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Nepal Crisis: इन 7 शेयरों पर पड़ सकता है सीधा असर, करोड़ों का हो सकता है घाटा

Nepal Crisis: नेपाल में जारी राजनीतिक संकट ने भारत के कॉरपोरेट जगत को भी चिंता में डाल दिया है। प्रधानमंत्री केपी ओली के इस्तीफे और 19 लोगों की मौत के बाद नेपाल में अब सेना ने अपने हाथों में कमान ले ली है। राजनीतिक अस्थिरता ने वहां कारोबार करने वाली भारतीय कंपनियों के सामने भी कुछ सवाल खड़े कर दिए है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत की 7 लिस्टेड FMCG कंपनियों का वहां सीधा एक्सपोजर हैं

अपडेटेड Sep 10, 2025 पर 6:42 PM
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Nepal Crisis: ITC लिमिटेड की नेपाल में 'सूर्य नेपाल' के नाम से एक सब्सिडियरी कंपनी है

Nepal Crisis: नेपाल में जारी राजनीतिक संकट ने भारत के कॉरपोरेट जगत को भी चिंता में डाल दिया है। प्रधानमंत्री केपी ओली के इस्तीफे और 19 लोगों की मौत के बाद नेपाल में अब सेना ने अपने हाथों में कमान ले ली है। राजनीतिक अस्थिरता ने वहां कारोबार करने वाली भारतीय कंपनियों के सामने भी कुछ सवाल खड़े कर दिए है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत की 7 लिस्टेड FMCG कंपनियों का वहां सीधा एक्सपोजर हैं। ऐसे में नेपाल के शांत होने तक उनके कारोबार पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। इस लिस्ट में कौन-कौन सी कंपनियां शामिल हैं। इनमें आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, डाबर, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, वरुण बेवरेजेज, मैरिको और बिकाजी फूड्स जैसे नाम शामिल हैं।

ये कंपनियां नेपाल में या तो प्रत्यक्ष उत्पादन करती हैं या फिर अपने भारतीय डिवीजन के जरिए एक्सपोर्ट करती हैं। नेपाल में हालात बिगड़ने पर इन कंपनियों की सप्लाई चेन बाधित होने की आशंका है और इनकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को भी नुकसान पहुंचने का खतरा है।

डाबर के उत्पाद नेपाल में काफी लोकप्रिय है। नेपाल में इसका बड़ा एक्सपोर्ट होता है। नेपाल में इसके फूड प्रोडक्ट्स और आयुर्वेदिक दवाओं के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। इसके अलावा ITC का भी नेपाल में बड़ा एक्सपोजर है। नेपाल में इसकी सूर्य नेपाल के नाम से एक सब्सिडियरी कंपनी है। वित्त वर्ष 2025 में आईटीसी की कमाई में नेपाल का योगदान 3300 करोड़ रुपये था। वहीं, इस अवधि में कंपनी के मुनाफे में नेपाल का योगदान 726 करोड़ रुपए रहा।


ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज का भी नेपाल में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है। Varun Bevrages की नेपाल में PepsiCo बॉटलिंग यूनिट है। कंपनी की कंसोलिडेटेड इनकम में नेपाल का करीब 3 फीसदी का योगदान है। इसी तरह हिंदु्स्तान यूनिलीवर (HUL) के मुनाफे का भी करीब 1 फीसदी हिस्सा नेपाल से आता है।

एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?

ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि FMCG कंपनियों के सामने हालिया अच्छी खबरों के बाद अब दो मुश्किलें आई हैं। पहला नेपाल संकट और दूसरा पंजाब व राजस्थान में आई बाढ़। हालांकि ये दोनों मुश्किलें शॉर्ट-टर्म की है। ब्रोकरेज ने कहा कि आईटीसी, डाबर और वरुण बेवरेजेज की बिक्री में नेपाल का योगदान महज 2 से 3 फीसदी है। ऐसे में इस संकट के चलते इन कंपनियों के तिमाही नतीजों पर कोई बहुत बड़ा असर आने की उम्मीद नहीं है।

ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि नेपाल से पहले बांग्लादेश में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली थी। हालांकि वह पर राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद मैरिको ने अच्छा प्रदर्शन किया था जबकि इमामी की ग्रोथ पर थोड़ा दबाव देखने को मिला था।

भारत और नेपाल के बीच कारोबार

भारत और नेपाल के बीच होने वाले ट्रेड की बात करें भारत, नेपाल को सालाना करीब 7.33 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट करता है। वहीं, नेपाल से भारत में महज 0.87 अरब डॉलर का इंपोर्ट होता है। नेपाल के कुल ट्रेड का 60-65 फीसदी भारत से होता है। यानी नेपाल अपने कारोबार के लिए काफी हद तक भारत पर निर्भर है।

कैसे शुरु हुआ नेपाल का हालिया संकट?

नेपाल के हालिया राजनीतिक संकट की बात करें तो ये 4 सितंबर को शुरू हुआ जब सरकार ने अचानक फेसबुक और यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया। सरकार के इस कदम से युवा पीढ़ी सड़कों पर आ गई और विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। हजारों गुस्साए युवाओं ने संसद, राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट समेत तमाम राजनीतिक और सरकारी दफ्तरों में लूटपाट करते हुए आग लगा दी।

प्रदर्शनकारियों ने कई शीर्ष नेताओं के घरों में भी घुसपैठ की और उनके साथ मारपीट तक किया गया। इस प्रदर्शन में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और सरकार को अपना सोशल मीडिया बैन वापस लेना पड़ा है। फिलहाल वहां सेना के हाथ में कमान है और नेपाल में अब अगली सरकार कैसी होगी, फिलहाल इसे लेकर कुछ भी तस्वीर साफ नहीं है।

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