बीएसई लिमिटेड के शेयरों पर 23 दिसंबर को दबाव दिखा। स्टॉक एक्सचेंज ने उस रिपोर्ट पर स्थिति स्पष्ट कर दी है, जिसमें कहा गया है कि बीएसई ज्यादा मंथली ऑप्शंस प्रोडक्ट्स लॉन्च करने के बारे में सोच रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स ने 22 दिसंबर को खबर दी थी कि बीएसई डेरिवेटिव्स सेगमेंट में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए और मंथली ऑप्शन प्रोडक्ट्स लॉन्च करने का प्लान बना रहा है।
खुलने के बाद शेयरों पर लगातार दबाव
23 दिसंबर की सुबह BSE के शेयर 2,778 रुपये पर खुले। कुछ देर बाद चढ़कर 2,795 रुपये पर पहुंच गए। उसके बाद शेयरों पर दबाव देखने को मिला। बाजार बंद होने के समय यह शेयर 1.44 फीसदी गिरकर 2,735 रुपये पर चल रहा था। बीते छह महीनों में यह स्टॉक करीब 1.5 फीसदी कमजोर हुआ है।
नए मंथली ऑप्शन प्रोडक्ट्स शुरू होने की खबर आई थी
ईटी की खबर में कहा गया था कि बीएसई के इस कदम से इंडेक्स डेरिवेटिव्स सेगमेंट में उसकी प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी। इस खबर में यह भी बताया गया कि बीएसई पार्टिसिपेशन और लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए BANKEX इंडेक्स में बदलाव भी कर रहा है। अभी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में एनएसई की बाजार हिस्सेदारी बीएसई से काफी कम है। बीएसई से बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
बीएसई ने दोनों मसलों पर पेश की सफाई
BSE ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा है, "मंथली इंडेक्स ऑप्शन प्रोडक्ट्स के मामले में बीएसई अपने डेरिवेटिव सेगमेंट के विस्तार के बारे में विचार कर रहा है। ऐसा कोई इवेंट्स नहीं है जिसके लिए सेबी रेगुलेशंस, 2015 के रेगुलेशन के तहत डिसक्लोजर की जरूरत हो।" एक्सचेंज ने कहा कि जहां तक BANKEX (BSE Bankex Index) में बदलाव का मामला है तो एक्सचेंज ने इस बारे में पहले 19 नवंबर, 2025 को मार्केट को इस बारे में बता दिया है। यह 26 दिसंबर, 2025 से प्रभावी होगा।
बैंकेक्स में 26 दिसंबर से शामिल होंगे 4 नए स्टॉक्स
बीएसई मंथली डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए अपने बैंकेक्स इंडेक्स को और अट्रैक्टिव बनाने के लिए इसकी रीस्ट्रक्चरिंग कर रही है। 26 दिसंबर से इस इंडेक्स में चार नए स्टॉक्स-Canara Bank, AU Small Finance Bank, PNB और Union Bank of India शामिल होंगे। इससे इंडेक्स में शामिल शेयरों की कुल संख्या बढ़कर 14 हो जाएगी।
इस साल 56 फीसदी चढ़ा है यह स्टॉक
स्टॉक की संख्या बढ़ाने के साथ बीएसई वेटिंग (Weighting) स्ट्रक्चर में भी बदलाव कर रहा है। टॉप 3 स्टॉक्स के वेटेज की लिमिट 45 फीसदी होगी। इसका मकसद डायवर्सिफिकेशन और स्टैबिलिटी है। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बीएसई के रेवेन्यू में इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट की हिस्सेदारी 58 फीसदी थी। 2025 में अब तक बीएसई का स्टॉक 56 फीसदी चढ़ा है। यह लगातार तीसरा साल है जब यह स्टॉक चढ़ा है।