शेयर की कीमतों में गिरावट के बाद भी सरकारी कंपनियां मजबूत स्थिति में, जानिए एनालिस्ट्स क्यों ऐसा कह रहे हैं

PSU के शेयरों में पिछले 4-5 महीनों से तेजी दिख रही थी। इस दौरान कुछ पीएसयू स्टॉक्स की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। Bharat Electronics, Power Finance, Rural Electrification के स्टॉक्स तो 28 मार्च से अब तक 60-137 फीसदी तक चढ़े हैं

अपडेटेड Sep 13, 2023 पर 11:39 AM
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कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने 10 सितंबर को अपनी रिपोर्ट में मिडकैप स्टॉक्स में आई तेजी को लेकर चिंता जताई थी।

सरकारी कंपनियों (PSU) के शेयरों में 12 सितंबर को बड़ी गिरावट देखने को मिली। दरअसल, कई महीनों की तेजी के बाद इनवेस्टर्स ने मुनाफावसूली की। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गिरावट के बावजूद सरकारी कंपनियों की बुनियादी स्थिति (Fundamentals) में कोई बदलाव नहीं आया है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बताना मुश्किल है कि अगले कुछ हफ्तों में मार्केट में करेक्शन (गिरावट) आएगी या नहीं। PSU के शेयरों में पिछले 4-5 महीनों से तेजी दिख रही थी। इस दौरान कुछ पीएसयू स्टॉक्स की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। Bharat Electronics, Power Finance, Rural Electrification के स्टॉक्स तो 28 मार्च से अब तक 60-137 फीसदी तक चढ़े हैं।

स्टॉक्स का हाई लेवल पर टिके रहना मुश्किल था

12 सितंबर को पीएसयू स्टॉक्स में आई 7-8 फीसदी की गिरावट ने इनवेस्टर्स को चौंकाया। IDBI Capital के रिसर्च हेड ए के प्रभाकर ने बताया कि पीएसयू स्टॉक्स की वैल्यूएशंस बहुत बढ़ गई थी। स्टॉक्स का इतने ऊंचे लेवल पर टिके रहना मुमकिन नहीं था। इसलिए यह करेक्शन इन स्टॉक्स के लिए अच्छा है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि मार्केट को करेक्शन के लिए किसी तरह के ट्रिगर की जरूरत थी।


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मिडकैप में 2023 में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट

लगातार सात सत्रों की तेजी के बाद मार्केट में तेज गिरावट आई। इससे पहले हालिया तेजी में निफ्टी50 20,000 के लेवल पर पहुंच गया था। लेकिन, 12 सितंबर को आई गिरावट में सबसे ज्यादा नुकसान मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स को हुआ। दोनों कैटेगरी के करीब 90 फीसदी स्टॉक्स 12 सितंबर को लाल निशान में बंद हुए। यह 2023 में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट (मिडकैप-स्मॉलकैप में) थी।

कोटक ने 11 सितंबर को किया था सतर्क

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने 10 सितंबर को अपनी रिपोर्ट में मिडकैप स्टॉक्स में आई तेजी को लेकर चिंता जताई थी। प्रभाकर ने कहा कि कोटक इंस्टीट्यूशनल ने मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स पर रिकॉमेंडेशंस नहीं देने का ऐलान किया था। हो सकता है कि इन स्टॉक्स में आई गिरावट में इसका भी हाथ हो। उन्होंने कहा कि कई दूसरे फंड मैनेजर्स ने भी मिडकैप-स्मॉलकैप स्टॉक्स में जारी तेजी को लेकर इनवेस्टर्स को सतर्क किया था। उनका कहना था कि यह तेजी टिकाऊ नहीं है। डिफेंस और पीएसयू स्टॉक्स में तेजी के भी जारी रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती।

बिकवाली की वजह मुनाफावसूली हो सकती है

HDFC Securities में रिटेल रिसर्च के हेड दीपक जसानी ने कहा कि पीएसयू स्टॉक्स में गिरावट की वजह फंडों की बिकवाली हो सकती है। उन्होंने कहा कि लोग बिकवाली करने और मुनाफावसूली के लिए इंतजार कर रहे हैं। 12 सितंबर को कई पीएसयू स्टॉक्स में कमजोर सेंटिमेंट देखने को मिला।

पीएसयू मजबूत स्थिति में

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में वाइस प्रेसिडेंट और रिटेल रिसर्च के हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि फिलहाल पीएसयू स्टॉक्स के फंडामेंटल्स में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है। हालांकि, उन्होने कहा कि यह बताना मुश्किल है कि यह मुनाफावसूली कब तक जारी रहेगी। अगर आपने मुझसे एक महीना पहले पूछा होता तो मैं बताता कि इन स्टॉक्स में प्रॉफिट-बुकिंग की संभावना नजर आती है। लेकिन, पिछले महीने ऐसा नहीं हुआ। इन स्टॉक्स में तेजी जारी रही।

स्टॉक्स में तेजी की वजहें

पीएसयू स्टॉक्स में तेजी की एक वजह सरकार का लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस हो सकता है। जसानी ने कहा कि कई कारणों से पीएसयू स्टॉक्स में तेजी आई। पहला, अट्रैक्टिव वैल्यूएशन, दूसरा मेक-इन-इंडिया पर सरकार का जोर और अंत में पॉजिटिव खबरों का फ्लो था। इन वजहों से सरकारी कंपनियों के शेयरों में तेजी का ट्रेंड दिख रहा था।

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