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Nifty 50 Outlook: 21000 तक टूट जाएगा निफ्टी? इनक्रेड ने जताई यह आशंका, सेक्टरवाइज ये है रुझान

Nifty 50 Outlook: निफ्टी 50 रिकॉर्ड हाई से करीब 13% नीचे आ चुका है। आज इंट्रा-डे में यह टूटकर 22850 के भी नीचे आ गया। ब्रोकरेज फर्म इनक्रेड इक्विटीज की मानें तो इसमें अधिक रिकवरी के आसार नहीं दिख रहे हैं। इसने अपने टारगेट प्राइस में 8% की कटौती कर दी है और नया टारगेट 23,300 के नीचे है जबकि रिकॉर्ड हाई 26250 के पार था। हालांकि बेयर्स के चंगुल में आने पर रिकॉर्ड हाई से यह 20 फीसदी तक नीचे आ सकता है

अपडेटेड Jan 27, 2025 पर 2:07 PM
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ब्रोकरेज ने आशंका जताई है कि जीडीपी की 6 फीसदी से सुस्त रफ्तार, गठबंधन सरकार, ब्रेंट क्रूड का भाव प्रति डॉलर 100 डॉलर के पार जाने, महंगाई दर के 6 फीसदी के ऊपर जाने, असमान बारिश और निर्यात पर टैरिफ बैरियर से मार्केट को झटका लग सकता है।

Nifty 50 Outlook: ब्रोकरेज फर्म इनक्रेड इक्विटीज ने घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 के टारगेट में 8 फीसदी की कटौती कर दी है। पहले इनक्रेड ने निफ्टी का टारगेट 23,260 पर फिक्स किया था जिस इनक्रेड ने घटाकर 23,260 कर दिया है। आज 27 जनवरी को इंट्रा-डे में निफ्टी इस टारगेट लेवल के नीचे तक टूट भी गया था। बेयर केस में तो स्थिति और भयावह दिख रही है जोकि निफ्टी को रिकॉर्ड हाई से 20 फीसदी नीचे ला सकता है। इसका रिकॉर्ड हाई 26,277.35 है जो इसने पिछले साल 27 सितंबर को इंट्रा-डे में छुआ था।

बेयर्स के केस में कितना टूट सकता है Nifty 50?

ब्रोकरेज फर्म इनक्रेड का मानना है कि बेयर्स के चंगुल में तगड़ा फंसा तो निफ्टी 21,016 तक टूट सकता है। 21 जनवरी की रिपोर्ट में ब्रोकरेज ने आशंका जताई है कि जीडीपी की 6 फीसदी से सुस्त रफ्तार, गठबंधन सरकार, ब्रेंट क्रूड का भाव प्रति डॉलर 100 डॉलर के पार जाने, महंगाई दर के 6 फीसदी के ऊपर जाने, असमान बारिश और निर्यात पर टैरिफ बैरियर से इसे झटका लग सकता है। इनक्रेड की पसंद स्मॉलकैप और मिडकैप की बजाय लॉर्जकैप स्टॉक्स बनी हुई है। इनक्रेड की पसंद स्मॉलकैप और मिडकैप की बजाय लॉर्जकैप स्टॉक्स बनी हुई है। निफ्टी स्मॉलैकप इंडेक्स सितंबर 2024 के रिकॉर्ड हाई लेवल से करीब 15 फीसदी नीचे आ चुका है और इसके कम से कम 15 शेयर इस दौरान 30 फीसदी या इससे अधिक फिसल चुके हैं।


सेक्टरवाइज क्या है स्थिति?

ब्रोकरेज का एलुमिनियम, सीमेंट, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ईएमएस, फाइनेंशियल सर्विसेज, आईटी, ऑयल एंड गैस और फार्मा सेक्टर्स पर ओवरवेट रुझान है। वहीं ऑटो, ऑटो एंसिलरीज, कंज्यूमर स्टेपल्स और इंफ्रा पर न्यूट्रल रुझान है तो एग्री, एविएशन, बिल्डिंग मैटेरियल्स, केमिकल्स, मेटल्स एंड माइनिंग, पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर अंडरवेट रुझान है।

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