Pearl Global Industries: अमेरिकी टैरिफ के असर से बीते एक महीने में 11% टूटा स्टॉक, क्या अभी निवेश से होगी कमाई?

Pearl Global के शिपमेंट वॉल्यूम में जून तिमाही में 1.72 करोड़ पीस का इजाफा हुआ। यह साल दर साल आधार पर 3 फीसदी ज्यादा है। हालांकि, कंपनी की ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग डायवर्सिफायड है। इससे ट्रेड से जुड़ी अनिश्चितता का इस पर असर कम पड़ा है। जून तिमाही में एवरेज रियलाइजेशन में इजाफा हुआ

अपडेटेड Sep 01, 2025 पर 10:31 PM
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Pearl Global पर दूसरी गारमेंट एक्सोपर्टिंग कंपनियों के मुकाबले यूएस टैरिफ का कम असर पड़ेगा।

पर्ल ग्लोबल इंडस्ट्रीज उन कंपनियों में से एक है, जिन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ का असर पड़ेगा। यह गारमेंट एक्सपोर्ट करती है। बीते एक महीने में इस कंपनी का स्टॉक 11 फीसदी क्रैश कर चुका है। हालांकि, जून तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा। साल दर साल आधार पर इसका रेवेन्यू 16.6 फीसदी बढ़ा। इसमें कंपनी के वियतनाम और इंडोनेशिया ऑपरेशन का बड़ा हाथ था। इस दौरान कंपनी के ऑपरेटिंग मार्जिन में साल दर साल आधार पर 20 बेसिस प्वाइंट्स की गिरावट आई। इसकी वजह ग्वाटेमाला और बिहार में इसकी नई फैसिलिटीज से ऑपरेशन लॉस और अतिरिक्त टैरिफ से कॉस्ट में बढ़ोतरी रही।

जून तिमाही में अच्छी वॉल्यूम ग्रोथ

Pearl Global के शिपमेंट वॉल्यूम में जून तिमाही में 1.72 करोड़ पीस का इजाफा हुआ। यह साल दर साल आधार पर 3 फीसदी ज्यादा है। हालांकि, कंपनी की ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग डायवर्सिफायड है। इससे ट्रेड से जुड़ी अनिश्चितता का इस पर असर कम पड़ा है। जून तिमाही में एवरेज रियलाइजेशन में इजाफा हुआ। इसकी बड़ी वजह वियतनाम और इंडोनेशिया में इसके बिजनेस का अच्छा प्रदर्शन था। इसके अलावा कंपनी ने पश्चिमी बाजारों में जैकेट्स और इससे जुड़े प्रोडक्ट्स का अच्छा निर्यात किया।


कैपेसिटी में 60 लाख पीस इजाफा का प्लान

फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में कंपनी का रियलाइजेशन 625-650 रुपये प्रति पीस रहने का अनुमान है। बांग्लादेश कंपनी का सबसे फायदेमंद प्रोडक्शन हब रहा है। इसकी वजह स्किल्ड लेबर की अच्छी उपलब्धता और फेवरेबल ट्रेड इनसेंटिव है। कंपनी की कैपेसिटी अब बढ़कर 5.48 करोड़ पीस सालाना हो गई है। कंपनी जल्द कैपेसिटी में और 50-60 लाख पीस का इजाफा करने वाली है। ग्वाटेमाला बिजनेस को 10 फीसदी टैरिफ का फायदा मिला है। यह मार्केट अमेरिका से नजदीक है। पिछले साल शुरुआत में नुकसान के बावजूद ऑपरेशनल इम्प्रूवमेंट और नई प्रोडक्ट लाइन से आगे ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है।

यूके फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट से होगा फायदा

अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ लगाने का इंडियन कंपनियों के एक्सपोर्ट पड़ेगा। इसके मद्देनजर पर्ल ग्लोबल ने अमेरिकी ऑर्डर की सप्लाई वियतनाम, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और ग्वाटेमाला से करने का प्लान बनाया है। उधर, कंपनी को इंडिया-यूके के बीच हुए फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट का फायदा मिलेगा। इससे इंडियन गारमेंट्स पर ड्यूटी में 10-12 फीसदी फर्क खत्म हो गया है। अब इंडिया बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों की बराबरी में आ गया है। लेकिन, अभी पर्ल ग्लोबल के रेवेन्यू में यूके की हिस्सेदारी 5 फीसदी है। अगले दो साल में यूके को इंडियन एक्सपोर्ट में तीन गुना उछाल की उम्मीद है। इसका फायदा पर्ल ग्लोबल को मिलेगा।

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क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?

Pearl Global पर दूसरी गारमेंट एक्सोपर्टिंग कंपनियों के मुकाबले यूएस टैरिफ का कम असर पड़ेगा। फाइनेंशियल ईयर 2026-27 की अनुमानित अर्निंग्स के 18 गुना पर इसके शेयरों में ट्रेडिंग हो रही है। यह वैल्यूएशन ठीक लगती है। लेकिन, अमेरिकी टैरिफ का पर्ल ग्लोबल के बिजनेस पर असर पड़ सकता है। यही वजह है कि बीते एक महीना में कंपनी के शेयर में तेज गिरावट आई है। 1 अगस्त को कंपनी का शेयर 0.53 फीसदी की मजबूती के साथ 1,240 रुपये पर बंद हुआ।

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