IPO के बाद स्टॉक की कीमतों में तेजी, डिमांड और सप्लाई फैक्टर के साथ-साथ सेटलमेंट मैकेनिज्म की वजह से भी हो सकती है। स्ट्रक्चरल कमियां शॉर्ट सेलर्स को फंसा रही हैं और शुरुआती ट्रेडिंग एक्शन को बिगाड़ रही हैं। यह बात ऑनलाइन ब्रोकरेज और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जीरोधा के को-फाउंडर और CEO नितिन कामत (Nithin Kamath) ने कही है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बारे में पोस्ट डाली है। साथ ही कहा है कि जानकार निवेशक इस चीज से फायदा उठा सकते हैं।
कामत ने कहा लिंक्डइन और X पर डाली गई पोस्ट में लिखा है, 'मैंने देखा है कि हाल के कई IPO लिस्टिंग के बाद 2-3 दिनों तक बढ़ते रहते हैं। डिमांड और सप्लाई फैक्टर (लिमिटेड फ्री फ्लोट) इसके साफ कारण हैं। लेकिन इसमें टेक्निकल फैक्टर भी हो सकते हैं। कई ट्रेडर इन स्टॉक्स को इंट्राडे में शॉर्ट करने की कोशिश करते हैं। वे सोचते हैं कि कीमत गिरेगी, लेकिन अगर स्टॉक अपर सर्किट पर पहुंच जाता है, तो वे फंस जाते हैं। उनके पास स्टॉक को बेचने के लिए कोई खरीदार नहीं होता। इसे शॉर्ट डिलीवरी कहते हैं।'
फिर एक्सचेंज ट्रेड सेटल करने के लिए करते हैं नीलामी
कामत ने आगे कहा, 'जब ऐसा होता है, तो एक्सचेंज अगले दिन दोपहर 2:30 PM से 3:00 PM के बीच ट्रेड सेटल करने के लिए नीलामी करता है। ये नीलामी मार्केट प्राइस से काफी ज्यादा प्रीमियम पर हो सकती हैं। जैसे कि Meesho की नीलामी कीमत (Auction Price) ₹258 थी, जबकि उस समय मार्केट प्राइस लगभग ₹226 था। अगर आपके डीमैट अकाउंट में ये स्टॉक हैं, तो आप इस नीलामी के दौरान सीधे अपने शेयर बेच सकते हैं। यह संभावित रूप से ज्यादा कीमत पर स्टॉक से निकलने का एक शानदार तरीका है और साथ ही एक्सचेंज को ट्रेड सेटल करने में भी मदद मिलती है।'
कामत ने आगे लिखा है कि जीरोधा प्लेटफॉर्म पर भी इस तरीके को इनेबल कर दिया गया है। रिटेल शेयरहोल्डर सीधे अपनी होल्डिंग्स से इसमें हिस्सा ले सकते हैं और फायदा कमा सकते हैं।