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इस फंड मैनेजर को पिटी हुई एमएफ कैटेगरी में दिख रहा मुनाफा, जानिए क्या है सीक्रेट

BPSU ऐसी डेट स्कीमें हैं जो अपना कम से कम 80 फीसदी बॉन्ड्स में इनवेस्ट करती हैं। ये बॉन्ड्स बैंक, सरकारी कंपनियों या सरकारी वित्तीय संस्थाओं के हो सकते हैं

अपडेटेड Aug 04, 2022 पर 1:54 PM
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इंडिया में RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) कुछ महीने पहले के अनुमान के मुकाबले इंटरेस्ट रेट में कम वृद्धि कर सकती है। रेपो रेट में 90 बेसिस प्वॉइंट्स की वृद्धि के बाद ऐसी उम्मीद है कि 5 अगस्त को RBI रेट बढ़ाने में आक्रामक रुख नहीं दिखाएगा।

कोई एसेट क्लास गिरावट के बाद ही बेस्ट रिटर्न देता है। Contrarian Investing में हम उस इनवेस्टमेंट की पहचान करते हैं, जिसका रिटर्न बहुत कम रहा है, लेकिन अब स्थितियां बेहतर हो रही हैं। केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट कंपनी के फिक्स्ड इनकम के हेड अविनाश जैन को एक नई स्कीम से बहुत उम्मीद है, जिसे हाल ही में उनके फंड हाउस ने लॉन्च किया है।

केनरा रोबेको बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड (CBPD) 29 जुलाई को लॉन्च हुआ है। यह NFO (new Fund Offer) 12 अगस्त को बंद होगा। बैंकिंग और पीएसयू डेट फंड्स (BPSU) कैटेगरी ने पिछले एक साल में निराश किया है। 2 अगस्त, 2022 को खत्म एक साल की अवधि में इसका रिटर्न सिर्फ 2.86 फीसदी रहा है।

फिर ऐसी क्या चीज है, जिसे जैन देख रहे हैं, लेकिन बाजार नहीं देख पा रहा?


BPSU ऐसी डेट स्कीमें हैं जो अपना कम से कम 80 फीसदी बॉन्ड्स में इनवेस्ट करती हैं। ये बॉन्ड्स बैंक, सरकारी कंपनियों या सरकारी वित्तीय संस्थाओं के हो सकते हैं।

चूंकि यह स्कीम सरकारी कंपनियों और बैंकों के बॉन्ड्स में निवेश करती है, जिसे इसे लो क्रेडिट-रिस्क इनवेस्टमेंट ऑप्शन माना जाता है। बॉन्ड की क्रेडिट रेटिंग जैसी कोई शर्त इसमें नहीं होती है।

लेकिन, चूंकि ये फंड्स सरकारी कंपनियों की तरफ से जारी होने वाले सिक्योरिटीज में बहुत ज्यादा इनवेस्ट करते हैं, जिससे इन सिक्योरिटीज की क्रेडिट रेटिंग अच्छी होती है।

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कॉर्पोरेट ट्रेनर (डेट) जयदीप सेन ने पिछले एक साल में इन फंडों की पिटाई की वजह बताते हुए कहा कि इसकी एक वजह बढ़ती यील्ड है। स्कीमों के पोर्टफोलियो में शामिल बॉन्ड्स पर मार्क्ड-टू-मार्केट लॉस की वजह से इनका प्रदर्शन शॉर्टर-ड्यूरेशन प्रोडक्स्ट के मुकाबले कमजोर रहा है।

सबसे बड़ा सवाल जो ज्यादातर डेट फंड मैनेजर पूछ रहे हैं: जब दुनिया भर के केंद्रीय बैंक इनफ्लेशन को काबू में करने के लिए इंटरेस्ट रेट बढ़ा रहे हैं तो क्या बॉन्ड फंड्स का प्रदर्शन बेहतर होगा।

इनवेस्टर्स हमेशान पॉजिटिव रियल रेट ऑफ रिटर्न पसंद करते हैं। पॉजिटिव रियल रेट ऑफ रिटर्न के लिए इंटरेस्ट रेट का इनफ्लेशन से ज्यादा होना जरूरी है। बढ़ता इनफ्लेशन केंद्रीय बैंकों को इंटरेस्ट रेट बढ़ाने को मजबूर करता है।

केनरा रोबेको एएमसी के जैन ने कहा, "दुनियाभर में रेट्स बढ़े हैं, क्योंकि पार्टिसिपेंट्स को आशंका है कि लंबे समय तक इंटरेस्ट रेट में वृद्धि की साइकिल जारी रहेगी। हालांकि, अमेरिका जैसी बड़ी इकोनॉमी में सुस्ती को देखते हुए बाजार में रेट बढ़ने की उम्मीद थोड़ी कम हुई है।"

इंडिया में RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) कुछ महीने पहले के अनुमान के मुकाबले इंटरेस्ट रेट में कम वृद्धि कर सकती है। रेपो रेट में 90 बेसिस प्वॉइंट्स की वृद्धि के बाद ऐसी उम्मीद है कि 5 अगस्त को RBI रेट बढ़ाने में आक्रामक रुख नहीं दिखाएगा। इससे फिक्स्ड इनकम इनवेस्टर्स की उम्मीदें बढ़ी हैं।

जैन ने कहा, "बॉन्ड मार्केट अब कम रेट हाइक की उम्मीद को पहले ही एडजस्ट कर चुका है। जिसकी उम्मीद अब नहीं दिख रही है। इससे डेट फंड्स में इनवेस्ट करने का मौका बन रहा है। खासकर बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड्स में जो कंजरवेटिव इनवेस्टर्स के लिए इनवेस्टमेंट के ऑप्शन हो सकते हैं।"

बॉन्ड यील्ड्स में वृद्धि लंबे समय तक जारी नहीं रहेगी, क्यों दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों को इनफ्लेशन को कंट्रोल करने के साथ अब इकोनॉमिक ग्रोथ की चिंता सता रही है।

CBPD एक्टिवली मैनेज्ड होंगे। फंड मैनेजर इंटरेस्ट रेट मूवमेंट का फायदा उठाएंगे। फंड मैनेजर अभी 3-5 साल सेगमेंट के सरकारी या कॉर्पोरेट बॉन्ड यील्ड कर्व में वैल्यू देख रहे हैं। इसके हिसाब से फंड का मीडिया टर्म ड्यूरेशन हो सकता है।

मार्केट में सही मौके की तलाश करना मुश्किल है। कई इनवेस्टर्स इसमें मात खा जाते हैं। इसलिए अभी 3 से 4 साल के टाइमफ्रेम के साथ इनवेस्ट करना बुद्धिमानी है।

चूंकि BPSU फंड्स ओपन-एंडेड हैं, जिसमें इंडिविजुअल बॉन्ड्स के सेलेक्शन का रिस्क बना हुआ है। साथ ही फंड मैनेजर के एक्टिव मैनेजमेंट का ड्यूरेशन भी अहम है। अगर आप इस रिस्क को घटाना चाहते हैं तो आप टारगेट फंड्स पर विचार कर सकते हैं जो तीन से चार साल में मैच्योर हो जाते हैं।

केनरा रोबेको एनएफओ से दूर रहना ठीक होगा, क्योंकि यह इस कैटेगरी का नया फंड है। लेकिन पहले से ऐसे कई फंड्स हैं, जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है। आप इनमें से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं।

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