Investment Tips: पाकिस्तान के साथ युद्ध भड़कने के संकेत, निवेशकों को इन बातों का रखना होगा खास ध्यान

इंडिया के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के जवाब में पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की। लेकिन, इंडियन डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। इंडिया ने 8 मई को जवाबी कार्रवाई में कई पाकिस्तानी शहरों को निशाना बनाया

अपडेटेड May 08, 2025 पर 5:09 PM
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1999 में मई से जुलाई के बीच कारगील की लड़ाई चली थी। इस दौरान इंडियन मार्केट्स में जबर्दस्त तेजी आई थी। लेकिन, 2025 की स्थिति अलग है।

पाकिस्तान से युद्ध भड़कने के संकेत मिल रहे हैं। 7 मई की रात पाकिस्तान ने इंडिया के 15 शहरों को निशान बनाया, जिसे भारत के डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया। जवाबी कार्रवाई में भारत ने 8 मई को लाहौर सहित पाकिस्तान के कई शहरों को ड्रोन से निशाना बनाया। बताया जाता है कि इससे पाकिस्तान में भारी नुकसान हुआ है। आम तौर पर ऐसी घटनाओं का स्टॉक मार्केट्स पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता है। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इतिहास को देख भविष्य का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।

कारगिल की लड़ाई के वक्त स्थिति अलग थी

1999 में मई से जुलाई के बीच कारगील की लड़ाई चली थी। इस दौरान इंडियन मार्केट्स (Indian Makets) में जबर्दस्त तेजी आई थी। लेकिन, 2025 की स्थिति अलग है। आज इंडिया की जीडीपी 4 लाख करोड़ (ट्रिलियन) डॉलर के करीब है। 1999 में यह सिर्फ 460 अरब डॉलर की थी। दूसरा, इंडियन मार्केट्स एक बड़ी गिरावट से उबर रहा है। 2024 में सितंबर के ऑल-टाइम हाई से मार्च तक मार्केट 16 फीसदी गिरा था। पिछले कुछ हफ्तों में मार्केट में 11 फीसदी रिकवरी आई है। हालांकि, अब भी सितंबर के हाई से मार्केट करीब 7 फीसदी नीचे है।


इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ तेज बने रहने के आसार

आरबीआई ने इस साल इंटरेस्ट रेट में कमी का सिलसिला शुरू किया है। माना जा रहा है कि वह आगे भी रेपो रेट में कमी करेगा। इससे कर्ज सस्ता हुआ है। इससे कंपनियों को पूंजीगत खर्च करने में मदद मिलेगी। इधर, इनफ्लेशन में नरमी के संकेत हैं। मानसून की बारिश अच्छे रहने के आसार हैं। यह रूरल इकोनॉमी के लिए अच्छा है। पहले से ही रूरल इकोनॉमी में डिमांड अच्छी है। हालांकि, शहरों में डिमांड में कमजोरी देखने को मिली है।

सेंसेक्स हालिया गिरावट के बाद रिकवरी के रास्ते पर

चौथी तिमाही के कंपनियों के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं। निफ्टी कंपनियों के मुनाफे में साल दर साल आधार पर 4 फीसदी इजाफा हुआ है। यह 2 फीसदी से अनुमान से ज्यादा है। विदेशी निवेशकों ने फिर से इंडिया में निवेश शुरू किया है। म्यूचुअल फंडों के पास भी निवेश के लिए पैसे की कमी नहीं है। पिछले कुछ हफ्तों में विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने अच्छा निवेश किया है, जिसका असर स्टॉक मार्केट्स पर पड़ा है। सेंसेक्स 80,000 के पार चल रहा है, जबकि निफ्टी 24,000 से ऊपर बना हुआ है।

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निवेशकों को क्या करना चाहिए?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिलहाल मार्केट में उतारचढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है। ऐसे में निवेशकों को सोचसमझ कर फैसला लेना होगा। अभी शॉर्ट टर्म निवेश करने से बचना ठीक रहेगा। अभी 'इंतजार करें और देखें' की पॉलिसी ठीक रहेगी। लंबी अवधि में इंडियन मार्केट्स के बेहतर प्रदर्शन को लेकर किसी तरह का संदेह नहीं है। SIP के जरिए म्यूचुअल फंडों की स्कीमों में निवेश करने वाले इनवेस्टर्स को अपना निवेश जारी रखने की सलाह है। इससे उनके इनवेस्टमेंट के गोल पर किसी तरह का निगेटिव असर नहीं पड़ेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी भूलकर भी एकमुश्त बड़ा निवेश करने की सलाह नहीं है।

मधुचंदा डे

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