Ola Electric Shares: ऑलटाइम लो पर ओला इलेक्ट्रिक के शेयर, 2025 में 60% टूटा भाव, S&P ग्लोबल ने घटाई रेटिंग

Ola Electric Shares: ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट का दौर लगातार जारी है। कंपनी के शेयर पहले से ही अपने 52-वीक लो के पास ट्रेड कर रहे हैं। इस बीच गुरुवार 11 दिसंबर को एक खबर के चलते इसके शेयरों में और कमजोरी देखने को मिली। S&P ग्लोबल ने कंपनी की प्रमोटर ANI टेक्नोलॉजीज की क्रेडिट रेटिंग को ‘CCC+’ से घटाकर ‘CCC-’ कर दिया है

अपडेटेड Dec 11, 2025 पर 10:19 AM
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Ola Electric Shares: साल 2025 में अब तक यह शेयर 60% से भी अधिक टूट चुका है

Ola Electric Shares: ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट का दौर लगातार जारी है। कंपनी के शेयर पहले से ही अपने 52-वीक लो के पास ट्रेड कर रहे हैं। इस बीच गुरुवार 11 दिसंबर को एक खबर के चलते इसके शेयरों में और कमजोरी देखने को मिली। दरअसल S&P ग्लोबल ने कंपनी की प्रमोटर ANI टेक्नोलॉजीज की क्रेडिट रेटिंग को ‘CCC+’ से घटाकर ‘CCC-’ कर दिया और आउटलुक नेगेटिव कर दिया है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि रेटिंग कम करने की वजह कंपनी का लगातार कैश खत्म होना, कमजोर होती नकदी स्थिति और कर्ज की शर्तों के उल्लंघन (covenant breach) का बढ़ता जोखिम है। ‘CCC-’ रेटिंग का मतलब है कि कंपनी के डिफॉल्ट करने की संभावना बहुत ज़्यादा है, और अगर इसकी वित्तीय स्थिति में बड़ा सुधार नहीं हुआ तो डिफॉल्ट को टालना मुश्किल हो सकता है।

सितंबर तिमाही तक के आंकड़ों के मुताबिक, ANI टेक्नोलॉजीज के पास ओला इलेक्ट्रिक में 3.6% हिस्सेदारी थी। S&P ग्लोबल ने कहा कि ANI टेक्नोलॉजीज की नकदी स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। इसकी बड़ी वजह ओला कैब्स (Ola Cabs) में लगातार हो रहा ऑपरेटिंग घाटा है।


S&P का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 की चौथी तिमाही तक कंपनी के पास कैश और कैश इक्विवेलेंट ₹200 करोड़ से नीचे पहुंच सकते हैं।

रेटिंग एजेंसी ने यह भी चेतावनी दी है कि 31 मार्च 2026 तक ANI टेक्नोलॉजीज के अपने कर्ज की शर्तों का उल्लंघन करने की आशंका है। नियम के मुताबिक कंपनी को अपनी टर्म लोन B राशि के कम से कम 40% के बराबर कैश रखना जरूरी है, जो करीब ₹240 करोड़ बैठता है, लेकिन कंपनी इस स्तर तक कैश बनाए नहीं रख पाएगी।

ऑपरेशनल परफॉर्मेंस भी बिगड़ रहा है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कंपनी के एडजस्टेड EBITDA घाटा के वित्त वर्ष 2026 तक बढ़कर 590 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। इसके साथ ही रेवेन्यू में सालाना आधार पर 25% से 27% की गिरावट आने की उम्मीद है।

Ola Cabs का मार्केट शेयर चार पहिया राइड-हेलिंग सेगमेंट में 20-25% पर आ गया है, जबकि दो साल पहले यह 50% से ज्यादा था। S&P ने यह भी कहा कि ANI Tech की कैश बर्न झेलने की क्षमता कमजोर है, जबकि उसके राइवल कंपनी उबर के पास 6 अरब डॉलर से अधिक का कैश रिजर्व है।

लिक्विडिटी की स्थिति कमजोर

कंपनी की लिक्विडिटी की स्थिति भी काफी कमजोर बनी हुई है। कंपनी अधिकतर इक्विटी फंडिंग पर निर्भर है और बैंकों से कर्ज जुटाने का इसका ट्रैक रिकॉर्ड बहुत सीमित है।

ANI टेक्नोलॉजीज के पास ओला इलेक्ट्रिक में 3.64% हिस्सेदारी है, जिसकी टैक्स के बाद अनुमानित कीमत करीब ₹450 करोड़ है। लेकिन मौजूदा हालात में इस स्टेक को बेचना आसान नहीं है, क्योंकि ओला इलेक्ट्रिक का शेयर लगभग 34 रुपये पर ट्रेड हो रहा है, जो इसके ऑलटाइम लो के करीब है।

इसका आईपीओ लाने की योजना 2020 से बार-बार टल रही है। कंपनी पर 19,500 करोड़ रुपये की CCPS (कन्वर्टिबल शेयर्स) लायबिलिटी है, जो इसके एडजस्टेड डेट का 95% बनाती है।

S&P ने कहा कि अगर कंपनी का घाटा लगातार बढ़ता रहा और इससे लिक्विडिटी संकट, लोन नियमों के टूटने या ऐसे कर्ज समझौते का खतरा बढ़ गया जिसमें उधारदाताओं को पूरा पैसा न मिले, तो रेटिंग को और भी नीचे किया जा सकता है।

S&P के अनुसार रेटिंग का आउटलुक तभी स्थिर हो सकता है जब कंपनी की लिक्विडिटी सुधरे, कैश फ्लो बेहतर हो, और CCPS के तुरंत रिडेम्प्शन (निकासी) का खतरा कम हो जाए। संभव है कि IPO की समयसीमा को एक बार फिर आगे बढ़ाकर ऐसा किया जाए।

Ola Electric का खुद का हाल

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट में ओला इलेक्ट्रिक की पकड़ भी कमजोर पड़ रही है। नवंबर 2025 में कंपनी चौथे स्थान पर आ गई। इसका मार्केट शेयर जनवरी 2025 के लगभग 25% से गिरकर 6.7% पर पहुंच गया है।

ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयर गुरुवार को 0.20 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 34.27 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। इसका ऑलटाइम लो 33.17 रुपये है। साल 2025 में अब तक यह शेयर 60% से भी अधिक टूट चुका है।

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