अरबपति निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Billionaire investor Rakesh Jhunjhunwala) जिनका किडनी की बीमारी के कारण रविवार की सुबह निधन हो गया, वे टाटा समूह का नेतृत्व करने वाले एन चंद्रशेखरन के मुखर प्रशंसक थे। यद्यपि उन्होंने टाटा ग्रुप के शेयरों को अपने पोर्टफोलियो का एक बड़ा हिस्सा बनाया था लेकिन जब से चंद्रशेखरन ने टाटा ग्रुप की कमान संभाली उसके बाद वे इन शेयरों पर बहुत ही ज्यादा बुलिश हो गये।
उन्होंने ईटी नाउ को बताया था कि "यह एक संयोग है। मैं कंपनियों के शेयर खरीदता हूं। लेकिन जब से श्री चंद्रा ने पदभार संभाला है। मैं उन्हें समझ रहा हूं कि वह क्या करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे लेकर मैं बेहद उत्साहित हूं।"
उन्होंने कहा था "और मुझे लगता है। पहला चरण हमेशा अनिश्चित होता है। अब जब हम उस चरण को पार कर चुके हैं तो हम मोमेंटम पकड़ना चाहते हैं।"
राकेश झुनझुनवाला ने यह भी कहा था कि उन्होंने चंद्रशेखरन को एक ऐसे थिंकर के रूप में देखा है जिनका अनुकरण किया जा सकता है। जो शासन, प्रौद्योगिकी, स्वभाव और विनम्रता की समझ रखता है। "मुझे लगता है, टाटा के घर पर भगवान का आशीर्वाद है।"
टाटा समूह में झुनझुनवाला के विश्वास का प्राथमिक कारण चंद्रशेखरन की रणनीति में बदलाव था। इस रणनीति को चंद्रशेखरन ने लगभग सभी व्यवसायों में लागू किया था। उन्होंने कहा कि टाटा संस के अध्यक्ष ने समूह की कंपनियों को पहले उपभोक्ताओं पर फोकस करने पर जोर दिया। इसके बाद मुनाफे की बजाय कैश फ्लो पर ज्यादा जोर दिया।
राकेश झुनझुनवाला ने ईटी नाउ को बताया था "चंद्रशेखरन ने मुझे एक अमीर आदमी बनने में मदद की है। जिसके लिए मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा।"
पिछले साल, अरबपति निवेशक ने यह भी कहा था कि टाटा ग्रुप की प्रोफिटैबिलिटीऔर रिटर्न को बाजार द्वारा कम करके आंका जा रहा है। उन्होंने टाटा मोटर्स को ग्रुप में आश्चर्यजनक रूप से आउटपरफॉर्मर बनने की भविष्यवाणी की थी।
हालांकि इस साल की अप्रैल-जून तिमाही में राकेश झुनझुनवाला ने टाटा मोटर्स के 30 लाख शेयर बेचे थे। जब कंपनी के शेयर का भाव 4.85 प्रतिशत गिर गया था।