NSE के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) विक्रम लिमये का कार्यकाल इस साल जुलाई में खत्म हो रहा है। उन्होंने फैसला किया है कि वह CEO के तौर पर दूसरे चरण का कार्यकाल नहीं संभालेंगे। इसका मतलब है कि NSE के IPO की जिम्मेदारी कंपनी के नए CEO की होगी। हालांकि कुछ दिनों पहले जब मनीकंट्रोल ने एक इंटरव्यू में NSE के पब्लिक इश्यू के बारे में पूछा था तो लिमये ने कहा था कि अब इसका वक्त तय नहीं है।
मिंट को दिए एक इंटरव्यू में लिमये ने कहा, "मैंने बोर्ड को बता दिया है कि मैं दूसरा कार्यकाल नहीं करना चाहता हूं। इसलिए मैं इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो रहा हूं।"
दूसरे चरण के कार्यकाल की इच्छा नहीं
लिमये कहा, "मेरा कार्यकाल 16 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है। मैंने इस संस्थान को बेहद मुश्किल भरे दौर में संभाला है और इसे बदलने की पूरी कोशिश की है। बिजनेस ग्रोथ, टेक्नोलॉजी, गवर्नेंस, रेगुलेटर के नियमों को लागू करने जैसे कई काम बेहतर ढंग से किए हैं। मैं सभी स्टेकहोल्डर्स, रेगुलेटर्स और सरकार के सपोर्ट के लिए आभारी हूं।"
NSE का बोर्ड नए CEO के लिए 4 मार्च को आवेदन मंगा रहे हैं। को-लोकेशन स्कैम में फंसी चित्रा रामकृष्ण को अपना पद कार्यकाल पूरा होने से पहले छोड़ना पड़ा था। इसके बाद विक्रम लिमये को 5 साल के लिए CEO बनाया गया था। चित्रा रामकृष्ण को-लोकेशन स्कैम में फिलहाल 7 दिनों की कस्टडी में हैं।
लटकता रहा है कंपनी का IPO
रेगुलेटर ने NSE को-लोकेशन मामले में जांच के आदेश दिए हैं। इन सबकी वजह से NSE का IPO लगातार लटकता आ रहा है। कंपनी का इश्यू पहली बार 2016 में आने वाला था, तब एक्सचेंज में सिर्फ 70 स्टेकहोल्डर्स थे। अब इसके शेयरहोल्डर्स की संख्या बढ़कर 2200 पहुंच गई है। तब NSE की वैल्यू 40,000 करोड़ रुपए थी जो अब बढ़कर 2 लाख करोड़ पहुंच गई है।