रमेश दमानी ने कहा-अगर लार्जकैप स्टॉक्स में जबर्दस्त तेजी आती है तो यह बुलरन खत्म होने का संकेत होगा

दिग्गज निवेशक रमेश दमानी ने कहा कि स्टॉक मार्केट में फटाफट मुनाफा कमाने के चक्कर में रिटेल इनवेस्टर्स बड़ी कमाई के मौके चूक रहे हैं। मैं इस बात से खुश हूं कि रिटेल इनवेस्टर्स इस बुलरन में प्रॉफिट बना रहे हैं। लेकिन, इस बात से निराश हूं कि डेरेवेटिव्स में उन्हें 50,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है

अपडेटेड Sep 26, 2024 पर 3:15 PM
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रमेश दमानी ने कहा कि इंडिया में अब फोकस मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स की जगह लॉर्जकैप स्टॉक्स पर शिफ्ट हो रहा है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

स्टॉक मार्केट की चाल जब पहेली लग रही हो तो रमेश दमानी जैसे दिग्गज निवेशक से बातचीत से बेहतर दूसरा कुछ नहीं हो सकता। मनीकंट्रोल ने स्टॉक मार्केट में काफी समय से जारी तेजी के बीच रमेश दमानी से बातचीत की। उनसे बुलरन से जुड़े कई सवाल पूछे। उनसे फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग में रिटेल इनवेस्टर्स की बढ़ती दिलचस्पी के बारे में भी बात की। उनसे आईपीओ मार्केट में निवेशकों की जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी की भी वजह पूछी।

मार्केट में तेजी हमेशा जारी नहीं रहती

दमानी (Ramesh Damani) ने मार्केट के बुल रन के बारे में एक अहम बात बताई। उन्होंने कहा कि बाजार की कोई भी रैली हमेशा जारी नहीं रहती है। उन्होंने जापान और थाइलैंड का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि इंडिया में अब फोकस मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स की जगह लॉर्जकैप स्टॉक्स पर शिफ्ट हो रहा है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर लॉर्जकैप स्टॉक्स में ज्यादा तेजी आती है तो यह बुलरन के अंत का संकेत होगा। इसकी वजह यह है कि लार्जकैप स्टॉक्स में बहुत ज्यादा तेजी मार्केट के लिए खतरे का संकेत होता है।


फटाफट मुनाफा कमाने की चाहत से नुकसान

उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि रिटेल इनवेस्टर्स इस बुलरन में प्रॉफिट बना रहे हैं। लेकिन, इस बात से मैं निराश हूं कि डेरेवेटिव्स में उन्हें 50,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। सेबी ने हाल में आई अपनी स्टडी में कहा है कि फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग में 90 फीसदी से ज्यादा ट्रेडर्स को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इंडिया में स्टॉक मार्केट्स में पहुले हुए बड़े घोटालों की वजह ट्रेडिंग यानी फटाफट मुनाफा कमाने की चाहत रही है। इन घोटालों में उन लोगों का हाथ नहीं था, जो इनवेस्टमेंट में भरोसा करते हैं।

लंबे समय तक निवेश बनाए रखने वालों को पैसे की कमी नहीं

दमानी ने कहा कि हम यह मानते हैं कि किसी कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहने पर उसका मुनाफा बढ़ता है। मुनाफा बढ़ने पर उसके शेयर की कीमत चढ़ती है। ट्रेडर्स की सोच इससे अलग होती है। वे सिर्फ प्राइस एक्शन को देखते हैं। उन्होंने कहा कि फटाफट कमाई के चक्कर में लोग बड़ी कमाई के मौके चूक जाते हैं। शेयरों को खरीदने और लंबे समय तक रखने से वेल्थ बनता है। बीते 30-40 साल में इंडियन मार्केट का कंपाउंडेड रिटर्न 16-17 फीसदी रहा है। जिन लोगों ने इस दौरान शेयरों को खरीदने के बाद अपने पास बनाए रखा, आज उनके पास पैसे की कमी नहीं है। लेकिन, फटाफट कमाई के चक्कर में रिटेल इनवेस्टर्स 200 गुना और 500 गुना रिटर्न कमाने का मौका चूक जा रहे हैं।

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छोटा-छोटा मुनाफे की जगह बड़े मुनाफे पर फोकस  रखना चाहिए

आईपीओ में जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी के बारे में उन्होंने कहा कि निवेशकों को सावधानी बरतने की जरूरत है। शानदार बिजनेस को पीक पर पहुंचने में सालों का समय लगता है। इनवेस्टर्स को ऐसे स्टॉक्स अपने पोर्टफोलियो में सालों तक रखने चाहिए। उन्हें जल्दबाजी में प्रॉफिटबुकिंग नहीं करनी चाहिए। थोड़े-थोड़े समय के बाद स्टॉक मार्केट में तेजी के मौके आते हैं। इसलिए निवेशकों को छोटा-छोटा मुनाफा कमाने की जगह मार्केट को समय देना चाहिए।

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