Paytm की गिरावट ने दिया मौका, इन विदेशी निवेशकों ने की खरीदारी, NRI ने भी बढ़ाई हिस्सेदारी

फिनटेक कंपनी पेटीएम (Paytm) के शेयरों की भारी गिरावट को कई निवेशकों ने धड़ाधड़ खरीदारी के मौके पर लिया। घरेलू रिटेल निवेशकों ने इसमें अपनी 1.68 फीसदी हिस्सेदारी बढ़ा ली है। इसके अलावा न्यूयॉर्क के टाइगर पैसेफिक कैपिटल, फ्रांस के तीसरे सबसे बड़े लिस्टेड बैंक सोसायटी जनरल (Societe Generale) और नॉर्वे के गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल जैसे विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) ने भी पेटीएम के शेयर खरीद लिए

अपडेटेड Apr 10, 2024 पर 9:55 AM
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फॉरेन इंस्टीट्यूशंस की Paytm में हिस्सेदारी 63.72 फीसदी से घटकर 60.40 फीसदी पर आ गई है। हालांकि पहली और दूसरी कैटेगरी के फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने इसके 1.5 करोड़ से अधिक शेयर और खरीदे हैं।

फिनटेक कंपनी पेटीएम (Paytm) के शेयरों की भारी गिरावट को कई निवेशकों ने धड़ाधड़ खरीदारी के मौके पर लिया। घरेलू रिटेल निवेशकों ने इसमें अपनी 1.68 फीसदी हिस्सेदारी बढ़ा ली है। इसके अलावा न्यूयॉर्क के टाइगर पैसेफिक कैपिटल, फ्रांस के तीसरे सबसे बड़े लिस्टेड बैंक सोसायटी जनरल (Societe Generale) और नॉर्वे के गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल जैसे विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) ने भी पेटीएम के शेयर खरीद लिए। मार्च तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के हिसाब से पेटीएम में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही में 12.85 फीसदी से बढ़कर 14.53 फीसदी पर पहुंच गई। RBI ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर बैन लगा दिया जिसके चलते इसके शेयर धड़ाम हो गए। इसके शेयर एक साल के हाई से करीब 50 फीसदी टूट गए और मार्केट कैप से 25600 करोड़ रुपये साफ हो गए।

NRI ने बढ़ाया अपने पोर्टफोलियो में Paytm का वजन

पेटीएम में म्यूचुअल फंडों की हिस्सेदारी दिसंबर 2023 तिमाही में 4.99 फीसदी से उछलकर मार्च 2024 तिमाही में 6.15 फीसदी पर पहुंच गई। मिरे एसेट म्यूचुअल फंड ने अपनी हिस्सेदारी 2.51 फीसदी से बढ़ाकर 3.76 फीसदी कर ली। निप्पन इंडिया म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी 1.66 फीसदी है। ओवरऑल बात करें तो अल्टरनेट इनवेस्टमेंट फंड्स और इंश्योरेंस कंपनियों को भी मिलाकर घरेलू इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी पेटीएम में 0.8 फीसदी बढ़ गई और उनके पास अब कंपनी के 4,35,68,764 शेयर हैं। वहीं घरेलू प्रोविडेंट फंड्स या पेंशन फंड्स की हिस्सेदारी अब नहीं दिख रही है। पहले पेटीएम में उनकी 0.5 फीसदी हिस्सेदारी थी। एनआरआई ने भी अपने पोर्टफोलियो में पेटीएम का वजन बढ़ाया है और मार्च तिमाही में उनकी हिस्सेदारी 0.85 फीसदी पर पहुंच गई


कुछ विदेशी निवेशकों ने शामिल किया अपने पोर्टफोलियो में

फॉरेन इंस्टीट्यूशंस की पेटीएम में हिस्सेदारी 63.72 फीसदी से घटकर 60.40 फीसदी पर आ गई है। हालांकि पहली और दूसरी कैटेगरी के फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने इसके 1.5 करोड़ से अधिक शेयर और खरीदे हैं। सॉफ्टबैंक ने अपनी हिस्सेदारी घटाकर 1.40 फीसदी कर ली है। जैक मा की ऐंटफिन, रीसाइलेंट एसेट मैनेजमेंट और सैफ पार्टनर्स ने भी अपनी हिस्सेदारी हल्की की है। बीएनपी पारिबास आर्बिट्रेज और कनाडा पेंशन प्लान इनवेस्टमेंट बोर्ड ने अपने शेयर बेच दिए। वहीं दूसरी तरफ टाइगर पैसेफिक मास्टर फंड ने इसके 65,79,135 शेयर खरीद लिए जो इसकी 1.04 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। गोल्डमैन सैक्स (सिंगापुर) के पास इसके 84,01,067 शेयर (1.32 फीसदी होल्डिंग), सोसायटी जनरल ने 89,01,090 शेयर (1.40 फीसदी), मॉर्गन स्टैनले एशिया (सिंगापुर) ने 1,00,95,350 शेयर (1.59 फीसदी) हैं। नॉर्वे के गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल की अब इसमें 85,03,220 शेयरों के साथ 1.34 फीसदी होल्डिंग है। ओवरऑल फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी 2 फीसदी बढ़कर 20.64 फीसदी पर पहुंच गई।

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First Published: Apr 10, 2024 8:54 AM

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