NSDL IPO Listing: डिपॉजिटरी सर्विसेज मुहैया कराने वाली नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजटरी लिमिटेड (NSDL) के शेयरों की आज BSE पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को निवेशकों का तगड़ा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल इसे 41 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹800 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी ₹880 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 10% का लिस्टिंग गेन (NSDL Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर यह ₹943.85 (NSDL Share Price) पर पहुंच गया। दिन के आखिरी में यह ₹936.00 पर बंद हुआ है यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 17% मुनाफे में हैं।
NSDL IPO को मिला था शानदार रिस्पांस
एनएसडीएल का ₹4,011.60 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 30 जुलाई से 1 अगस्त तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 41.02 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 103.97 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 34.98 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 7.76 गुना और एंप्लॉयीज का हिस्सा 15.39 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत कोई नया शेयर नहीं जारी हुआ है तो इसका कोई पैसा एनएसडीएल को नहीं मिलेगा। आईपीओ के ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत ₹2 की फेस वैल्यू वाले 5,01,45,001 शेयरों की बिक्री हुई है और पूरा पैसा शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिला है।
किस-किसने बेचे हैं शेयर IPO के जरिए?
आईडीबीआई बैंक ने आईपीओ के तहत 2,22,20,000 शेयर, एसबीआई ने 40 लाख शेयर, एनएसई ने 1,80,00,001 शेयर, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 5 लाख शेयर, एचडीएफसी बैंक ने 20,10,000 शेयर और SUUTI (स्पेशिफाइड अंडरटेकिंग ऑफ यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया) के एडमिनिस्ट्रेटर ने 34.15 लाख शेयर बेचे हैं। इसमें आईडीबीआई बैंक, एसबीआई और SUUTI के एडमिनिस्ट्रेटर को ₹2 के औसतन वेटेज कॉस्ट पर शेयर मिले थे जबकि एनएसई को ₹12.28, यूबीआई को ₹5.20 और एचडीएफसी बैंक ₹108.29 के भाव पर मिले थे। आईपीओ से पहले आईडीबीआई बैंक की एनएसडीएल में 26.01% और एसबीआई की 24% हिस्सेदारी थी। सेबी के नियमों के मुताबिक किसी मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर में किसी सिंगल एंटिटी की हिस्सेदारी 15% से अधिक नहीं हो सकती है तो ऐसे में आईपीओ के जरिए आईडीबीआई बैंक और एनएसई को सेबी के नियमों का पालन करने में मदद मिली है।
वर्ष 2012 में बनी एनएसडीएल सेबी के पास रजिस्टर्ड मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (MII) है। यह देश में सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के तौर पर काम करती है। इसका काम सिक्योरिटीज के अलॉटमेंट और मालिकाना हक के ट्रांसफर के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड मेंटेन करना है। यह डीमैटरलाइजेशन, ट्रेड सेटलमेंट, ऑफ-मार्केट ट्रांसफर, सिक्योरिटीज के गिरवी इत्यादि सर्विसेज देती है। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है।
वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹234.81 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में उछलकर ₹275.45 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹343.12 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 18% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹1,535.19 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रिजर्व और सरप्लस भी बढ़ा है जोकि वित्त वर्ष 2023 में ₹199.08 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 में ₹216.32 करोड़ से वित्त वर्ष 2025 में ₹232.31 करोड़ पर पहुंच गया।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।