ओला इलेक्ट्रिक के इंजीनियर के. अरविंद की कथित आत्महत्या की जांच में नया अपडेट है। जांच एजेंसियों ने सुसाइड नोट की प्रामाणिकता की पुष्टि कर दी है। CNBC TV-18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जांच से जुड़े सूत्रों ने शनिवार को बताया कि फोरेंसिक जांच में सुसाइड नोट पर फिंगरप्रिंट मैच पॉजिटिव पाया गया है। इसका मतलब है कि फिंगरप्रिंट के. अरविंद के हैं। यह नतीजा ओला इलेक्ट्रिक और इसके फाउंडर भाविश अग्रवाल के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। सोमवार को कंपनी के शेयर में बड़ी गिरावट आने का डर है।
हैंडराइटिंग एनालिसिस रिपोर्ट का अभी इंतजार है। जांचकर्ताओं ने पहले कहा था कि ये नतीजे मामले में आगे की कार्रवाई तय करने में महत्वपूर्ण होंगे। इस कथित सुसाइड केस की जांच फिलहाल सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) कर रही है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 के तहत FIR दर्ज होने के बाद CCB ने जांच अपने हाथ में ली थी।
28 सितंबर 2025 को हुई थी अरविंद की मौत
38 साल के अरविंद 28 सितंबर 2025 को बेंगलुरु स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे। पुलिस ने शुरू में अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट (Unnatural Death Report) दर्ज की थी। लेकिन फिर अरविंद के परिवार की ओर से वर्कप्लेस पर उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाए जाने के बाद केस को एक औपचारिक मामले में बदल दिया गया। अरविंद बेंगलुरु के कोरमंगला में कंपनी के हेडक्वार्टर में कार्यरत थे। वह 2022 से कंपनी के साथ काम कर रहे थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 28 सितंबर को उन्होंने कथित तौर पर अपने घर पर जहर खा लिया। उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। परिवार की ओर से की गई शिकायत में यह भी है कि अरविंद की मृत्यु के दो दिन बाद 30 सितंबर को एनईएफटी के जरिए उनके बैंक खाते में 17.46 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए। इस ट्रांजेक्शन को परिवार ने संदिग्ध बताया है।
पुलिस के मुताबिक, मौके से 28 पेज का हाथ से लिखा हुआ सुसाइड नोट मिला था। नोट में कथित तौर पर वर्कप्लेस पर उत्पीड़न का जिक्र है। इसमें ओला इलेक्ट्रिक के सीनियर अधिकारियों का नाम लिया गया। इन लोगों में कंपनी के फाउंडर CEO भाविश अग्रवाल का नाम भी शामिल है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने जांच जारी रखने की इजाजत दी लेकिन साथ ही ओला इलेक्ट्रिक के एग्जीक्यूटिव्स को तुरंत गिरफ्तारी या सख्त कार्रवाई से अंतरिम राहत भी दी। इन एग्जीक्यूटिव्स को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया।
बेंगलुरु पुलिस ने भाविश अग्रवाल और सीनियर एग्जीक्यूटिव सुब्रत कुमार दास के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया हुआ है। जांचकर्ता अब चल रही जांच के हिस्से के रूप में हैंडराइटिंग रिपोर्ट और आगे के फोरेंसिक इनपुट का इंतजार कर रहे हैं।
शुक्रवार को 10 प्रतिशत बढ़त में बंद हुआ शेयर
शुक्रवार, 19 दिसंबर को ओला इलेक्ट्रिक का शेयर BSE पर 10 प्रतिशत बढ़त के साथ 34.40 रुपये पर बंद हुआ। इससे पहले 3 कारोबारी सत्रों में शेयर 16 प्रतिशत कमजोर हुआ था। गिरावट की वजह थी कि भाविश अग्रवाल ने ताबड़तोड़ शेयर बिक्री की थी। 3 दिनों में उन्होंने 96,460,454 शेयर बेच दिए, जो कंपनी की 2.2% इक्विटी होल्डिंग के बराबर हैं। इस बिक्री से भाविश को ₹324.45 करोड़ मिले। ओला इलेक्ट्रिक के मुताबिक, शेयर बिक्री 260 करोड़ रुपये के लोन को पूरी तरह चुकाने और प्रमोटर की ओर से गिरवी रखे गए शेयरों के बोझ को खत्म करने के लिए की गई।
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