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Prestige Estates Fundraise: ₹5000 करोड़ जुटाने के प्रस्ताव को बोर्ड की मंजूरी, ये है पूरा प्लान

Prestige Estates Fundraise: रियल्टी फर्म प्रेस्टिज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स 5 हजार करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से शुक्रवार 21 जून को इस प्रस्ताव की मंजूरी मिल चुकी है। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक यह फंड शेयर या कोई और सिक्योरिटीज जारी कर जुटाया जाएगा

अपडेटेड Jun 22, 2024 पर 10:09 AM
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प्रेस्टिट एस्टेट्स की 5 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इसके अलावा कंपनी की योजना अपने पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी प्रेस्टिज हॉस्पिटैलिटी वेंचर्स के जरिए हॉस्पिटैलिटी सेगमेंट के मोनेटाइज की है।

Prestige Estates Fundraise: रियल्टी फर्म प्रेस्टिज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स 5 हजार करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से शुक्रवार 21 जून को इस प्रस्ताव की मंजूरी मिल चुकी है। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक यह फंड शेयर या कोई और सिक्योरिटीज जारी कर जुटाया जाएगा। इसे क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशन प्लेसमेंट (QIP) के जरिए लाया जा सकता है। प्रेस्टिज एस्टेट्स के शेयरों की बात करें तो शुक्रवार को BSE पर यह 1.24 फीसदी की गिरावट के साथ 1990.70 रुपये के भाव पर बंद हुआ।

बोर्ड की बैठक से एक दिन पहले शेयर थे रिकॉर्ड हाई पर

प्रेस्टिज एस्टेट प्रोजेक्ट्स के शेयर बोर्ड की बैठक के एक कारोबारी दिन पहले यानी गुरुवार 20 जून को रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए थे। पिछले साल 13 जुलाई 2023 को यह एक साल के निचले स्तर 521.00 रुपये पर थे। इस लेवल से 11 महीने में ही यह करीब 294 फीसदी उछलकर 20 जून 2024 को 2,050.95 रुपये पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए रिकॉर्ड हाई है। हालांकि शेयरों की यह तेजी थम गई और मुनाफावसूली के चलते रिकॉर्ड हाई से यह करीब 3 फीसदी फिसल गया। इस साल यह करीब 70 फीसदी मजबूत हुआ है।


Prestige Estates की हॉस्पिटैलिटी सेगमेंट के मोनेटाइजेशन का प्लान

प्रेस्टिट एस्टेट्स की 5 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इसके अलावा कंपनी की योजना अपने पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी प्रेस्टिज हॉस्पिटैलिटी वेंचर्स के जरिए हॉस्पिटैलिटी सेगमेंट के मोनेटाइज की है। इसके तहत यह मार्केट की परिस्थितियों के मुताबिक के साथ-साथ शेयरहोल्डर और रेगुलेटरी अप्रूवल्स के बाद प्राइमरी, सेकंडरी या दोनों ही तरीके से शेयर जारी करेगी। इसे लेकर बोर्ड ने एक उपसमिति बनाई है जो मोनेटाइजेशन से जुड़े पूरे काम पर नजर रखेगी। इसका काम सभी नियामकीय जरूरतों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के साथ-साथ सलाहकारों और अंडरराइटर्स के साथ सहयोग बनाना है।

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