दो सरकारी कंपनियों ने SEBI के नियमों का किया उल्लंघन, NSE और BSE ने लगाया जुर्माना

कोल इंडिया और MTNL पर BSE और NSE ने जुर्माना लगाया है। इसकी वजह सेबी के नियमों का उल्लंघन करना है। जानिए दोनों कंपनियों ने किन नियमों का पालन नहीं किया और दोनों ने अपनी सफाई में क्या कहा।

अपडेटेड Sep 01, 2025 पर 8:21 PM
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दोनों सरकारी कंपनियों ने NSE और BSE दोनों से जुर्माना माफ करने की अपील की है।

सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने सोमवार को बताया कि उसके बोर्ड में जरूरी संख्या में स्वतंत्र निदेशक (Independent Directors) की नियुक्ति न होने के चलते उस पर ₹10.72 लाख का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि BSE और NSE दोनों ने SEBI नियमों के उल्लंघन के चलते ₹5.36 लाख-₹5.36 लाख का जुर्माना लगाया है।

रेगुलेशन 17 का उल्लंघन

SEBI (LODR) रेगुलेशन 17 मुख्य रूप से कॉरपोरेट गवर्नेंस नियमों से जुड़ा है। इसमें बोर्ड की गलत संरचना (जैसे स्वतंत्र निदेशकों की कमी), 75 वर्ष से अधिक आयु वाले नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के लिए विशेष प्रस्ताव पारित न करना, या बोर्ड की न्यूनतम चार बैठकों का आयोजन न करना जैसी गड़बड़ियां शामिल हैं।


कोल इंडिया की सफाई

CIL ने बताया कि बोर्ड के सभी सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, इसलिए बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति उसके प्रबंधन के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती। कंपनी ने कहा कि इस मामले में वह लगातार कोयला मंत्रालय के साथ संपर्क में है।

कंपनी ने बताया कि उसने NSE और BSE दोनों से जुर्माना माफ करने की अपील की है। इससे पहले भी एक्सचेंजों ने उसकी माफी की अपील पर सकारात्मक निर्णय लिया था। वर्तमान में CIL के बोर्ड में छह स्वतंत्र निदेशक मौजूद हैं।

MTNL पर भी लगा जुर्माना

सरकारी टेलीकॉम कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) पर स्टॉक एक्सचेंजों- NSE और BSE ने ₹6.73-₹6.73 लाख का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने शनिवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में जानकारी दी कि यह जुर्माना बोर्ड में SEBI (LODR) रेगुलेशंस, 2015 के नियमों का पालन न करने की वजह से लगाया गया है।

नियमों के उल्लंघन की वजह

एक्सचेंजों ने कहा कि MTNL ने कई मामलों में नियमों का पालन नहीं किया है। इनमें शामिल हैं,

  • महिला निदेशक की नियुक्ति में देरी
  • ऑडिट कमेटी का गठन अधूरा रहना
  • नॉमिनेशन और रिम्यूनरेशन कमेटी का गठन न होना
  • स्टेकहोल्डर रिलेशनशिप कमेटी और रिस्क मैनेजमेंट कमेटी का स्ट्रक्चर अधूरा होना

सरकार पर जिम्मेदारी

MTNL ने अपने बयान में कहा कि वह एक पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) है और स्वतंत्र निदेशकों (Independent Directors) सहित बोर्ड के सभी सदस्यों की नियुक्ति Department of Telecommunications (DoT) द्वारा की जाती है।

कंपनी ने बताया कि 15 अप्रैल से दो स्वतंत्र निदेशक नियुक्त कर दिए गए हैं, जिनमें एक महिला निदेशक भी शामिल हैं। वहीं, चार और स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति का मामला सरकार के पास विचाराधीन है। MTNL ने यह भी कहा कि उसने NSE और BSE दोनों से लगाए गए जुर्माने को माफ करने के लिए अपील की है।

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