8 स्टॉक्स को F&O से बाहर करेगा NSE, अदाणी टोटल और जिंदल स्टेनलेस शामिल; क्या मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स पर होगा असर?

NSE ने Adani Total Gas, Jindal Stainless सहित आठ स्टॉक्स को F&O से हटाने का फैसला किया है। जानिए स्टॉक एक्सचेंज ने यह फैसला क्यों लिया और क्या इसका मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स पर भी कोई असर होगा?

अपडेटेड Jun 23, 2025 पर 10:12 PM
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NSE का F&O में बदलाव 29 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर आठ शेयर फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (Futures & Options - F&O) सेगमेंट से बाहर होने वाले है। इस बात की जानकारी NSE ने सोमवार (23 जून) को दी।

यह बदलाव 29 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा, जब इनके मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी होगी। इनके लिए सितंबर 2025 से नए फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) कॉन्ट्रैक्ट जारी नहीं किए जाएंगे। हालांकि, जो कॉन्ट्रैक्ट इस तारीख से पहले बने हैं, वे अपनी एक्सपायरी तक वैध रहेंगे।

क्यों F&O से बाहर होंगे 8 स्टॉक्स


NSE का यह निर्णय डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की नियमित समीक्षा का हिस्सा है। इसका मकसद रेगुलेटरी स्टैंडर्ड्स और मार्केट-वाइड पोजिशन लिमिट्स के अनुपालन को सुनिश्चित करना है।

एक्सचेंज ने यह फैसला बाजार में लिक्विडिटी, वॉल्यूम और नियमों के पालन को देखते हुए लिया है। इससे उन ट्रेडर्स और निवेशकों पर सीधा असर पड़ेगा जो इन कंपनियों में डेरिवेटिव्स के जरिए ट्रेडिंग करते हैं।

कौन-से स्टॉक्स होंगे बाहर?

  1. आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल (ABFRL)
  2. अदाणी टोटल गैस
  3. CESC
  4. ग्रैन्यूल्स इंडिया
  5. IRB इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स
  6. जिंदल स्टेनलेस
  7. पूनावाला फिनकॉर्प
  8. SJVN

एक्सपायरी अब मंगलवार को

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक और बड़ा बदलाव किया है। अब सभी इंडेक्स और स्टॉक डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी तारीख गुरुवार की जगह मंगलवार को होगी। यह नियम 28 अगस्त 2025 से लागू होगा।

इसका मतलब है कि मासिक, तिमाही और छमाही NIFTY कॉन्ट्रैक्ट्स, जो पहले महीने के आखिरी गुरुवार को खत्म होते थे, अब महीने के आखिरी मंगलवार को एक्सपायर होंगे।

वीकली डेरिवेटिव्स, जो हर गुरुवार को समाप्त होते थे, अब मंगलवार को खत्म होंगे। यह बदलाव 29 अगस्त 2025 से सभी नए और मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स में दिखेगा।

NSE का चौथी तिमाही का प्रदर्शन

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में 47% सालाना (YoY) की बढ़त के साथ ₹12,188 करोड़ का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया। हालांकि, चौथी तिमाही (Q4FY25) में प्रदर्शन कमजोर रहा, जहां तिमाही आधार पर (QoQ) शुद्ध लाभ 31% गिरकर ₹2,650 करोड़ रह गया, जो पिछली तिमाही (Q3FY25) में ₹3,834 करोड़ था।

पूरे वित्त वर्ष 2025 के लिए समेकित कुल आय 17% की वृद्धि के साथ ₹19,177 करोड़ रही, जबकि समेकित ऑपरेटिंग EBITDA 28% बढ़कर ₹12,647 करोड़ तक पहुंचा। स्टैंडअलोन आधार पर पूरे वर्ष का शुद्ध लाभ 69% की वार्षिक वृद्धि के साथ ₹11,246 करोड़ रहा, जिसे स्टैंडअलोन कुल आय में 33% वृद्धि (₹19,823 करोड़) का समर्थन मिला। स्टैंडअलोन ऑपरेटिंग EBITDA भी पिछले वर्ष की तुलना में 33% बढ़कर ₹10,243 करोड़ हो गया।

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MoneyControl News

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First Published: Jun 23, 2025 10:10 PM

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