सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने सोमवार को बताया कि उसके बोर्ड में जरूरी संख्या में स्वतंत्र निदेशक (Independent Directors) की नियुक्ति न होने के चलते उस पर ₹10.72 लाख का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि BSE और NSE दोनों ने SEBI नियमों के उल्लंघन के चलते ₹5.36 लाख-₹5.36 लाख का जुर्माना लगाया है।
SEBI (LODR) रेगुलेशन 17 मुख्य रूप से कॉरपोरेट गवर्नेंस नियमों से जुड़ा है। इसमें बोर्ड की गलत संरचना (जैसे स्वतंत्र निदेशकों की कमी), 75 वर्ष से अधिक आयु वाले नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के लिए विशेष प्रस्ताव पारित न करना, या बोर्ड की न्यूनतम चार बैठकों का आयोजन न करना जैसी गड़बड़ियां शामिल हैं।
CIL ने बताया कि बोर्ड के सभी सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, इसलिए बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति उसके प्रबंधन के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती। कंपनी ने कहा कि इस मामले में वह लगातार कोयला मंत्रालय के साथ संपर्क में है।
कंपनी ने बताया कि उसने NSE और BSE दोनों से जुर्माना माफ करने की अपील की है। इससे पहले भी एक्सचेंजों ने उसकी माफी की अपील पर सकारात्मक निर्णय लिया था। वर्तमान में CIL के बोर्ड में छह स्वतंत्र निदेशक मौजूद हैं।
सरकारी टेलीकॉम कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) पर स्टॉक एक्सचेंजों- NSE और BSE ने ₹6.73-₹6.73 लाख का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने शनिवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में जानकारी दी कि यह जुर्माना बोर्ड में SEBI (LODR) रेगुलेशंस, 2015 के नियमों का पालन न करने की वजह से लगाया गया है।
एक्सचेंजों ने कहा कि MTNL ने कई मामलों में नियमों का पालन नहीं किया है। इनमें शामिल हैं,
MTNL ने अपने बयान में कहा कि वह एक पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) है और स्वतंत्र निदेशकों (Independent Directors) सहित बोर्ड के सभी सदस्यों की नियुक्ति Department of Telecommunications (DoT) द्वारा की जाती है।
कंपनी ने बताया कि 15 अप्रैल से दो स्वतंत्र निदेशक नियुक्त कर दिए गए हैं, जिनमें एक महिला निदेशक भी शामिल हैं। वहीं, चार और स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति का मामला सरकार के पास विचाराधीन है। MTNL ने यह भी कहा कि उसने NSE और BSE दोनों से लगाए गए जुर्माने को माफ करने के लिए अपील की है।
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