NSE SME to NSE and BSE: BFSI (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस) इंडस्ट्री को सॉफ्टवेयर और डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशंस मुहैया कराने वाली नेटवर्क पीपुल सर्विस टेक्नोलॉजीज (NPST) के शेयर NSE SME पर लिस्टेड हैं। हालांकि जल्द ही यह मेनबोर्ड यानी कि बीएसई और एनएसई पर लिस्ट हो सकती है। करीब तीन साल पहले घरेलू मार्केट में इसके शेयर 10 अगस्त 2021 को NSE SME पर लिस्ट हुए थे। अब कंपनी मेनबोर्ड पर शिफ्ट होने के लिए एप्लीकेशन डालने वाली है जिसके खुलासे पर शेयर चमक गए और उछलकर 5 फीसदी के अपर सर्किट पर पहुंच गए। आज NSE SME पर यह 2,785.25 रुपये (NPST Share Price) के अपर सर्किट पर बंद भी हुआ है। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है कि यह मेनबोर्ड पर शिफ्ट होने की तैयारी कर रही है।
NPST ने रॉकेट की स्पीड से बढ़ाया पैसा
एनपीएसटी के शेयर आईपीओ निवेशकों को 80 रुपये के भाव पर जारी हुए हैं और अब यह 2,785.25 रुपये पर है यानी कि तीन साल में ही निवेशकों के एक लाख रुपये का निवेश 34 लाख रुपये की पूंजी बन गई। वैसे लिस्टिंग के दिन इसका परफॉरमेंस कुछ खास नहीं था और 83.95 रुपये के भाव पर लिस्ट हुआ था और 83.95 रुपये का हाई लगाकर यह 79.90 रुपये के भाव पर बंद हुआ था। हालांकि अगर आईपीओ निवेशकों ने इसे होल्ड किया होगा तो तीन ही साल में उनकी पूंजी 34 गुना से अधिक बढ़ चुकी होगी। वैसे अगस्त में तो और तगड़ा रिटर्न मिला होता क्योंकि 28 अगस्त 2024 को यह 3,577.00 रुपये की रिकॉर्ड हाई पर था यानी कि आईपीओ निवेशकों के एक लाख रुपये उस समय 44.71 लाख रुपये बन गए थे। पिछले साल 19 अक्टूबर 2023 को यह एक साल के निचले स्तक 526.67 रुपये पर था।
NSE SME से मेनबोर्ड पर आने के लिए किन शर्तों का पूरा होना जरूरी
एनएसई एसएमई से मेनबोर्ड पर आने के लिए तो सबसे पहले यही जरूरी है कि एसएमई कम से कम तीन साल से लिस्टेड हो। अब बात करें कंपनी के फाइनेंशियल्स की तो इसका पेड-अप कैपिटल 10 करोड़ रुपये से कम नहीं होना चाहिए और मार्केट कैप भी 25 करोड़ रुपये से कम नहीं होना चाहिए। पूरा जमा हुआ घाटा निकालकर कंपनी की नेटवर्थ कम से कम 50 करोड़ रुपये होनी चाहिए और पिछले वित्त वर्ष में यह शुद्ध मुनाफे में होनी चाहिए और साथ में पिछले तीन वित्त वर्ष में इसका ऑपरेटिंग प्रॉफिट पॉजिटिव होना चाहिए। इसके अलावा मेनबोर्ड पर आने का एप्लीकेशन जब फाइल किया जा रहा है, उससे पिछली तिमाही के आखिरी कारोबारी दिन कम से कम 1000 पब्लिक शेयरहोल्डर्स होने चाहिए। पिछले तीन वित्त वर्षों में इसके खिलाफ कोई नियामकीय कार्रवाई न हुई हो।
कैसी है NPST की कारोबारी सेहत?
एनपीएसटी का ऑपरेशनल रेवेन्यू सितंबर 2024 छमाही में करीब 140 फीसदी बढ़कर 125.61 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। मुनाफा भी 232 फीसदी से अधिक बढ़कर 33.77 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अब इसके कारोबार की बात करें तो यह 2013 में बनी थी और यह BFSI सेक्टर को सॉफ्टवेयर और मोबिलिटी सॉल्यूशंस मुहैया कराती है। इसका फ्लैगशिप ऐप टाइमपे (TimePay) जिसके जरिए पैसों का लेन-देन होता है।