Nifty trend : निफ्टी 500 इंडेक्स में शामिल 60% कंपनियां अपने लॉन्ग टर्म एवरेज के ऊपर कर रहीं ट्रेड, जानिए क्या हैं इसके मायने

Nifty trend: निफ्टी 500 अपने दीर्घकालिक औसत 19.6 के मुकाबले एक साल की अग्रिम आय के 21.92 गुना पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी 500 इंडेक्स में शामिल 60 फीसदी कंपनियां अपने लॉन्ग टर्म एवरेज के ऊपर ट्रेड कर रही हैं

अपडेटेड Sep 11, 2025 पर 11:46 AM
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अंबरीश बालिगा ने कहा लॉन्ग टर्म नजरिए भारतीय शेयर वाकई महंगे हैं। लेकिन अगर दूसरी तिमाही में आय में सुधार दिखाई देता है या तीसरी तिमाही में बेहतर प्रदर्शन के संकेत मिलते हैं तो यह वैल्यूएशन फेयर साबित हो सकता है

बुधवार को भारतीय शेयर बाज़ारों में लगातार छठे कारोबारी सत्र में बढ़त का सिलसिला जारी रहा, जिसकी वजह रही नकदी का मज़बूत प्रवाह। हालांकि, इस तेजी के पीछे एक बड़ी चिंता छिपी है। वह है बाजार का महंगा वैल्यूएशन। निफ्टी 500 कंपनियों में से लगभग 60 फीसदी कंपनियां अपने 10 साल के औसत से ऊपर के फॉरवर्ड प्राइस-टू-अर्निंग (पी/ई) मल्टिपल पर कारोबार कर रही हैं। खुद इस इंडेक्स का वैल्यूएशन एक साल के फॉरवर्ड अर्निंग के 21.92 गुना पर है, जो इसके लॉन्ग टर्म एवरेज 19.6 से काफी ज्यादा है।

असित सी. मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स के रिसर्च हेड सिद्धार्थ भामरे ने कहा कि महंगा वैल्यूएशन अभी भी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, "महंगा होना कभी भी अच्छा नहीं होता। इस तेजी से पहले भी, कई शेयर ज़रूरत से ज़्यादा महंगे थे। मैं इन स्तरों पर बाज़ारों को लेकर सहज नहीं हूं।"

मार्केट एनालिस्टों का कहना है कि पिछले साल, बाज़ार ने एनडीए के बहुमत से चूकने जैसी निगेटिव खबरों को काफी आसानी से झेल लिया था। इसके विपरीत, ब्याज दरों में कटौती और जीएसटी में कटौती जैसी अच्छी खबरों के बावजूद, मौजूदा तेज़ी को बरकरार रखना मुश्किल लग रहा है। बाजार जानकारों का कहना है कि बाजार का वैल्यूएशन अर्निंग ग्रोथ पर निर्भर जो अभी तक पॉजिटिव नहीं हुई है,जिससे शेयर बाज़ार में कमज़ोरी आ रही है।


निफ्टी 500 इंडेक्स के सबसे महंगे शेयरों में से एक,पतंजलि फूड्स का एक साल का फॉरवर्ड पी/ई 120.74 गुना पर कारोबार हो रहा है,जबकि इसका 10 साल का औसत 19 गुना है। देवयानी इंटरनेशनल और इटरनल का वैल्यूएशन 192 गुना और 198 गुना है। जबकि उनके लॉन्ग टर्म एवरेज 109 गुना और 122 गुना हैं। दूसरे महंगे शेयरों में मैक्स फाइनेंशियल, सैफायर फूड्स, सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल, लॉरस लैब्स और एस्टर डीएम हेल्थकेयर शामिल हैं।

Nifty 500 firms trade

इन चिंताओं के बावजूद, निफ्टी में तेजी जारी है, जिसकी वजह अच्छी जीडीपी ग्रोथ, मज़बूत जीएसटी संग्रह, हाल ही में जीएसटी में की गई कटौती और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता के आगे बढ़ने जैसे मज़बूत मैक्रो इकोनॉमिक इंडीकेटर हैं। बाज़ार पर नज़र रखने वालों का कहना है कि यह तेजी बुनियादी बातों से ज़्यादा सेंटीमेंट और नकदी की आसान उपलब्धता की वजह से आई है।

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इंडिपेंडेंट एनालिस्ट अंबरीश बालिगा का भी मानना है कि हमारे बाजार महंगे है। लेकिन उन्होंने बढ़े नकदी प्रवाह को ज्यादा अहमियत दी है। उन्होंने कहा, "लॉन्ग टर्म नजरिए भारतीय शेयर वाकई महंगे हैं। लेकिन अगर दूसरी तिमाही में आय में सुधार दिखाई देता है या तीसरी तिमाही में बेहतर प्रदर्शन के संकेत मिलते हैं,तो यह वैल्यूएशन फेयर साबित हो सकता है। बाजार की तेजी की मुख्य वजह नकदी का प्रवाह है। जब नकदी के प्रवाह की बात आती है तो वैल्यूएशन अक्सर पीछे छूट जाते हैं।"

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती, ग्लोबल जोखिमों से सुरक्षा प्रदान कर सकती है। आयकर में राहत,जीएसटी में कटौती और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में बढ़त जैसे नीतिगत उपायों से आने वाले महीनों में लोगों के खर्च में बढ़त हो सकती है। इससे खपत में तेजी और विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

 

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MoneyControl News

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First Published: Sep 11, 2025 11:45 AM

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