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OMC shares : फोकस में तेल और गैस कंपनियों के शेयर, मिडिल ईस्ट तनाव कम होने से करीब 7% टूटा कच्चा तेल

OMC shares : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इजरायल और ईरान के बीच संभावित युद्ध विराम की घोषणा के बाद कच्चे तेल की कीमतों में 7 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है

अपडेटेड Jun 24, 2025 पर 9:52 AM
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जब कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयर अक्सर दबाव में आ जाते हैं, क्योंकि उनकी इनपुट लागत बढ़ जाती है

Crude oil price : मध्य पूर्व में तनाव कम होने से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के बाद मंगलवार, 24 जून को तेल और गैस शेयरों में बिकवाली से कुछ राहत मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच संभावित युद्ध विराम की घोषणा की है। इससे संघर्ष समाप्त होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। पिछले कारोबारी सत्र में ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 5.53 डॉलर या 7.2 फीसदी की गिरावट के साथ 71.48 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था, जबकि अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड (WTI क्रूड ) 5.53 डॉलर या 7.2 फीसदी की गिरावट के साथ 68.51 डॉलर पर बंद हुआ था।

पिछले महीने, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी डाउनस्ट्रीम ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) के शेयरों पर बिकवाली का दबाव रहा। दूसरी ओर ऑयल इंडिया और ओएनजीसी जैसी अपस्ट्रीम तेल कंपनियों के शेयरों में पिछले महीने भारी उछाल आया है और यह 10 फीसदी तक बढ़ गए।

जब कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो तेल विपणन कंपनियों के शेयर अक्सर दबाव में आ जाते हैं, क्योंकि उनकी इनपुट लागत बढ़ जाती है। ये कंपनियां मूल्य निर्धारण से संबंधित नियमों या मांग संबंधी चिंताओं के कारण वे कच्चे माल की महंगाई का पूरा बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाल पाती हैं। इससे इनके प्रॉफिट मार्जिन पर असर पड़ता है।


दूसरी ओर, ONGC और ऑयल इंडिया जैसी तेल खोजने और निकालने वाली कंपनियों को कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से फायदा होता है, क्योंकि वे जमीन से निकाले जाने वाले प्रति बैरल कच्चे तेल पर अधिक कमाई करती हैं जबकि उनकी लागत काफी हद तक स्थिर रहती है। नतीजतन, तेल खोजने वाली कंपनियों की कमाई बढ़ती है जिससे उनके शेयर की कीमतों में बढ़ोतरी होती है।

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इससे पहले, एमके ग्लोबल ( Emkay Global) ने कहा था कि जब तक ब्रेंट क्रूड की औसत कीमतें $75/बैरल पर नहीं आ जातीं, तब तक एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसीएल के आय अनुमानों में किसी गिरावट की संभावना नहीं दिखती। मौजूदा आय रन-रेट के जारी रहने, एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी और एलपीजी सब्सिडी के भुगतान को देखते हुए आगे ओएमसी कंपनियों में अच्छी तेजी की उम्मीद दिख रही है।

दूसरी ओर, जेएम फाइनेंशियल ने ओएनजीसी और ऑयल इंडिया पर अपनी 'buy' रेटिंग बरकरार रखी है। ब्रोकरेज का मानना है कि इन कंपनियों को कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से फायदा होगा।

 

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