Multibagger Stocks: दिग्गज स्पेशल्टी केमिकल कंपनी साधना नाइट्रो केम (Sadhana Nitro Chem) के शेयर पिछले साल जून में एक साल के हाई पर थे और इस हाई से फिलहाल यह 23 फीसदी डाउनसाइड है। हालांकि लॉन्ग टर्म में इसके 1 रुपये से भी सस्ते शेयर ने निवेशकों को महज 8 साल में ही करोड़पति बना दिया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोना महामारी के बाद से इसका कारोबार सुस्त हुआ है और अभी भी प्री-कोविड के कारोबारी लेवल को इसने छुआ तो नहीं है लेकिन आगे ग्रोथ की गुंजाइश काफी तगड़ी दिख रही है। ऐसे में ब्रोकरेज वेंचुरा ने इसकी खरीदारी की रेटिंग के साथ कवरेज शुरू की है और जो टारगेट फिक्स किया है, वह मौजूदा लेवल से 58 फीसदी से भी अधिक अपसाइड है। इसके शेयर आज BSE पर 1.48 फीसदी की बढ़त के साथ 93.52 रुपये के भाव (Sadhana Nitro Chem Share Price) पर बंद हुए हैं।
8 साल में ही बना दिया करोड़पति
साधना नाइट्रो केम के शेयर 22 जनवरी 2016 को महज 84 पैसे के भाव पर थे। अब यह 93.52 रुपये पर है यानी कि महज 8 साल में ही 1 लाख रुपये का निवेश 1.11 करोड़ रुपये की पूंजी बन गई। अब अगर पिछले एक साल में शेयरों के चाल की बात करें तो पिछले साल 6 जून 2023 को यह एक साल के हाई पर था। इसके बाद 2 ही महीने में यह करीब 46 फीसदी फिसलकर 25 अगस्त 2023 को एक साल के निचले स्तर 66 रुपये पर आ गया। इस निचले स्तर से यह करीब 42 फीसदी रिकवर तो हो चुका है लेकिन अभी भी यह एक साल के हाई से करीब 23 फीसदी डाउनसाइड है।
Sadhana Nitro Chem में अब आगे क्या है रुझान
साधना नाइट्रो केम देश में नाइट्रोबेंजीन बनाने वाली दिग्गज कंपनियों में शुमार है और ODB2 (कलरफॉर्मर) बनाने वाली इकलौती घरेलू कंपनी है। हाल ही में इसे नाइट्रोबेंजीन से पैरा एमीनो फिनॉल (PAP) बनाने के लिए पीएलआई स्कीम अलॉट हुआ है और इसके जरिए अब यह बनाने वाली साधना नाइट्रो केम मैलिनक्रोड्ट फार्मा के बाद दुनिया की दूसरी कंपनी हो जाएगी। यह इसलिए खास है क्योंकि नाइट्रोबेंजीन से जो पीएपी बनता है, उसमें अशुद्धियां लगभग ना के बराबर ही होती हैं।
इतनी खासियतों के बावजूद कोरोना महामारी के पहले का कारोबारी लेवल यह छू नहीं पा रही है। वित्त वर्ष 2019 में इसे 267 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ था लेकिन वित्त वर्ष 2023 में यह महज 143 करोड़ रुपये ही रहा जोकि वित्त वर्ष 2022 में 132 करोड़ रुपये पर था। हालांकि अब घरेलू ब्रोकरेज फर्म वेंचुरा को इसके लिए माहौल बेहतर दिख रहा है।
चाइनीज कंपनियों ने चाइनीज प्रोडक्ट्स उत्पादों की मांग में सुस्ती के चलते उत्पादन में कटौती कर दी है, जिससे मूल्य निर्धारण का माहौल अधिक अनुकूल होने की उम्मीद है। इस वित्त वर्ष कंपनी का प्रोडक्शन बढ़ने और मार्जिन के स्थिर रहने का अनुमान है। ब्रोकरेज का यह भी अनुमान है कि पीएपी प्रोडक्शन बढ़ने पर इसका रेवेन्यू भी बढ़ेगा। ऐसे में ब्रोकरेज का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023 से वित्त वर्ष 2026 के बीच इसका रेवेन्यू सालाना 73.8 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 751 करोड़ रुपये, नेट प्रॉफिट 214.1 फीसदी की CAGR से 93 करोड़ रुपये और EBITDA भी 102.3 फीसदी की CAGR से बढ़कर 174 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा।
हाल ही में कंपनी ने पीएपी के प्रोडक्शन के लिए खुद की खपत के लिए ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के वास्ते राइट्स इश्यू के जरिए 49.95 करोड़ रुपये जुटाने का ऐलान किया था। इन सब बातों को देखते हुए ब्रोकरेज ने 148 रुपये के टारगेट प्राइस पर खरीदारी की रेटिंग के साथ इसकी कवरेज शुरू की है।
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