Credit Cards

म्यूचुअल फंडों को ट्रंप के टैरिफ की चिंता नहीं, फार्मा शेयरों पर फिदा हैं फंड मैनजर्स

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के सर्वे के मुताबिक, बड़े 20 फंड हाउसेज में से 16 ने फार्मा कंपनियों के शेयरों में बड़े दांव लगाएं हैं। जिन कंपनियों में फंड हाउसेज का ज्यादा निवेश है, उनमें Abbott India, Sun Pharmaceutical, Cipla, Dr. Reddy’s Laboratories, Lupin, Divi’s Laboratories, Glenmark Pharma और Biocon शामिल हैं

अपडेटेड Sep 29, 2025 पर 9:04 PM
Story continues below Advertisement
जेनरिक दवाइयां ट्रंप के टैरिफ के दायरे से बाहर हैं। यह इंडियन फार्मा कंपनियों के लिए राहत की बात है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते पेटेंटेड दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया। यह 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा। इस खबर से इंडियन फार्मा कंपनियों के शेयरों पर गिरावट देखने को मिली। लेकिन, म्यूचुअल फंड्स के फंड मैनेजर्स का भरोसा फार्मा कंपनियों के शेयरों पर बना हुआ है। उनका मानना है कि इंडियन फार्मा कंपनियों के पास हर स्थिति का मुकाबला करने की क्षमता है। इसलिए उन पर शॉर्ट टर्म के झटकों का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

टॉप 20 फंड हाउसेज में से 16 ने फार्मा पर लगाए बड़े दांव

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के सर्वे के मुताबिक, बड़े 20 फंड हाउसेज में से 16 ने फार्मा कंपनियों के शेयरों में बड़े दांव लगाएं हैं। जिन कंपनियों में फंड हाउसेज का ज्यादा निवेश है, उनमें Abbott India, Sun Pharmaceutical, Cipla, Dr. Reddy’s Laboratories, Lupin, Divi’s Laboratories, Glenmark Pharma और Biocon शामिल हैं। कई फंड मैनेजर्स फार्मा स्टॉक्स को न सिर्फ डिफेंसिव मान रहे हैं बल्कि उन्हें फार्मा इंडस्ट्री की स्ट्रक्चरल ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा है।


जेनरिक दवाएं ट्रंप के 100 फीसदी टैरिफ के दायरे से बाहर

ट्रंप ने अभी पेटेंटेड दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया है। इंडिया की ज्यादातर फार्मा कंपनियां जेनरिक दवाइयां बनाती हैं। इसलिए फिलहाल ट्रंप की टैरिफ का इंडियन फार्मा कंपनियों के शेयरों पर असर नहीं पडे़गा। निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर शैलेश राज भान ने कहा कि अमेरिका को एक्सपोर्ट करने वाली इंडियन फॉर्मा कंपनियां पिछले 6 से 9 महीनों से दबाव में हैं। इस दौरान उनके शेयरों का रिटर्न निगेटिव रहा है। इसकी एक बड़ी वजह अमेरिका में टैरिफ लगने की आशंका रही है। लेकिन, ट्रंप के पिछले हफ्ते के ऐलान से साफ हो गया है कि जेनरिक दवाइयां टैरिफ के दायरे से बाहर हैं। यह इंडियन फार्मा कंपनियों के लिए राहत की बात है।

फार्मा स्टॉक्स की वैल्यूएन कई दूसरे सेक्टर के मुकाबले अट्रैक्टिव

उन्होंने कहा कि दूसरे सेक्टर्स के मुकाबले फॉर्मा स्टॉक्स की वैल्यूएशन अट्रैक्टिव है। उन्होंने कहा, "इसलिए हम फार्मा कंपनियों के शेयरों में निवेश बढ़ा रहे हैं। इंडियन फार्मा कंपनियों को बिजनेस के विस्तार की उनकी क्षमता, ग्लोबल मार्केट में प्रतियोगिता और बेहतर मैनेजमेंट का फायदा मिलेगा। जेनरिक्स सेगमेंट में भले ही प्रॉफिट कम है, लेकिन इसमें स्थिरता बनी रहती है। दूसरे सेक्टर में ऐसी बात नहीं है। इंडिया की ब्रांडेड दवा बनाने वाली कंपनियों के लिए भी अच्छी संभावनाए हैं। इसकी वजह इंडिया की बड़ी आबादी है।"

यह भी पढ़ें: Vodafone Idea News: वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट में संशोधित याचिका दाखिल की, एजीआर बकाया पर इंटरेस्ट और पेनाल्टी माफ करने की गुजारिश की

अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग वाली कंपनियां भी टैरिफ के दायरे से बाहर

एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रंप के टैरिफ का असर इंडिया की बहुत कम फार्मा कंपनियों पर पड़ने के आसार हैं। एंबिट कैपिटल के लीड एनालिस्ट प्रशांत नायर ने कहा कि यूएस टैरिप का असर सन फार्मा के स्पेशियलिटी पोर्टफोलियो पर पड़ सकता है। कंपनी का 20 फीसदी रेवेन्यू अमेरिका को स्पेशियलिटी प्रोडक्स्ट की सप्लाई से आता है। अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियां टैरिफ के दायरे से बाहर होंगी। अमेरिका में मैन्युफैक्चर होने वाले जेनरिक प्रोडक्ट्स पर भी टैरिफ का असर नहीं पड़ेगा। सिप्ला और डॉ रेड्डीज जैसी कंपनियों की ब्रांडेड प्रोडक्ट्स मार्केट में ज्यादा हिस्सेदारी नहीं है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।