Nifty target 2025: वैश्विक ब्रोकरेज फर्म नोमुरा का मानना है कि इस साल घरेलू मार्केट में सुस्ती रह सकती है। नोमुरा ने दिसंबर 2025 के लिए Nifty 50 का लक्ष्य 23,784 निर्धारित किया है जो इसके रिकॉर्ड हाई से 9.49 फीसदी डाउनसाइड है। पिछले साल 27 सितंबर को 26300 के करीब 26,277.35 के रिकॉर्ड हाई तक पहुंचा था। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक वैश्विक मार्केट में अनिश्चितता, भारतीय इकॉनमी की सुस्ती और कंपनियों के कमजोर कारोबारी नतीजे और डीआईआई-एफआईआई जैसे संस्थागत निवेशकों के फीके रुझान के चलते इसे झटका लग सकता है। ब्रोकरेज ने निवेशकों को इस साल उन स्टॉक्स या सेक्टर्स पर दांव लगाने की सलाह दी है जिनकी वैल्यूएशन कंफर्टेबल हो।
इन सेक्टर पर दांव लगाने की स्ट्रैटेजी
नोमुरा ने इस साल निवेशकों को वैल्यूएशन को देखते हुए ही स्टॉक्स और सेक्टर्स चुनने की सलाह दी है। नोमुरा की बात करें तो फाइनेंशियल्स, कंज्यूमर स्टेपल्स/एफएमसीजी, ऑयल एंड गैस, फार्मा, टेलीकॉम, पावर, इंटरनेट और रियल एस्टेट पर यह ओवरवेट है तो आईटी सर्विसेदज इंफ्रा पर न्यूट्रल जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, ऑटो, कैपिटल गुड्स, डिफेंस, सीमेंट, हॉस्पिटल्स और मेटल्स पर अंडरवेट है।
इस कारण मार्केट पर रहेगा दबाव
नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक पहले वैश्विक मार्केट में बात करें तो अमेरिका में ट्रंप की सरकार फिर से बनने के बाद टैरिफ वार की आशंका मार्केट पर दबाव डाल रही है। वहीं भारतीय मार्केट की बात करें भारतीय इकॉनमी की चाल सुस्त पड़ रही है और कॉरपोरेट कंपनियों के कमाई की ग्रोथ भी सुस्त पड़ी है। चालू वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर 2024 में बीएसई की टॉप-100 कंपनियों की कमाई सालाना आधार पर 4.5 फीसदी कम हुई है और अब चालू वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में भी सुस्ती जारी रहने के आसार दिख रहे हैं और सबसे अधिक सुस्ती बैंकों, एनबीएफसी, सीमेंट, ऑटो, ऑयल एंड गैस और कैपिटल गुड्स के कमाई में दिख सकती है।
इसके अलावा एफआईआई और डीआईआई की तरफ से भी मार्केट को झटका लग सकता है क्योंकि लंबे समय तक कम रिटर्न से डीआईआई निवेश के दूसरे विकल्पों की तरफ जा सकते हैं।नोमुरा का मानना है कि विदेशी निवेशकों की बात करें तो मजबूत डॉलर, हाई वैल्यूएशन और कंपनियों के कमाई की सुस्त ग्रोथ से नियर टर्म में ये भारतीय मार्केट में निवेश की रफ्तार हल्की कर सकते हैं।