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Nazara Tech shares: नजारा टेक के शेयर फिर 11% क्रैश, पांच दिन में ₹3200 करोड़ डूबे, इस कारण निवेशक बर्बाद

Nazara Tech shares: नजारा टेक्नोलॉजीज के शेयरों में आज 25 अगस्त को कारोबार के दौरान 11% से अधिक की गिरावट आई और इसका भाव 1,026.70 रुपये के स्तर तक आ गया। यह इस शेयर का पिछले तीन महीनों का सबसे निचला स्तर है। खास बात यह है कि पिछले पांच दिनों में ही नजारा टेक शेयर 26% टूटा चुका है

अपडेटेड Aug 25, 2025 पर 2:08 PM
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Nazara Tech Shares: भारत की गेमिंग इंडस्ट्री का साइज करीब 3.8 बिलियन डॉलर बताया जाता है

Nazara Tech shares: ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के शेयरों में सोमवार 25 अगस्त को भी भारी गिरावट जारी रही। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 'प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025' को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अब यह आधिकारिक रूप से कानून बन गया है। इस कदम का सीधा असर ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के शेयरों पर देखने को मिला। नजारा टेक्नोलॉजीज के शेयरों में आज 25 अगस्त को कारोबार के दौरान 11% से अधिक की गिरावट आई और इसका भाव 1,026.70 रुपये के स्तर तक आ गया। यह इस शेयर का पिछले तीन महीनों का सबसे निचला स्तर है। खास बात यह है कि पिछले पांच दिनों में ही नजारा टेक शेयर 26% टूटा चुका है। कंपनी का P/E रेशियो 95 के करीब है, जो निवेशकों में और चिंता पैदा कर रहा है।

डेल्टा कॉर्प के शेयर भी आज 2% तक टूटकर 86.29 रुपये के स्तर पर आ गए। यह शेयर पिछले छह महीनों में करीब 6% गिरा है और 2025 की शुरुआत से अब तक इसमें 23% की गिरावट देखी गई है।

हालांकि नजारा टेक की रियल मनी गेमिंग बिजनेस में कोई सीधी हिस्सेदारी नहीं है। लेकिन इसकी एसोसिएट कंपनी मूनशाइन टेक्नोलॉजीज इस सेगमेंट में, PokerBaazi और दूसरे कार्ड-आधारित गेम्स चलाती थी। नजारा टेक ने एक बयान में बताया कि मूनशाइन टेक्नोलॉजीज ने अपने सभी रियल मनी गेम्स को बंद कर दिया है।


कानून के प्रावधान और असर

नए कानून के तहत ऐसे सभी ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिनमें यूजर्स प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से पैसा लगाकर जीत की उम्मीद रखते हैं। इसका पालन नहीं करने पर कानून में तीन साल तक की कैद और/या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। वहीं बार-बार अपराध करने पर 3 से 5 साल की कैद और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान है। इसके अलावा इसमें ई-स्पोर्ट्स, एजुकेशनल प्लेटफॉर्म्स और सोशल गेम्स के लिए अलग रेगुलेटर बनाने की भी सिफारिश की गई है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए कानून के चलते कई गेमिंग स्टार्टअप बंद हो जाएंगे और लोगों की नौकरियां जाएंगी। उनका कहना है कि कि इस कदम से लगभग 2 लाख नौकरियां, 25,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और 20,000 करोड़ रुपये का टैक्स रेवेन्यू खत्म होने का खतरा है।

गेमिंग इंडस्ट्री को बड़ा झटका

भारत की गेमिंग इंडस्ट्री का साइज करीब 3.8 बिलियन डॉलर (लगभग 31,600 करोड़ रुपये) बताया जाता है। हाल के सालों में ड्रीम11, गेम्स24X7 और मोबाइल प्रीमियर लीग जैसे कई बड़े फैंट्सी स्पोर्ट्स ऐप उभरकर सामने आए थे और इन्होंने काफी विदेशी निवेशकों को भी आकर्षित किया था।

ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के पार्टनर अननय जैन ने कहा, “कुछ रियल मनी गेम्स पर बैन से मोबाइल गेमिंग और टूर्नामेंट आधारित प्लेटफॉर्म्स पर बड़ा असर होगा। छोटे स्टार्टअप्स पर कंप्लायंस और जुर्माने का दबाव पड़ेगा।”

इस बीच, कई रियल-मनी गेमिंग (RMG) कंपनियां इस ऑनलाइन गेमिंग एक्ट को चुनौती देने की तैयारी में हैं। इस मामले से वाकिफ तीन सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक, इस हफ्ते ही देश की 2-3 हाई कोर्ट्स में रिट याचिकाएं दाखिल की जा सकती हैं। कंपनियां विचार कर रही हैं कि वे इंडिविजुअल याचिकाएं दाखिल करें या फिर किसी फेडरशन के जरिए।

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