Nifty Outlook and Strategy : बाजार में 2 दिनों की तेजी पर लगा ब्रेक, आज इन अहम स्तरों पर रहे नजर

Stock market : EMS शेयरों में लगातार तीसरे दिन तेज रिकवरी का मूड नजर आ रहा है। डिक्सन टेक में करीब 2 परसेंट की तेजी है। साथ ही केन्स टेक में भी मजबूती कायम है। उधर एनालिस्ट कॉल के बाद अंबर एंटरप्राइजेट में भी खरीदारी देखने को मिल रही है। उधर कोरोना रेमेडीज की मार्केट में शानदार एंट्री हुई है। यह स्टॉक आज 38 फीसदी प्रीमियम के साथ NSE पर 1470 रुपए पर लिस्ट हुआ है

अपडेटेड Dec 15, 2025 पर 11:11 AM
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Nifty trend : कुल मिलाकर, उम्मीद है कि निफ्टी 26,500 और 25,500 के बीच उतार-चढ़ाव करेगा, जिसमें मिला-जुला रुझान रहेगा, क्योंकि वीकली RSI फ्लैट बना हुआ है 

Nifty trend : बाजार की 2 दिनों की तेजी पर ब्रेक लग गया है। कमजोर ग्लोबल संकेत और रुपए की गिरावट ने बाजार का मूड बिगाड़ा है। निफ्टी 90 अंक गिरकर 25,950 के पास दिख रहा है। वहीं बैंक निफ्टी भी करीब 200 अंक फिसला है। मिड और स्मॉलकैप शेयरों में दबाव है। वोलैटिलिटी यानी फीयर इंडेक्स, इंडिया VIX करीब 3 फीसदी चढ़ा है। आज ऑटो और रियल्टी में सबसे ज्यादा कमजोरी देखने को मिल रही है। दोंनों इंडेक्स करीब एक फीसदी नीचे हैं। आयशर और M&M निफ्टी के टॉप लूजर्स में शामिल हैं। साथ ही हेल्थकेयर, NBFCs और PSU बैंकों पर भी दबाव है। लेकिन चुनिंदा एनर्जी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में रौनक देखने को मिल रही है।

EMS शेयरों में लगातार तीसरे दिन तेज रिकवरी का मूड नजर आ रहा है। डिक्सन टेक में करीब 2 परसेंट की तेजी है। साथ ही केन्स टेक में भी मजबूती कायम है। उधर एनालिस्ट कॉल के बाद अंबर एंटरप्राइजेट में भी खरीदारी देखने को मिल रही है। उधर कोरोना रेमेडीज की मार्केट में शानदार एंट्री हुई है। यह स्टॉक आज 38 फीसदी प्रीमियम के साथ NSE पर 1470 रुपए पर लिस्ट हुआ है। वहीं WAKEFIT की फ्लैट लिस्टिंग हुई है।

आज इन अहम स्तरों पर रहे नजर


चॉइस ब्रोकिंग की राय है कि मौजूदा सेटअप को देखते हुए, ट्रेडर्स को सपोर्ट लेवल के पास सख्त स्टॉप-लॉस के साथ सावधानी से डिप्स पर खरीदने का तरीका अपनाना चाहिए। इसने आगे कहा कि जब तक अहम रेजिस्टेंस लेवल निर्णायक रूप से पार नहीं हो जाते, तब तक एग्रेसिव लॉन्ग पोजीशन से बचना चाहिए। इस रेंज-बाउंड और उठापटक भरे माहौल में पुलबैक पर थोड़ा-थोड़ा प्रॉफिट बुक करना समझदारी होगी।

चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग में टेक्निकल रिसर्च एनालिस्ट आकाश शाह ने कहा कि टेक्निकल नजरिए से देखें तो सेंसेक्स को 85,700–85,800 पर तत्काल रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा है, यह एक ऐसा ज़ोन है जो शुरुआती तेज़ी की कोशिशों को रोक सकता है। उन्होंने आगे कहा कि 84,700–84,800 के आसपास सपोर्ट गिरावट की स्थिति में सहारा दे सकता है। कुल मिलाकर,सेंसेक्स से एक अच्छा, अपवर्ड झुकाव वाले सेशन की उम्मीद है। मैक्रो अनिश्चितताओं के बावजूद सेक्टोरल रोटेशन से बाजार को सपोर्ट मिलेगा। इससे शॉर्ट-टर्म पॉजिटिव ट्रेंड को जारी रखने में मदद मिलेगी।

एक्सिस सिक्योरिटीज में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च (हेड टेक्निकल डेरिवेटिव्स) राजेश पालवीय का कहना है कि वीकली चार्ट पर, निफ्टी पर लॉन्ग लोअर शैडो वाली एक छोटी बेयरिश कैंडल, अहम 25,700 सपोर्ट ज़ोन के पास मज़बूत खरीदारी के संकेत दे रही है। यह मार्च 2025 की ऊपर की ट्रेंडलाइन, 12 नवंबर के बुलिश गैप और नवंबर 2025 की रैली के 61.8 फीसदी फिबोनाची रिट्रेसमेंट का संगम है। 25,700 से ऊपर बने रहने से पॉजिटिव स्ट्रक्चर बरकरार रहेगा,जबकि इसे तोड़ने पर और गिरावट आ सकती है।

फिर से तेजी का ट्रेंड पकड़ने के लिए, निफ्टी को 26,326 के ऑल-टाइम हाई से ऊपर बंद होना होगा। ऐसा नहीं होने पर इसके 26,326–25,700 के दायरे में कंसोलिडेशन होने की संभावना है। 26,100 से ऊपर की तेजी निफ्टी के लिए 26,350–26,500 की ओर रास्ता बना सकती है, जबकि 25,800 से नीचे का ब्रेक इंडेक्स को 25,650–25,500 की ओर खींच सकता है।

कुल मिलाकर, उम्मीद है कि निफ्टी 26,500 और 25,500 के बीच उतार-चढ़ाव करेगा, जिसमें मिला-जुला रुझान रहेगा, क्योंकि वीकली RSI फ्लैट बना हुआ है, जो अनिश्चितता का संकेत दे रहा है।

बैंक निफ्टी व्यू

एंजेल वन के तकनीकी विश्लेषक राजेश भोसले का कहना है कि पिछले हफ़्ते बैंक निफ्टी में कंसोलिडेशन देखा गया। यह 20-DEMA के आसपास ऊपर-नीचे होता रहा, दोनों तरफ़ बीच-बीच में कोशिशें हुईं लेकिन कोई खास फ़ॉलो-थ्रू नहीं मिला। हफ्ते के अंत में इंडेक्स लगभग 0.50 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। डेली चार्ट पर, यह इंडेक्स नवंबर के बीच से एक तय रेंज में फंसा हुआ है, जिसमें 58,800–58,500 का ज़ोन एक मज़बूत सपोर्ट बेस का काम कर रहा है। जबकि, 59,800–60,000 का ज़ोन ऊपर की तरफ़ बढ़ने से रोक रहा है।

उम्मीद है कि मोमेंटम तभी आएगा जब बैंक निफ्टी इस रेंज से बाहर निकलेगा। हायर-टॉप, हायर-बॉटम स्ट्रक्चर और इंडेक्स के मीडियम-टर्म मूविंग एवरेज से काफी ऊपर ट्रेड करने से पता चलता है कि प्राइमरी ट्रेंड बुलिश बना हुआ है। इसलिए आखिरकार ऊपर की ओर ब्रेकआउट होने की संभावना है। तब तक, गिरावट पर खरीदने का तरीका ही सबसे अच्छी रणनीति रहेगी।

 

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