चौथी तिमाही के नतीजों का स्कोरकार्ड, जानिए किनके नतीजे रहे शानदार, कहां से मिली निराशा
इस अवधि में सबसे खराब प्रदर्शन आईटी का रहा है, जबकि सबसे अच्छा प्रदर्शन बैंकिंग का रहा है। ऑटो ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अब पेंट अप डिमांड धीमी हो रही है। कम मांग और उच्च ऑपरेटिंग लागत के कारण एफएमसीजी का प्रदर्शन मामूली रूप से कमजोर रहा है। लेकिन सीमेंट सेक्टर का प्रदर्शन उत्साहजनक रहा है
FMCG सेक्टर में ITC के नतीजे शानदार रहे हैं। इसके सिगरेट वॉल्यूम में 12 फीसदी का उछाल देखने को मिला। वहीं, होटल सेगमेंट कोविड पूर्व लेवल पर आता दिखा है
Q4 Scorecard: मार्च तिमाही के नतीजों का मौसम समाप्ति के कगार पर आ पहुंचा है। निवेशकों के लिए इस तिमाही खास बात घरेलू बाजार की मजबूती और ग्लोबल बाजार की उठापटक रही है। घरेलू मांग में जबरदस्त मजबूती के चलते चौथी तिमाही में लगभग सभी सेक्टरों के मुनाफे में बढ़त देखने को मिली है। महंगाई के ऊंचे स्तर के बावजूद चौथी तिमाही में कंपनियों के बॉटम लाइन (मुनाफे) में मजबूती देखने को मिली है, ये अपने में काफी बड़ी बात है।
भारत में बढ़ते खपत स्तर के चलते बैंकिग, ऑटो, टेलीकॉम और FMCG कंपनियों को सपोर्ट मिला है। वहीं दूसरी तरफ इस तिमाही में आईटी सेक्टर पर दबाव देखने को मिला है। ये सेक्टर विकसित देशों की मंदी और अमेरिका के बैंकिंग संकट का सबसे बड़ा शिकार रहा है। इसके अलावा अतीत की कुछ गलतियां भी उनका दर्द बढ़ाती नजर आई हैं।
चौथी तिमाही में कुछ कंपनियों के नतीजे काफी शानदार रहे हैं। जबकि कुछ के नतीजें ने निराश भी किया है आइये देखते हैं। इस अवधि में देश की जानी-मानी कंपनियों और सेक्टर के नतीजे कैसे रहे हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज और अदाणी इंटरप्राइजेज के नतीजे रहे शानदार
रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजे काफी शानदार रहे हैं। इसके ऑयल से लेकर केमिकल, डिजिटल और रिटेल सभी सेगमेंट केनतीजे जोरदार रहे हैं। कंपनी के कर्ज से जुडे मुद्दे पर मैनजेमेंट की कमेंट्री और कैपिटल एलोकेशन के गाइडेंस से निवेशकों की चिंताएं दूर हुई हैं। इसी तरह अदाणी इंटरप्राइजेज के नतीजे भी शानदार रहे हैं। सभी कारोबारी सेगमेंट के शानदार प्रदर्शन के कारण कंपनी का मुनाफा दो गुना से ज्यादा हो गया है।
चौथी तिमाही में बैंकिंग सेक्टर के लोन वितरण में बढ़त
अगल अलग सेक्टर की बात करें तो बढ़ती ब्याज दरों के बावजूद चौथी तिमाही में बैंकिंग सेक्टर के लोन वितरण में बढ़त देखने को मिली है। इसके साथ ही इंट्रेस्ट मार्जिन में मजबूती देखने को मिली है। असेट क्वालिटी में भी स्थिरता रही है। वित्त वर्ष 2023 में भारत के सरकारी बैंकों का कुल मुनाफा 1 लाख करोड़ रुपये के पार रहा है। इस मुनाफे में 50 फीसदी की हिस्सेदारी अकेले एसबीआई की है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2017-18 में सरकारी बैंकों को 85390 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इसके बाद से इनके प्रदर्शन में लगातार सुधार देखने को मिला है। एक तरफ जहां अमेरिकी बैंकिंग सेक्टर संकट से जूझ रहा है। वहीं भारत का बैंकिंग सेक्टर जबरदस्त मजबूती दिखा रहा है।
FMCG सेक्टर ने भी दिखाया दम
चौथी तिमाही में FMCG सेक्टर के मुनाफे में भी जोरदार तेजी देखने को मिली है। हालांकि उत्पादन लागत के ऊंचे स्तरों पर बने रहने के चलते इस सेक्टर का वॉल्यूम और मार्जिन अनुमान से कमजोर रहे हैं। FMCG सेक्टर में ITC के नतीजे शानदार रहे हैं। इसके सिगरेट वॉल्यूम में 12 फीसदी का उछाल देखने को मिला। वहीं, होटल सेगमेंट कोविड पूर्व लेवल पर आता दिखा है।
आईटी सेक्टर के लिए खराब रही चौथी तिमाही
भारतीय आईटी कंपनियां चौथी तिमाही में अमेरिकी बैंकिंग संकट और मंदी की सबसे बड़ी शिकार बनी। भारतीय आईटी कंपनियों के लिए अमेरिका और यूरोप सबसे बड़े बाजार हैं। यहीं से इनको सबसे ज्यादा ऑर्डर मिलते। अमेरिका और यूरोप में किसी वित्तीय संकट का मतलब होता है भारतीय आईटी कंपनियों के ऑर्डर में गिरावट और पहले से मिले ऑर्डर कैंसिल होना। चौथी तिमाही में भारतीय आईटी कंपनियों को ये सब सहना पड़ा।
कमोडिटी कंपनियों के लिए भी कमजोर रही तिमाही
वित्त वर्ष 2023 कमोडिटी कंपनियों के लिए भी खराब रही। कमोडिटी की कीमतों में ग्सोबल स्तर पर गिरावट ने इन कंपनियों की हालत खराब कर दी। कोल इंडिया जैसी पीएसयू कंपनी को बढ़ी वेतन लागत का भी दबाव झेलना पड़ा।
बैंकिंग सेक्टर के अच्छे नतीजों के बावजूद यस बैंक ने मुनाफे में 45 फीसदी की गिरावट दर्ज करके बैंकिंग क्षेत्र में धारा के विपरीत प्रदर्शन किया। जिससे उसके शेयरधारकों की परेशानी और बढ़ गई।
वोल्टास, यूपीएल, एनटीपीसी और अल्ट्राटेक सीमेंट को भी तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा। बढ़ती प्रतिस्पर्धा और घटती बिक्री से लेकर उत्पादन लागत में बढ़ोतरी इनके लिए बड़ा दर्द रहा।
चौथी तिमाही के नतीजों पर बोलते हुए जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के सतीश मेनन ने कहा कि इस अवधि में सबसे खराब प्रदर्शन आईटी का रहा है, जबकि सबसे अच्छा प्रदर्शन बैंकिंग का रहा है। ऑटो ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अब पेंट अप डिमांड धीमी हो रही है। उन्होंने आगे कहा कम मांग और उच्च ऑपरेटिंग लागत के कारण एफएमसीजी का प्रदर्शन मामूली रूप से कमजोर रहा है। लेकिन सीमेंट सेक्टर का प्रदर्शन उत्साहजनक रहा है। जिन कंपनियों और सेक्टरों का ग्लोबल इकोनॉमी में ज्यादा एक्सपोजर है उनमें कमजोरी देखने को मिल रही है।