इनाम होल्डिंग (Enam Holdings) के इनवेस्टमेंट डायरेक्टर श्रीधर शिवराम (Sridhar Sivaram)फाइनेंशियल सेक्टर के शेयरों को लेकर बुलिश हैं। इस सेक्टर में उनके पंसदीदा शेयर प्राइवेट और बड़े सरकारी बैंक हैं। CNBCTV18 को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हम कुछ समय से पीएसयू बैंकों पर बुलिश हैं। इनके क्रेडिट कॉस्ट में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं प्राइवेट बैंकों की बात करें तो इनकी क्रेडिट कॉस्ट में काफी गिरावट हो चुकी है। यह बात इस सेक्टर के पक्ष में जाती है। क्योंकि क्रेडिट कॉस्ट (कर्ज लागत) में गिरावट का मतलब होता है मुनाफे में बढ़त।
क्रेडिट कॉस्ट में गिरावट की वजह से बैंकों का मुनाफा बढ़ा
श्रीधर शिवराम आगे कहा कि क्रेडिट कॉस्ट में गिरावट की वजह से कुछ बड़े सरकारी बैंकों के मुनाफे में 60-70 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि इस बातचीत में उन्होंने बैंकों के डिपॉजिट ग्रोथ को लेकर कुछ चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पिछले 2 छमाहियों में बैंकों की लोन ग्रोथ डिपॉजिट ग्रोथ की तुलना में ज्यादा रही है। हर बैंक अपने बफर के दम पर कर्ज बांटता नजर आया है। ऐसे में हमें डिपॉजिट को लेकर कुछ चिंता हो रही है।
अडानी ग्रुप में बैंकों के एक्सपोजर को लेकर चिंता नहीं
श्रीधर शिवराम अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट में लगे बैंकों के पैसे को लेकर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि बैंकों ने अपने पुराने अनुभव से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने अडानी ग्रुप को कर्ज देने में काफी कंजरवेटिव नजरिया अपनाया है। ऐसे में हमें बैंकों की तरफ से अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट के लिए दिए गए कर्ज को लेकर बहुत बड़ी चिंता नजर नहीं आ रही है।
एयरपोर्ट जैसे बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट को बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय देश में एयरपोर्ट का कारोबार बूम कर रहा है। हर कोई एयरपोर्ट में निवेश करना चाहता है। इसकी वजह ये है कि ये काफी मुनाफे वाला कारोबार है। हमें एयरपोर्ट प्रोजेक्ट पर बैंकों के कर्ज को लेकर कोई चिंता नहीं नजर नहीं आ रही है। क्योकि बैंकों ने कोलेटरल के तौर पर इन परियोजनाओं से होने वाली कमाई पर दांव लगाया है।
इंश्योरेंस सेक्टर को लेकर बियरिश नजरिया
इस बातचीत में श्रीधर शिवराम ने कहा कि वो इंश्योरेंस सेक्टर को लेकर बियरिश नजरिया रखते हैं। क्योकि ये कंपनियां प्रोटेक्शन नहीं बेचती हैं। सिर्फ 10 फीसदी लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां प्रोटेक्शन बेचती हैं। जबकि बाकी कंपनियां एक तरका टैक्स ऑर्बिटरेज (tax arbitrage)करती हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर भी श्रीधर शिवराम ने अपनी चिंता जताते हुए कहा कि इन कंपनियों में कारपोरेट गवर्नेंस को लेकर काफी चिंता है। इसकी वजह से निवेश के नजरिए से अच्छी नजर नहीं आ रही हैं।
फाइनेंशियल, एंसिलरी और कमोडिटी से जुड़े शेयर अच्छे
उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल, एंसिलरी और कमोडिटी से जुड़े शेयर अच्छे लग रहे हैं। आईटी सेक्टर पर बात करते हुए श्रीधर ने कहा कि इस सेक्टर को लेकर वो अंडरवेट हैं। आईटी शेयर में निवेश करने के लिए इंतजार करना चाहेंगे। आईटी कंपनियों के अगले साल की गाइडेंस पर उनकी नजर होगी। उन्होंने कहा कि समान्य तौर पर जब विकसित देशों में मंदी जैसी स्थिति होती है तब वहां गैर जरूरी खर्चों में कटौती होती दिखती है। इसका असर भारत के आईटी सेक्टर पर पड़ता है। ऐसे में हम ऐसे स्टॉक या सेक्टर पर दांव लगाना चाहेंगेजो घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर हैं।
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