Credit Cards

Muthoot Finance Stocks: मुथूट फाइनेंस के शेयरों में प्रॉफिट बुक करें या निवेश बनाए रखें?

मुथूट फाइनेंस के शेयरों की चमक बढ़ी है। इसकी वजह सोने की कीमतों में उछाल है। सोने की कीमतों में उछाल गोल्ड लोन कंपनियों के लिए फायदेमंद होता है। सोने में तेजी पर गोल्ड लोन लेने में ग्राहकों की दिलचस्पी बढ़ जाती है। उन्हें सोने पर ज्यादा लोन मिलता है

अपडेटेड Sep 24, 2024 पर 4:20 PM
Story continues below Advertisement
FY25 की पहली तिमाही में मुथूट ग्रुप का कंसॉलेडिटेड एसेट्स साल दर साल आधार पर 28 फीसदी बढ़ा।
     
     
    live
    Volume
    Todays L/H
    Details

    मुथूट फाइनेंस के शेयरों की चमक बढ़ी है। इसकी वजह सोने की कीमतों में उछाल है। इससे कंपनी इस फाइनेंशियल ईयर की ग्रोथ के अपने गाइडेंस में बदलाव कर सकती है। FY24 में कंपनी का गोल्ड एसेट अंडर मैनेजमेंट 18 फीसदी बढ़ा। गोल्ड लोन कंपनियों के लिए कैश में गोल्ड लोन के लिए 20,000 की लिमिट का असर मुथूट के बिजनेस पर नहीं पड़ा। FY25 की पहली तिमाही में कंपनी का गोल्ड लोन एसेट 11 फीसदी बढ़ा। FY24 की अंतिम तिमाही में यह 5 फीसदी बढ़ा था।

    FY24 की अंतिम तिमाही से गोल्ड लोन बिजनेस में मजबूती

    FY25 की पहली तिमाही में मुथूट ग्रुप (Muthoot Group) का कंसॉलेडिटेड एसेट्स साल दर साल आधार पर 28 फीसदी बढ़ा। इसमें नॉन-गोल्ड लोन में 59 फीसदी ग्रोथ का बड़ा हाथ था। होम फाइनेंस, बेलस्टार माइक्रो फाइनेंस और व्हीकल फाइनेंस की ग्रोथ अच्छी रही। FY24 की अंतिम तिमाही से मुथूट के गोल्ड लोन बिजनेस में मजबूती दिख रही है। गोल्ड की कीमतों में आई तेजी से ग्राहक को पहले के मुकाबले अब गोल्ड पर ज्यादा लोन मिल रहा है। अनसेक्योर्ड लोन के नियम आरबीआई के सख्त करने के बाद गोल्ड लोन की डिमांड बढ़ी है। गोल्ड लोन में मुथूट की बाजार हिस्सेदारी बढ़ने के संकेत हैं।


    गोल्ड लोन यील्ड 17-18 फीसदी 

    मुथूट और इंडस्ट्री की दूसरी कंपनियों का मानना है कि गोल्ड लोन देने वाली बड़ी एनबीएफसी के लिए आरबीआई के फरमान से गोल्ड लोन मार्केट में प्रतियोगिता घटी है। लेकिन, आरबीआई की इजाजत के बाद ये एनबीएफसी तीसरी तिमाही से मार्केट में वापस आएंगी। इससे बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कंपनियों के बीच कड़ी प्रतियोगिता दिख सकती है। पिछले दो साल से गोल्ड लोन की यील्ड 17-18 फीसदी के बीच रही है। FY25 की पहली तिमाही में गोल्ड लोन डिस्बर्समेंट में स्थिरता रही है, लेकिन फंड की कॉस्ट बढ़ी है। इससे इंटरेस्ट मार्जिन में हल्की गिरावट आई है।

    बिजनेस के डायवर्सिफिकेशन पर फोकस

    गोल्ड लोन गोल्ड लोन देने वाली कंपनी के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन, मुथूट के ग्राहकों की तरफ से लोन की किस्त चुकाने में देर हुई है। कंपनी गोल्ड ज्वेलरी की नीलामी से पहले ग्राहकों को लोन की किस्त चुकाने के लिए अतिरिक्त समय देती है। मुथूट का मैनेजमेंट बिजनेस के डायवर्सिफिकेशन पर जोर दे रहा है। अब तक कंपनी के एसेट्स में नॉन-गोल्ड की हिस्सेदारी 14 फीसदी रही है। कुल प्रॉफिट में हिस्सेदारी हाई सिंगल डिजिट (8-9 फीसदी) रही है।

    यह भी पढ़ें: Nifty पहली बार 26000 के पार, 9 कारोबारी दिनो में 1000 अंकों का उछाल

    क्या आपको मुनाफा बुक करना चाहिए?

    अभी Muthoot Finance को गोल्ड की ऊंची कीमतों, गोल्ड लोन की अच्छी डिमांड और अच्छी लोन-टू-वैल्यू रेशियो का फायदा मिलता दिख रहा है। लेकिन, इंटरेस्ट रेट घटने और गोल्ड लोन मार्केट में प्रतियोगिता बढ़ने का असर मुथूट के बिजनेस पर पड़ेगा। कंपनी की अच्छी ग्रोथ जारी रहने की उम्मीद है लेकिन कम मार्जिन और ज्यादा कॉस्ट की वजह से उसकी बाजार हिस्सेदारी में कमी आ सकती है। निवेशक इस स्टॉक में प्रॉफिट बुक कर सकते हैं और कीमतों में गिरावट आने पर फिर से निवेश कर सकते हैं।

    हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।