Mutual Funds : हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम निवेशकों के बीच लोकप्रिय हो रही हैं। इन स्कीम्स ने जनवरी 2024 में 20634 करोड़ रुपये जुटाए। यह राशि इससे पिछले महीने के मुकाबले 37 फीसदी अधिक है। डेट या बॉन्ड फंड के लिए टैक्सेशन कानूनों में बदलाव के बाद अल्टरनेट इनवेस्टमेंट ऑप्शन के रूप में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम्स निवेशकों का ध्यान खींच रही हैं। इन स्कीम्स में मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल-जनवरी के दौरान कुल 1.21 लाख करोड़ रुपये निवेश किए गए। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान हाइब्रिड स्कीम्स से शुद्ध निकासी हुई थी।
क्या है हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम?
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम आमतौर पर इक्विटी और डेट सिक्योरिटीज में और कभी-कभी सोने जैसी अन्य एसेट कैटेगरी में निवेश करती हैं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के ताजा आंकड़ों के अनुसार हाइब्रिड स्कीम्स में जनवरी में 20637 करोड़ रुपये का निवेश किया गया, जो दिसंबर 2023 के 15009 करोड़ रुपये से अधिक है।
इस महीने के दौरान हाइब्रिड फंड की दो कैटेगरी, जिन्होंने सबसे अधिक निवेश आकर्षित किया, वे हैं आर्बिट्राज फंड और मल्टी-एसेट अलोकेशन फंड। जनवरी में हाइब्रिड फंडों में 20,637 करोड़ रुपये के इनफ्लो में से आर्बिट्राज फंड में 10,608 करोड़ रुपये का निवेश देखा गया, जबकि मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड के लिए यह 7,080 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, पिछले छह महीनों में हाइब्रिड कैटेगरी में आवंटन का लगभग 50 फीसदी से 70 फीसदी आर्बिट्राज फंड में जा रहा है।
आनंद राठी वेल्थ लिमिटेड के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज ने कहा कि इस कैटेगरी में इनफ्लो बढ़ने का मुख्य कारण यह है कि इन्हें कर कानूनों में बदलाव के बाद एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा, आसान डायवर्सिफिकेशन ऑफर करने वाली मल्टी-एसेट कैटेगरी निवेशकों की पसंद बन गई है।
हाइब्रिड फंड मध्यम या कम रिस्क वाले निवेशकों को अधिक आकर्षित करते हैं। ये फंड अच्छे निवेश विकल्प हैं क्योंकि ये इक्विटी मार्केट में भाग लेने से जुड़ी अस्थिरता को कम करते हैं और साथ ही फिक्स्ड-इनकम मार्केट में स्टेबिलिटी प्रदान करते हैं। मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि डेट फंडों के लिए टैक्सेशन में बदलाव के बाद निवेशक अपनी निश्चित आय का एक हिस्सा हाइब्रिड फंडों के माध्यम से निवेश करना चाह रहे हैं।