निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 29 सितंबर को 1 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। इससे आज इनकी पांच दिनों की गिरावट का सिलसिला टूट गया है। आज ज़्यादातर फार्मा शेयरों में बढ़त देखने को मिली है। पिछले हफ़्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1 अक्टूबर से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद फार्मा शेयरों में तेज़ बिकवाली आई थी।
निफ्टी फार्मा इंडेक्स में शामिल 20 शेयरों में से 15 में तेजी
निफ्टी फार्मा इंडेक्स में शामिल 20 शेयरों में से 15 में तेजी देखने को मिल रही है। इन तेजी वाले शेयरों में सन फार्मा, ल्यूपिन, सिप्ला, ज़ाइडस लाइफ, बायोकॉन, ग्रैन्यूल्स इंडिया, टोरेंट फार्मा, लॉरस लैब्स, अरबिंदो फार्मा और ग्लेनमार्क फार्मा शामिल हैं। इन शेयरों में 2 फीसदी तक की बढ़त देखने को मिली है।
फार्मा शेयरों की हालिया कमजोरी काफी हद तक भावनाओं से प्रेरित
विश्लेषकों का कहना कि फार्मा शेयरों में पिछले सप्ताह हुई बिकवाली खराब सेंटीमेंट की वजह से हुई थी। ब्रांडेड और पेटेंट दवाओं पर अमेरिकी टैरिफ ने बाजार का मूड खराब कर दिया था। हालांकि भारत से अमेरिका को होने निर्यात में ब़़ड़ी हिस्सेदारी जेनेरिक दवाओं की है, जो टैरिफ के दायरे से बाहर हैं। इसलिए हालिया कमजोरी काफी हद तक भावनाओं से प्रेरित थी। इसकी कोई ठोस वजह नहीं थी।
HSBC की सन फार्मा में खरीदारी की सलाह
HSBC का कहना है कि केवल सन फार्मा का ही अमेरिका में पेटेंट प्राप्त दवाओं में अच्छा-खासा निवेश है। HSBC ने आगे कहा कि हालांकि वित्त वर्ष 2027 तक सन फार्मा की कमाई में सबसे ज़्यादा 8 से 10 फीसदी की गिरावट आ सकती है। फिर भी ब्रोकरेज ने 1,850 रुपये प्रति शेयर के टारेगेट के साथ इस शेयर में खरीदारी की सलाह दी है।
ट्रंप टैरिफ से जेनेरिक दवाओं और भारतीय CRDMO सप्लाई पर प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं
जेफरीज ने भी सन फार्मा और बायोकॉन को भी टैरिफ के नजरिए सबसे ज्यादा जोखिम वाली कंपनियां कहा है। लेकिन उसका ये भी कहना है कि ट्रंप टैरिफ से जेनेरिक दवाओं के निर्यात और भारतीय CRDMO सप्लाई पर प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
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