निफ्टी अगले 12 महीने में जाएगा 27,000 के पार, गोल्डसैक्स सैक्स ने जताया बड़ा अनुमान

Share Markets: भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ा अनुमान सामने आया है। ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि निफ्टी आने वाले 12 महीनों में 27,000 के स्तर तक पहुंच सकता है। गोल्डमैन सैक्स के सुनील कौल ने बताया, “हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय शेयर बाजार और ऊपर जाएंगे। हमने 12 महीने के हिसाब से निफ्टी के लिए 27,000 का टारगेट रखा है।"

अपडेटेड Sep 18, 2025 पर 7:04 PM
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गोल्डमैन सैक्स ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 11% अर्निंग्स ग्रोथ का अनुमान बरकरार रखा है

Share Markets: भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ा अनुमान सामने आया है। ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि निफ्टी आने वाले 12 महीनों में 27,000 के स्तर तक पहुंच सकता है। गोल्डमैन सैक्स के इमर्जिंग मार्केट इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट सुनील कौल ने CNBC-TV18 से बातचीत में कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय शेयर बाजार और ऊपर जाएंगे। हमने 12 महीने के हिसाब से निफ्टी के लिए 27,000 का टारगेट रखा है।"

कौल ने कहा कि निफ्टी 50 के लिए 27,000 का यह स्तर शॉर्ट-टर्म में आएगा, जैसे दिवाली 2025 तक या फिर साल के अंत तक आता है, यह देखना होगा।

कौल ने कहा कि अमेरिका की इकोनॉमी धीमी जरूर हो रही है लेकिन मंदी से बची हुई है। फेडरल रिजर्व इस साल दो और अगले साल भी दो बार ब्याज दरें घटा सकता है। अमेरिकी डॉलर कमजोर हो रहा है और ऐसे में इमर्जिंग बाजारों के लिए पॉलिसी ईजिंग का मौका मिलेगा। इस माहौल से भारत को भी फायदा होगा।


हालांकि उन्होंने साफ किया कि भारतीय सेक्टरों की ग्रोथ समान नहीं है। उन्होंने कहा, “भारत AI स्टोरी का हिस्सा नहीं है। कंजम्प्शन में सुधार दिख रहा है लेकिन क्रेडिट ग्रोथ अभी कमजोर है। आईटी सेक्टर का प्रदर्शन अमेरिका पर निर्भर है और वहां ग्रोथ धीमी है। ऐसे में कंजम्प्शन ही फिलहाल इकलौता चमकता सितारा है, बाकी सेक्टर्स में तेजी आने में समय लगेगा।”

गोल्डमैन सैक्स ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 11% के अर्निंग्स ग्रोथ का अनुमान बरकरार रखा है। कौल का कहना है कि जीएसटी दरों में कटौती के बाद कंजम्प्शन सेक्टर में अर्निंग्स अपग्रेड की संभावना है, जबकि ब्रॉडर मार्केट में बीते एक महीने में कुछ डाउनग्रेड भी हुए हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि इस साल अब तक भारत का प्रदर्शन बाकी इमर्जिंग देशों के मुकाबले 20% से ज्यादा कमजोर रहा है, जो पिछले 30 सालों में सबसे बड़ी अंडरपरफॉर्मेंस है। इसके उलट चीन का प्रदर्शन भारत से बेहतर रहा है। कौल ने कहा कि, “भारत का वैल्यूएशन प्रीमियम घटा है। हम अभी भी चीन पर ज्यादा पॉजिटिव हैं, लेकिन भारत को आउटपरफॉर्म करने के लिए बेहतर ग्रोथ और मजबूत अर्निंग्स दिखानी होंगी। खासकर फाइनेंशियल सेक्टर बाजार को ऊपर ले जाने में अहम भूमिका निभा सकता है।”

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Vikrant singh

Vikrant singh

First Published: Sep 18, 2025 7:04 PM

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