Nifty 50 rebalancing: निफ्टी 50 इंडेक्स में आज 27 जून 2025 से तिमाही रीबैलेंसिंग लागू होने जा रही है। इसके चलते इंडेक्स में कई शेयरों में बदलाव होने जा रहा है। इस बदलाव के चलते जहां कई दिग्गज शेयरों में अतिरिक्त निवेश आता हुआ दिख सकता है। वहीं कई शेयरों से आउटफ्लो यानी पैसा निकलता हुए देखने को मिल सकता है। ब्रोकरेज फर्म नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वाटेंटिव रिसर्च (Nuvama Alternative & Quantitative Research) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस रिबैलेंसिंग के लिए आज 27 जून के कारोबार में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है।
किन शेयरों को मिलेगा फायदा?
ICICI बैंक: सबसे बड़ा फायदा प्राइवेट सेक्टर के लेंडर, ICICI बैंक को होता दिख रहा है। इसके शेयर में करीब 3.3 करोड़ डॉलर (करीब 282 करोड़ रुपये) का पैसिव निवेश आने का अनुमान है।
बजाज फाइनेंस: इस कंपनी को नुवामा को 1.5 करोड़ डॉलर (करीब 128 करोड़ रुपये) का इनफ्लो आने की संभावना है क्योंकि इसका वेटेज बढ़ाया गया है।
विप्रो: इस दिग्गज आईटी कंपनी के शेयर 10 लाख डॉलर (करीब 8.5 करोड़ रुपये) का पैसिव इनफ्लो मिल सकता है।
अल्ट्राटेक सीमेंट: इसमें भी ब्रोकरेज ने 1.1 करोड़ डॉलर (करीब 274 करोड़ रुपये) का निवेश आने की संभवाना जताई है, जो वेटेज में सुधार के कारण होगा।
HDFC बैंक: देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक को भी निफ्टी बैंक इंडेक्स के वेटेज में थोड़ी बढ़त मिली है, जिससे 1 करोड़ डॉलर (करीब 274 करोड़ रुपये) इनफ्लो देखने को मिल सकता है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा: इस स्टॉक से लगभग 70 लाख डॉलर (करीब 60 करोड़ रुपये) का आउटफ्लो हो सकता है क्योंकि इसका वेट कम किया जा रहा है।
इंफोसिस: IT सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस से लगभग 50 लाख डॉलर (करीब 42 करोड़ रुपये) की निकासी अनुमानित है।
ITC: आईटीसी को भी इस रिबैलेंसिंग में झटका लग सकता है, जहां से 40 लाख डॉलर (करीब 34 करोड़ रुपये) का पैसिव आउटफ्लो होने की आशंका है।
यह बदलाव निफ्टी 50 इंडेक्स के तिमाही रिव्यू का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर इंडेक्स को बेहतर बनाना है ताकि यह बाजार का सही प्रतिनिधित्व कर सके। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये पैसिव फ्लो बाजार में अस्थायी उतार-चढ़ाव ला सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में यह निवेशकों को साफ संकेत देता है कि कौन से स्टॉक्स मजबूत हो रहे हैं और कहां से पूंजी बाहर जा रही है।
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