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Nifty 20,000 पर पहुंचा, जानिए बाजार को लेकर अब आपकी क्या स्ट्रेटेजी होनी चाहिए?

इंडियन स्टॉक मार्केट के इतिहास में Nifty पहली बार 20,000 पर पहुंच गया। इससे निवेशक बहुत खुश हैं, क्योंकि अगस्त में बाजार में आई गिरावट ने उन्हें डरा दिया था। उन्हें लगता था निफ्टी इस साल 20 जुलाई को 19,991 के अपने ऑल-टाइम हाई को जल्द तोड़ नहीं पाएगा। लेकिन, पिछले हफ्ते आई तेजी की बदौलत निफ्टी ने उम्मीद से पहले यह उपलब्धि हासिल कर ली

अपडेटेड Sep 11, 2023 पर 6:16 PM
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि निफ्टी 50 का ऑल टाइम हाई पहुंच जाना पूरे मार्केट के लिए खुशी की खबर है। लेकिन, रिटेल निवेशकों के लिए यह सावधानी बरतने का वक्त है। इसकी वजह यह है कि जिस तरह की तेजी छोटे-बड़े शेयरों में दिख रही है, उससे उनकी कीमतें बहुत बढ़ गई हैं।

स्टॉक मार्केट ने हफ्ते के पहले ही दिन (11 सितंबर) वह कीर्तिमान हासिल कर लिया, जिसका इंतजार पिछले कई हफ्तों से था। इंडियन स्टॉक मार्केट के इतिहास में Nifty पहली बार 20,000 पर पहुंच गया। इससे निवेशक बहुत खुश हैं, क्योंकि अगस्त में बाजार में आई गिरावट ने उन्हें डरा दिया था। उन्हें लगता था निफ्टी इस साल 20 जुलाई को 19,991 के अपने ऑल-टाइम हाई को जल्द तोड़ नहीं पाएगा। लेकिन, पिछले हफ्ते आई तेजी की बदौलत निफ्टी ने उम्मीद से पहले यह उपलब्धि हासिल कर ली। लेकिन, इस तेजी और निफ्टी के इस कीर्तिमान का रिटेल निवेशकों के लिए क्या मतलब है? मनीकंट्रोल ने यह सवाल मार्केट एक्सपर्ट्स से पूछा।

सावधानी बरतने का वक्त

एक्सपर्ट्स का कहना है कि निफ्टी 50 का ऑल टाइम हाई पहुंच जाना पूरे मार्केट के लिए खुशी की खबर है। लेकिन, रिटेल निवेशकों के लिए यह सावधानी बरतने का वक्त है। इसकी वजह यह है कि जिस तरह की तेजी छोटे-बड़े शेयरों में दिख रही है, उससे उनकी कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की कीमतें पिछले 4-5 महीनों में बहुत बढ़ी हैं। इससे उनकी वैल्यूएशन बहुत हाई हो गई है। हाई वैल्यूएशन पर शेयरों में निवेश का असर इनवेस्टर्स के रिटर्न पर पड़ सकता है।


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एकमुश्त निवेश से बचने की सलाह

एबैकस एसेट मैनेजमेंट के सुनील सिंघानिया का कहना है कि निफ्टी का 20,000 पर पहुंच जाना बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा, "इससे इकोनॉमी की ताकत का पता चलता है। दुनिया में इंडिया की धाक बढ़ रही है। ग्लोबल इकोनॉमी में भी इंडिया का महत्व बढ़ रहा है।" लेकिन, इससे रिटेल इनवेस्टर्स को बहुत खुश होने की जरूरत नहीं है। उन्हें अपने एसेट एलोकेशन का ध्यान रखना चाहिए। मार्केट ऑल-टाइम हाई पर है, जिससे एकमुश्त निवेश से उन्हें बचना चाहिए।

मिडकैप-स्मॉलकैप स्टॉक्स की वैल्यूएशन ज्यादा

Stallion Asset Management के अमित जसवानी ने कहा कि लार्जकैप के लिए यह बुल मार्केट की शुरुआत है। लेकिन, मिडकैप और स्मॉलकैप के लिए बुल मार्केट 70-80 फीसदी पूरा हो चुका है। दरअसल, अप्रैल से अब तक मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में एकतरफा तेजी जारी है। इन शेयरों ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। इन शेयरों की कीमतों में उछाल से इनकी वैल्यूएशन बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं।

मार्केट की तेज रफ्तार को लेकर चिंता 

Kedia Securites के विजय केडिया ने कहा कि यह सफर का सिर्फ एक पड़ाव है। यह मंजिल नहीं है। हमें आगे ऐसी कई चीजें देखने को मिलेंगी। समस्या सिर्फ स्पीड को लेकर है। जिस स्पीड से मार्केट बढ़ रहा है वह चिंता का सबब हो सकता है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि निफ्टी को 20 जुलाई के अपने ऑल-टाइम हाई को तोड़ने में सिर्फ 37 सत्र का समय लगा।

सिर्फ क्वालिटी स्टॉक्स में निवेश की सलाह

कोटक महिंद्रा एएमसी के प्रमुख निलेश शाह ने कहा कि मार्केट तेजी के ट्रेंड में है। ऐसे में निवेशकों खासकर रिटेल निवेशकों को सावधानी बरतने की जरूरत है। रिटेल निवेशकों को मार्केट की तेजी का फायदा उठाने के लिए आंख मूंद कर निवेश नहीं करना चाहिए। उन्हें निवेश से पहले कंपनी की बुनियादी स्थिति को देख लेना चाहिए। सिर्फ पिछले कुछ महीनों के रिटर्न के आधार पर निवेश का फैसला नहीं लेना चाहिए।

SIP के जरिए रखें म्यूचुअल फंड्स में निवेश

शाह ने कहा कि अभी बाजार में वैल्यूएशन ज्यादा दिख रही है। मार्केट कैप जितना कम होगा, वैल्यूएशन उतनी ज्यादा होगी। आम तौर पर ऐसी वैल्यूएशन बहुत लंबे समय तक नहीं टिकती है। इसलिए सिर्फ अच्छी क्वालिटी के स्टॉक्स में निवेश करना ठीक रहेगा। बाजार की तेजी का फायदा उठाने की जगह निवेशकों को लंबी अवधि के लिहाज से निवेश करना चाहिए। SIP के जरिए स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों में निवेश करना ठीक है। लेकिन सिर्फ तेजी को देखते हुए निवेश करना ठीक नहीं है।

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