हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की नजरें कम अमाउंट के होम लोन और उन इलाकों पर हैं, जिनमें अभी बैंकिंग सेवाओं की कमी है। इनमें पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, होम फर्स्ट फाइनेंस, इंडिया शेल्टर, रेप्को होम और एप्टस वैल्यू हाउसिंग शामिल हैं। पीएनबी एफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस (एएचएफ) सेगमेंट में बढ़ती मांग का फायदा उठाने के लिए अपनी ब्रांच की संख्या बढ़ा रहा है। एफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर को सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाय) और नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) के रिफाइनेंस सपोर्ट का फायदा मिल रहा है।
हाउसिंग फाइनेंस स्टॉक्स का मिलाजुला प्रदर्शन
PNB Housing Finance का शेयर बीते एक साल में 21 फीसदी गिरा है। 2025 में अब तक यह 8 फीसदी टूटा है। Repco Home Finance के शेयर बीते एक साल में 30 फीसदी से ज्यादा गिरे हैं। इस साल यह स्टॉक 12 फीसदी टूटा है। Aptus Value Housing का शेयर बीते एक साल में 0.56 फीसदी चढ़ा है। इस साल यह स्टॉक 14 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है।
एप्टस की अच्छी ग्रोथ का असर शेयर प्राइस पर पड़ा है
Repco Home की लोन बुक अपेक्षाकृत सेक्योर्ड है। इसकी वैल्यूएशन भी दूसरी लिस्टेड होम लोन कंपनियों के मुकाबले अट्रैक्टिव है। लेकिन, कंपनी की लोन की ग्रोथ कम रही है। इस मामले यह प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से पीछे है। यह अपने गाइडेंस को भी हासिल नहीं कर पा रही। उधर, Aptus की ग्रोथ अच्छी है। यह होम लोन मार्केट में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। इसका असर इसके शेयरों पर दिखा है। इस साल एप्टस के शेयरों का रिटर्न अच्छा रहा है।
रेप्को का आधा से ज्यादा बिजनेस तमिलनाडु और कर्नाटक में
रेप्को के हालिया प्रदर्शन को देखने से पता चलता है कि जून तिमाही में डिस्बर्समेंट में तेज गिरावट आई। इसकी ज्यादा मौजूदगी तमिलनाडु और कर्नाटक में है। कंपनी के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में इन दोनों राज्यों की हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी है। कंपनी की लोन की ग्रोथ जून तिमाही में साल दर साल आधार पर करीब 7 फीसदी रही है। यह 12 फीसदी के टारगेट से काफी कम है। सीजनल चैलेंजेज के बावजूद कंपनी की एसेट क्वालिटी स्टेबल रही है।
रेप्को का प्रोविजन कवरेज रेशियो 65 फीसदी
रेप्को के जीएनपीए में साल दर साल आधार पर सुधार दिखा है। ग्रॉस स्टेज-2 रेशियो साल दर साल आधार पर 200 प्वाइंट्स गिरकर 9.7 फीसदी पर आ गया। इससे कंपनी के स्ट्रॉन्ग इनक्रिमेंट्ल बुक क्वालिटी और रोबस्ट कलेक्शन एफिशियंसी का पता चलता है। इसके अलावा इसका प्रोविजन कवरेज रेशियो (PCR) करीब 65 फीसदी है, जिससे कमजोर एसेट से जुड़े स्ट्रेस के मामले में कंपनी को थोड़ी सुरक्षा मिलती है।
एप्टस छोटे अमाउंट के बिजनेस लोन भी देती है
एएचएफ सेगमेंट में एप्टस की वैल्यू अलग दिखती है। इसमें इसके बिजनेस मॉडल और एग्जिक्यूशन कैपेबिलिटीज का हाथ है। यह कंपनी मुख्य रूप से अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में सेल्फ-एंप्लॉयड कस्टमर्स को टारगेट करती है। यह होम लोन और छोटे अमाउंट के बिजनेस लोन भी देती है। इसके एयूएम में दोनों की हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी है। वेस्टब्रिज एप्टस की प्रमुख प्रमोटर थी। इसने सितंबर 2025 में ब्लॉक डील के जरिए कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी।
एप्टस की एयूएम ग्रोथ 28-29 फीसदी रहने का अनुमान
रेप्को होम के पास डिस्बर्समेंट बढ़ाने की काफी ज्यादा संभावना है। कंपनी ब्रांच की संख्या बढ़ा रही है। नए सॉफ्टवेयर सिस्टम शुरू होने का भी कंपनी को फायदा मिला है। जून तिमाही में कमजोर प्रदर्शन के बावजूद इसका रिटर्न ऑन एसेट (RoA) स्टेबल रहा है। दूसरी होम लोन कंपनियों के मुकाबले इसके शेयरों में डिस्काउंट पर ट्रेडिंग हो रही है। उधर, एप्टस जिस तरह के अपने बिजनेस का विस्तार नए इलाकों में कर रही है, उससे FY26 में उसके एयूएम की ग्रोथ 28-29 फीसदी रह सकती है।