डिफेंस कंपनियों के शेयरों में रौनक लौट आई है। इसके पीछ दो बड़ी वजहें बताई जा रही हैं। इनमें पहली जीएसटी में कमी है। दूसरी, डिफेंड इक्विपमेंट के देश में ही निर्माण पर सरकार का बढ़ता फोकस है। इस साल मार्केट के प्रमुख सूचकांक निफ्टी 5.47 फीसदी चढ़ा है। इसके मुकाबले निफ्टी डिफेंस इंडेक्स में 22.98 फीसदी तेजी आई है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में कई अहम बातें बताई हैं।
इन वजहों से डिफेंड सेक्टर में सेंटिमेंट मजबूत
नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक, GST में कमी के फैसले से डिफेंस इक्विपमेंट का उत्पादन करने वाली कंपनियों पर टैक्स का बोझ घाट है। हाई वैल्यू इंपोर्ट और अहम माने जाने वाले स्पेयर पार्ट्स को इंटिग्रेटेड गु्ड्स एंड सर्विसेज टैक्स (आईजीएसटी) से छूट के बाद यह सेक्टर पहले के मुकाबले काफी अट्रैक्टिव हो गया है। डिफेंस मिनिस्ट्री के टेक्नोलॉजी पर्सपेक्टिव कैपेबिलिटी रोडमैप (टीपीसीआर) 2025 पेश करने से फ्यूचर की कंबैट टेक्नोलॉजी को लेकर सशस्त्र बलों के विजन के बारे में पता चला है।
नेवी और एयर फोर्स बड़े निवेश की तैयारी में
टेक्नोलॉजी पर्सपेक्टिव कैपेबिलिटी रोडमैप (टीपीसीआर) 2025 के नए एडिशन में न सिर्फ इंडियन नेवी बल्कि एयर फोर्स की प्रमुख जरूरतों के बारे में पता चला है। इसस डिफेंस सेक्टर को लेकर सेंटिमेंट बदला है। टीसीपीआर से नेवी के लिए बड़े एयरक्राफ्ट की जरूरतों के बारे में पता चला है। नेवी के लाइट कमर्शियल एयरक्राफ्ट्स और नई सबमैरिन बनाने के प्लान के बारे में भी पता चला है। इससे पता चलता है कि डिफेंस सेक्टर के लिए आने वाला समय बेहतर होगा।
सरकार का देश में ही डिफेंस इक्विपमेंट के उत्पादन पर जोर
पाकिस्तान के साथ मई में टकराव के हालात के बाद सशस्त्र बालों को जल्द आधुनिक बनाने की जरूरत महसूस की गई है। पिछले 10 सालों में डिफेंस पर सरकार का फोकस बढ़ा है। जियोपॉलिटिकल हालात को देखते हुए देश में ही डिफेंस इक्विपमेंट के उत्पादन पर सरकार को फोकस बढ़ा है। इससे डिफेंस के क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। पिछले कुछ सालों में डिफेंस बजट में काफी इजाफा हुआ है। 2014 के मुकाबले यह 2.6 गुना बढ़कर FY26 में यह 6.81 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।
डिफेंस एक्सपोर्ट बढ़कर 23,000 करोड़ रुपये के पार
सरकार डिफेंस कंपनियों को एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। FY25 में डिफेंस एक्सपोर्ट बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। डिफेंस सेक्टर का कुल प्रोडक्शन भी FY20 के 79,071 करोड़ रुपये से बढ़कर FY25 में 1,50,590 करोड़ रुपये हो गया। इस बीच, डिफेंस सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका बढ़ी ही। डिफेंस सेक्टर के कुल प्रोडक्शन में प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी बढ़कर 23 फीसदी तक पहुंच गई है।
निफ्टी निफ्टी इंडेक्स में 15 सितंबर को उछाल
15 सितंबर को निफ्टी डिफेंस इंडेक्स में अच्छी तेजी दिखी। 2:50 बजे यह 54 प्वाइंट्स यानी 0.68 फीसदी चढ़कर 8,099 अंक पर चल रहा था। कई डिफेंस कंपनियों के शेयरों में भी उछाल देखने को मिला। भारत डायनेमिक्स का शेयर 2.27 फीसदी के उछाल के साथ 1600 रुपये के लेवल को पार कर गया। Chochin Shipyard के शेयर 3 फीसदी से ज्यादा तेजी के साथ 1,799.50 रुपये पर पहुंच गया। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के शेयरों में भी 1 फीसदी से ज्यादा तेजी देखने को मिली।