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अवैध प्रॉपरायटरी डेस्क चला रहे ब्रोकर्स का बंद हो सकता है धंधा, जानिए कैसे होता है खेल

मनीकंट्रोल ने ऐसे दो ट्रेडर्स से बात की, जिन्होंने प्रॉपरायटरी ब्रोकिंग फर्मों के जरिए इक्विटी डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग की है। मार्केट में उन्हें प्रॉप ट्रेडिंग फर्म कहा जाता है। दोनों ट्रेडर्स ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी। दोनों ने बताया कि इसके लिए जिस तरीके का इस्तेमाल होता है, वह मल्टीलेवल मार्केटिंग (MLM) स्कीमों की तरह है। इसमें प्रॉपरायटरी ब्रोकिंग फर्म ट्रेडर्स को हायर करते हैं, जो अपने तहत ज्यादा ट्रेडर्स हायर करते हैं। ये एक टीम की तरह मिलकर काम करते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 07, 2023 पर 5:02 PM
अवैध प्रॉपरायटरी डेस्क चला रहे ब्रोकर्स का बंद हो सकता है धंधा, जानिए कैसे होता है खेल
NSE की सख्ती की वजह से इस धंधे पर ताला लग सकता है। ऐसे धंधों पर अंकुश लगाने के लिए एनएसई ने अपनी जांच बढ़ाई है।

पिछले दो हफ्तों में कुछ ट्रेडर्स ने ट्विटर (अब X) पर ऐसे ब्रोकर्स की शिकायत की है, जो ट्रेडर्स को अपने ट्रेडिंग टर्मिनल्स के इस्तेमाल की इजाजत देकर अवैध प्रॉपरायटरी डेस्क चला रहे हैं। प्रॉपरायटरी स्टॉक ब्रोकर्स शेयर्स/डेरिवेटिव्स खरीदने और बेचने के लिए खुद की पूंजी का इस्तेमाल करते हैं। मनीकंट्रोल ने ऐसे दो ट्रेडर्स से बात की, जिन्होंने प्रॉपरायटरी ब्रोकिंग फर्मों के जरिए इक्विटी डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग की थी। मार्केट में उन्हें प्रॉप ट्रेडिंग फर्म कहा जाता है।

इस धंधे पर लग सकता है ताला

दोनों ट्रेडर्स ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी। दोनों ने बताया कि इसके लिए जिस तरीके का इस्तेमाल होता है, वह मल्टीलेवल मार्केटिंग (MLM) स्कीमों की तरह है। इसमें प्रॉपरायटरी ब्रोकिंग फर्म ट्रेडर्स को हायर करते हैं, जो अपने तहत ज्यादा ट्रेडर्स हायर करते हैं। ये एक टीम की तरह मिलकर काम करते हैं। लेकिन, NSE की सख्ती की वजह से इस धंधे पर ताला लग सकता है। ऐसे धंधों पर अंकुश लगाने के लिए एनएसई ने अपनी जांच बढ़ाई है।

कैसे होता है यह धंधा?

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