोनों कंपनियों ने पिछले 5 साल में निवेशकों की ₹10,000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति साफ कर दी।
राजेश एक्सपोर्ट्स, जो सोने की रिफाइनिंग और निर्यात का कारोबार करती है, के शेयर पिछले पांच साल में 60% टूटे हैं। सालाना आधार पर इसका CAGR -19% रहा। वहीं व्हर्लपूल इंडिया के शेयरों में इसी अवधि में 56% की गिरावट आई और इसका CAGR -11% रहा।
बैंकिंग और टेलीकॉम सेक्टर के शेयर भी शामिल
बंधन बैंक इस सूची में तीसरे नंबर पर रहा। इसके शेयरों में -6% का CAGR रहा और निवेशकों की करीब ₹8,400 करोड़ की संपत्ति घट गई। टेलीकॉम सेक्टर कंपनी वोडाफोन आइडिया ने निवेशकों की ₹7,100 करोड़ की संपत्ति नष्ट की। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि पिछले छह महीनों में इसके शेयरों में 50% से ज्यादा की तेजी आई है। यह इस सूची का इकलौता शेयर है जिसका CAGR 17% पॉजिटिव रहा।
इन शेयरों ने भी कराया बड़ा नुकसान
इस लिस्ट में पांचवें स्थान पर धानी सर्विसेज (Dhani Services) रही, जिसने निवेशकों की करीब ₹4,400 करोड़ की संपत्ति नष्ट की। इसका CAGR -12% रहा। वहीं इस लिस्ट के बाकी पांच शेयरों में रिलैक्सो फुटवियर, पीवीआर इनॉक्स, स्पंदना स्फूर्ति, जी एंटरटेनमेंट और फ्यूचर कंज्यूमर शामिल हैं। इन पांचों ने मिलकर ₹14,100 करोड़ की संपत्ति घटाई।
सेक्टर के आधार पर प्रदर्शन
सेक्टर के स्तर पर देखें तो कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर सबसे आगे रहा, जहां करीब ₹29,600 करोड़ की वेल्थ नष्ट हुई। यह कुल डूबी दौलत का 44 प्रतिशत है। इसके बाद फाइनेंशियल्स और टेलीकॉम सेक्टर का नंबर आता है। आईटी, रियल्टी, मीडिया और कैपिटल गुड्स जैसे सेक्टर भी इस अवधि में कमजोर प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहे।
कुल मिलाकर, जहां भारतीय बाजार ने बीते पांच साल में ऐतिहासिक स्तर पर संपत्ति बनाई, वहीं मोतीलाल ओसवाल की ये रिपोर्ट निवेशकों को यह भी याद दिलाती है कि सही शेयर और सेक्टर का चुनाव कितना जरूरी है।
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