Share Market में बुधवार को एक बार फिर बुल यानी तेजड़ियों की वापसी हुई
Share Market: भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को एक बार फिर बुल यानी तेजड़ियों की वापसी हुई। सेंसेक्स और निफ्टी 1.8 फीसदी से अधिक चढ़ गए। फेडरल रिजर्व पॉलिसी की अहम मीटिंग से ठीक पहले ग्लोबल बाजारों में आए सकरात्मक रुख का असर भी भारतीय शेयर बाजारों पर दिखा।
बुधवार को 30 शेयरों पर आधारित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) सेंसेक्स 808.69 अंक या 1.86 फीसदी चढ़कर 56,816.65 अंक पर बंद हुआ। वहीं 50 शेयरों वाला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) निफ्टी 233.20 अंक या 1.87 फीसदी की बढ़त के साथ 16,975.35 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान बाजार में उन शेयरों में भी निचले स्तर पर खरीदारी दिखी, जिनमें पिछले कुछ दिनों में भारी गिरावट आई थी। इससे भी बुधवार को रैली मजबूत हुई।
शेयर बाजार में बुधवार को आई उछाल के पीछे चार अहम कारण रहे। आइए इन्हें एक-एक कर जानते हैं-
1. ग्लोबल बाजारों में पॉजिटिव रुख
एशियाई शेयर बाजारों में बुधवार को मजबूत उछाल देखने को मिली। खासतौर से चीन के शंघाई कंपोजिट और हांगकांग के हेंग सेंग में, जहां एक दिन पहले के कारोबारी सत्र में भारी गिरावट के बुधवार को क्रमश: 3.5 फीसदी और 9 फीसदी की भारी उछाल आई। टेनसेंट और अलीबाबा के शेयर पिछले कारोबारी सत्र थे बियर यानी मंदडियों की चपेट में थे, लेकिन बुधवार को इन्ही शेयरों ने रैली की अगुआई की। इसके अलावा जापान के निक्केई, ऑस्ट्रेलिया के ASX 200 और साउथ कोरिया के कॉस्पी में 1-1 फीसदी की बढ़त देखी गई।
बुधवार को चीन की एक सरकारी मीडिया में छपी एक रिपोर्ट में चीनी कंपनियों के शेयरों को समर्थन मिलने के संकेत थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिका और चीन के रेगुलेटर्स एक कोऑपरेशन प्लान पर काम कर रहे हैं। यह प्लान अमेरिका में लिस्टेड चाइनीज कंपनियों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। इससे भी बुधवार को चीन और हांगकांग के बाजारों में तेजी दिखी।
इसके अलावा अमेरिकी शेयर बाजारों में उछाल से एशियाई बाजारों में सेंटीमेंट मजबूत हुआ। मंगलवार को अमेरिका का S&P 500, डाउ जोंस और नैस्डेक कंपोजिट 2 से 3 फीसदी की उछाल के साथ बंद हुए थे।
दुनिया भर में निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दर बढ़ाने के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मीटिंग बुधवार रात को होनी है। अधिक एक्सपर्ट का अनुमान है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है, जबकि पहले 0.50 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान जताया रहा था। यह 2018 के बाद पहला मौका होगा, जब फेडरल रिजर्व ब्याज दर बढ़ाएगा।
एक्सपर्ट की निगाह इस पर भी होगी कि फेडरल रिजर्व भविष्य में ब्याज रेट बढ़ाने को लेकर क्या कहता है क्योंकि अमेरिका में इस समय महंगाई अपने 40 सालों के उच्चतम स्तर पर है।
3. इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स
वौलैटिलिटी में अच्छी खासी कमी आई है, जिसके चलते बाजार में स्थिरता बढ़ी है। एक्सपर्ट का मानना है कि अगर वोलैटिलिटी और गिरकर 20 के स्तर पर आती है तो यह बुल्स के लिए एक सपोर्ट लेवल के तौर पर काम कर सकता है।
बाजार में अस्थिरता को मापने वाला इंडेक्स, India VIX बुधवार को 9.77 फीसदी गिरकर 24.12 पर आ गया। 24 फरवरी को रूस ने जब यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया, उस समय यह 34 के स्तर पर था। तब से अब तक इसमें काफी गिरावट आई है।
4. हरे निशान में रहे सभी सेक्टर्स
बाजार में रैली को सभी सेक्टर्स का समर्थन मिला। मेटल इंडेक्स में सबसे अधिक करीब 3 फीसदी की उछाल दिखी, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में इसमें 4 फीसदी की गिरावट आई थी। निफ्टी बैंक, ऑटो और फाइनेंशियल सर्विसेज में भी करीब 1.8 फीसदी तक की तेजी आई, जबकि आईटी और एफएमसीजी सेक्टर के इंडेक्स करीब 1 फीसदी तक बढ़े।
छोटे और मझोले शेयरों में भी बुधवार को जमकर खरीदारी दिखी। Nifty Midcap 100 में जहां 2 फीसदी की उछाल आई, वहीं NIFTY Smallcap 100, 1.17 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुए।
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